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Kotak Mahindra Bank के MD-CEO पद से उदय कोटक का इस्तीफा, कौन लेगा उनकी जगह, जानें एक छोटी सी कंपनी से कैसे खड़ा किया अरबों का बैंक 

जमनालाल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज से पढ़े उदय कोटक की भारत के बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर में अहम योगदान रहा है. सिर्फ 26 साल की आयु में उन्होंने कोटक महिंद्रा फाइनेंस की शुरुआत की थी. आज कोटक महिंद्रा बैंक देश का तीसरा सबसे बड़ा प्राइवेट बैंक है.

उदय कोटक (फाइल फोटो) उदय कोटक (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
  • कोटक महिंद्रा बैंक देश का तीसरा सबसे बड़ा प्राइवेट बैंक है

  • बचपन में क्रिकेटर बनना चाहते थे उदय कोटक

उदय कोटक ने कोटक महिंद्रा बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) के पद से इस्तीफा दे दिया है. इसी के साथ बैंक के साथ चला आ रहा उनका लंबा सफर अब खत्म हो गया है. इस दौरान उनकी लीडरशिप में न केवल कोटक महिंद्रा बैंक ने नई ऊंचाई तय की साथ ही घरेलू बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर को उदय कोटक के अनुभव का पूरा फायदा मिला है. आइए जानते हैं उदय कोटक की जगह कौन लेगा और कैसे उदय ने एक छोटी सी कंपनी से अरबों का बैंक खड़ा किया.

अब दीपक गुप्ता संभालेंगे बैंक की जिम्मेदारी 
अंतरिम व्यवस्था के तहत उदय कोटक की जगह अब कोटक महिंद्रा बैंक के जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर दीपक गुप्ता 31 दिसंबर तक बैंक के MD और CEO पद की जिम्मेदारी संभालेंगे. हालांकि बैंक को अभी इसके लिए RBI और मेंबर्स ऑफ बैंक से मंजूरी लेनी होगी. उदय कोटक, कोटक महिंद्रा बैंक के नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और शेयरहोल्डर के तौर पर बैंक से जुड़े रहेंगे.

कार्यकाल 31 दिसंबर 2023 को हो रहा था समाप्त 
बैंक के CEO और MD के रूप में उदय कोटक का कार्यकाल 31 दिसंबर 2023 को समाप्त हो रहा था. उदय कोटक को जनवरी 2021 में तीन साल के लिए फिर से बैंक का MD और CEO नियुक्त किया गया था. बैंक ने नए MD और CEO को लेकर पहले ही RBI को एप्लिकेशन दे रखी है. नए CEO का कामकाज 1 जनवरी 2024 से शुरू होगा.

उदय कोटक ने बैंक के बोर्ड को लिखा लेटर
उदय कोटक ने बैंक के बोर्ड को लिखे लेटर में कहा, मैं इस पूरी यात्रा का दिल से हिस्सा बनकर रहा, अब आगे बढ़ने का समय आ गया है. मेरे पास अभी कुछ और महीने हैं, लेकिन मैं तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे रहा हूं. मैं पिछले कुछ समय से इस बारे में सोच रहा था और मुझे लगा कि यह संस्थान के लिए सही समय है. मैं इस शानदार कंपनी का फाउंडर, प्रमोटर और महत्वपूर्ण शेयरधारक होने के नाते आने वाले सालों में पूरी दुनिया का नेतृत्व करने वाले भारत की कल्पना करता हूं.

संस्थान की सेवा करना जारी रखूंगा
संस्थापक के रूप में, मैं ब्रांड कोटक से गहराई से जुड़ा हुआ हूं और नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और महत्वपूर्ण शेयरधारक के रूप में संस्थान की सेवा करना जारी रखूंगा. विरासत को आगे बढ़ाने के लिए हमारे पास एक शानदार मैनेजमेंट टीम है. संस्थापक चले जाते हैं, लेकिन संस्था निरंतर फलती-फूलती रहती है.

कोटक ने सोशल मीडिया पर पोस्ट भी शेयर की
कोटक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखी एक पोस्ट में कहा कि वह बैंक में नई पीढ़ी के हाथों में कमान सौंपने की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए पद छोड़ रहे हैं. उन्होंने कहा, कोटक महिंद्रा बैंक के चेयरमैन, मुझे और हमारे जॉइंट मैनेजिंग डायरेक्टर, तीनों को इस साल के अंत तक अपना पद छोड़ना है.

पिता बंटवारे के बाद कराची से भारत आए थे
उदय कोटक का जन्म 15 मार्च 1959 को मुंबई में एक अपर मिडिल क्लास फैमिली में हुआ. उस जमाने में उदय के पिता रमेश कोटक का कॉटन का बिजनेस हुआ करता था. उनके पिता बंटवारे के बाद कराची से भारत लौट आए. उनके परिवार का मूल रूप से कॉटन और खेती का बिजनेस था. कोटक ने अपनी स्कूली शिक्षा हिंदी विद्या भवन में पूरी की. 

उदय ने सिडेनहैम कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स से बी. कॉम की डिग्री ली. उन्होंने जमनालाल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज से पोस्ट-ग्रेजुएशन किया. उदय कोटक ने परिवार से हटकर अलग राह चुनी. शुरू में परिवार इनसे सहमत नहीं था. लेकिन उदय कोटक के इरादे बुलंद थे, और 26 साल की उम्र में कोटक बैंक की नींव रख दी थी. 

दोस्त आनंद महिंद्रा से ली थी आर्थिक मदद
उदय कोटक ने साल 1985 में अपने दोस्त आनंद महिंद्रा की आर्थिक मदद से एक गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी की शुरुआत की थी. उदय ने अपनी कंपनी का नाम दोस्त के नाम पर ही कोटक महिंद्रा रखा था. बिल डिस्काउंट के काम के साथ शुरू हुई फर्म ने बाद में लोन पोर्टफोलियो, स्टॉक ब्रोकरिंग, इन्वेस्टमेंट बैंकिंग, इंश्योरेंस और म्यूचुअल फंड्स में विस्तार किया, और फिर 2003 में यह गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी कोटक महिंद्रा बैंक का रूप ले लिया. 2003 में आरबीआई ने उनकी कंपनी को बैंकिंग लाइसेंस प्रदान किया था.

क्रिकेटर बनने का था सपना
20 साल की उम्र में उदय कोटक को जब क्रिकेट के मैदान में सिर पर गेंद लगी तो वो बेहोश होकर गिर पड़े. परिवार उन्हें लेकर अस्पताल पहुंचा तो डॉक्टर ने कहा कि चोट ज्यादा है, इसलिए तुरंत ऑपरेशन करना पड़ेगा. इस चोट की वजह से उन्हें क्रिकेट के मैदान को अलविदा कहना पड़ा, और इससे उनकी पढ़ाई पर भी एक साल के लिए ब्रेक लग गया था.

सफलता के पीछे पत्नी का हाथ
कहा जाता है कि हर कायमाब इंसान के पीछे एक महिला का हाथ होता है. उदय कोटक की इस सफलता के पीछे उनकी पत्नी पल्लवी कोटक की बड़ी भूमिका है. ये दोनों साल 1985 में शादी के बंधन से बंधे. पल्लवी कोटक ने शुरुआती दिनों में उदय कोटक को नौकरी करने की जगह खुद का कारोबार शुरू करने की सलाह दी थी. इन दोनों के एक बेटा और एक बेटी है.

इन बड़े पदों पर भी रहे 
कोटक महिंद्रा बैंक के अलावा उदय कोटक कई अन्य बड़े पदों पर भी रहे हैं. वो इंडो-यूके फाइनेंशियल पार्टनरशिप के को-चेयरपर्सन रहे हैं. इसके इलावा वो कॉर्पोरेट इनसॉल्वेंसी एंड लिक्विडेशन (इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी बोर्ड) की एडवाइजरी कमेटी में भी रहे. वो मई 2021 तक सीआईआई के प्रेजीडेंट भी थे. उन्होने सिंगापुर सरकार के साथ सलाहकार के रूप में भी काम किया. उन्हें देश विदेश के कई सम्मानित पुरुस्कार भी हासिल हुए हैं.

उदय कोटक की इतनी है टोटल नेटवर्थ
कोटक महिंद्रा बैंक आज देश का तीसरा सबसे बड़ा प्राइवेट बैंक है. कोटक का कहना है कि जिस इनवेस्टर ने 1985 में बैंक में 10,000 रुपए का निवेश किया था, आज उसकी वैल्यू 300 करोड़ रुपए हो गई है. कोटक की इस बैंक में 26% हिस्सेदारी है. ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के मुताबिक, उदय कोटक की टोटल नेटवर्थ 13.4 बिलियन डॉलर यानी 1.10 लाख करोड़ रुपए है