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Union Budget 2024 Timing: क्यों सुबह 11 बजे ही पेश किया जाता है बजट? जानें इससे जुड़े अब तक क्या-क्या हुए हैं बड़े बदलाव 

बजट पेश करने की तारीख में भी बदलाव हो चुका है. ऐतिहासिक रूप से फरवरी के आखिर में बजट पेश किया जाता था, लेकिन फिर इसे बदल दिया गया. इसे बदलकर 1 बाद में फरवरी कर दिया गया.

Budget 2024 Budget 2024
हाइलाइट्स
  • बजट में समय रखता है बड़ा महत्व 

  • रेलवे बजट को भी इसमें बाद में जोड़ा गया 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Minister Nirmala Sitharaman) 23 जुलाई को केंद्रीय बजट पेश करने वाली हैं. यह बजट अपने आप में विशेष महत्व रखता है. लगातार तीसरी बार सरकार बनाने वाली एनडीए का ये पहला बजट है. इससे पहले वित्त मंत्री ने फरवरी में अंतरिम बजट पेश किया था. अब जुलाई में पूर्ण बजट पेश किया जाएगा. 

सरकार का लक्ष्य आने वाले वित्तीय वर्ष के लिए अपने नीतिगत एजेंडे की रूपरेखा तैयार करना है. हालांकि, बजट शुरुआत से ऐसा नहीं था इसमें कई बदलाव हुए हैं.

बजट में समय रखता है बड़ा महत्व 
आमतौर पर ब्रिटिश टाइम (BST) के अनुसार बजट शाम 5 बजे पेश किया जाता था. क्योंकि भारतीय समय (IST) ब्रिटिश समय से 4 घंटे 30 मिनट आगे है, इसलिए भारत में शाम 5 बजे बजट पेश करने से यह सुनिश्चित हुआ कि इसकी घोषणा लंदन में दोपहर 12:30 बजे की गई होगी, ताकि दोनों जगह का तालमेल बैठ सके. साल 1947 में भारत को आजादी मिलने के बाद भी यही प्रथा जारी रही.

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हालांकि, 1999 में वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने सुबह 11 बजे बजट पेश कर इस परंपरा को तोड़ दिया था. 27 फरवरी, 1999 को अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार में, यशवंत सिन्हा ने तर्क दिया कि सुबह बजट पेश करने से संसदीय बहस और बजट प्रस्तावों के विश्लेषण के लिए ज्यादा समय मिलेगा. तब से, सभी केंद्रीय बजट सुबह 11 बजे पेश किए जाते हैं, यह प्रथा आज भी जारी है और निर्मला सीतारमण उसी समय 2024 का बजट पेश करने वाली हैं.

बजट पेश करने की तारीख में बदलाव
हालांकि, बजट पेश करने की तारीख में भी बदलाव हो चुका है. ऐतिहासिक रूप से फरवरी के आखिर में बजट पेश किया जाता था, लेकिन फिर इसे बदल दिया गया. इसे बदलकर 1 फरवरी कर दिया गया. यह प्रथा 2017 तक जारी रही जब वित्त मंत्री अरुण जेटली ने  बजट पेश करने की तारीख 1 फरवरी कर दी. अरुण जेटली ने तर्क दिया कि बजट पहले पेश करने से सरकार को 1 अप्रैल को वित्तीय वर्ष की शुरुआत तक नई नीतियों और परिवर्तनों को लागू करने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा. इस बदलाव ने एक बड़ी औपनिवेशिक विरासत को खत्म कर दिया. 

रेलवे बजट को भी इसमें जोड़ा गया 
परंपरा से हटकर, बीजेपी सरकार ने रेल बजट को केंद्रीय बजट के साथ मिला दिया. पहले रेल बजट अलग से पेश किया जाता था. हालांकि, इस बदलाव का उद्देश्य बजट प्रक्रिया को सरल बनाना और सरकार की वित्तीय योजनाओं और प्राथमिकताओं को और आसानी से समझाना था. 

अब जैसे-जैसे केंद्रीय बजट 2024 पेश करने की तारीख नजदीक आ रही है अलग-अलग क्षेत्रों और हितधारकों को इससे काफी उम्मीदें हैं.