
बिजनौर में रविवार को फ्रेंच फ्राइज प्लांट की नींव रखी गई. यह प्लांट बेल्जियम के एग्री स्टोर और भारत के व्यय ग्रुप का जॉइंट वेंचर है. ₹750 करोड़ के निवेश से बना यह प्लांट सालाना 80,000 टन फ्रेंच फ्राइज का उत्पादन करेगा, जिसमें से 70 फीसदी माल एक्सपोर्ट होगा.
इस प्लांट का उद्घाटन समारोह बिजनौर में आयोजित किया गया, जिसमें प्रमुख अतिथियों ने भाग लिया. इस अवसर पर एग्री स्टोर और व्यय ग्रुप के प्रतिनिधियों ने कहा, "यह प्लांट उत्तर भारत की आलू प्रसंस्करण की सबसे बड़ी इकाइयों में से एक होगा."
1,36,000 टन फ्रेंच फ्राइज का एक्सपोर्ट किया था
इस प्लांट के स्थापित होने से उत्तर प्रदेश के आलू प्रसंस्करण उद्योग को नई दिशा मिलेगी. पिछले दो दशकों में भारत विश्व के फ्रेंच फ्राइज बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरा है. 2023-24 में देश ने लगभग 1,36,000 टन फ्रेंच फ्राइज का एक्सपोर्ट किया था जिसकी कीमत लगभग ₹1,500 करोड़ थी.
कृषि प्रधान राज्य
वर्तमान में भारत में ज्यादातर फ्रेंच फ्राइज का उत्पादन गुजरात के बनासकांठा जिले में होता है. हालांकि उत्तर प्रदेश जैसे कृषि प्रधान राज्यों में इस उद्योग के लिए अपार संभावनाएं हैं. अगले दो वर्षों में, जब फ्रेंच फ्रायर लाइन चालू होगी, तो यह प्लांट सालाना 80,000 टन फ्रेंच फ्राइज का उत्पादन करेगा और 20,000 एकड़ आलू क्षेत्र की आवश्यकता होगी, जिसमें लगभग 3,000 किसान शामिल होंगे.
निर्यात बाजार
भारत, दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य पूर्व, जापान और ताइवान जैसे पूर्वी एशियाई देशों को फ्रेंच फ्राइज एक्सपोर्ट करता है. घरेलू स्तर पर फ्रेंच फ्राइज की सालाना खपत 1,00,000 टन होने का अनुमान है जिसकी कीमत करीब ₹1,400 करोड़ तक होगी. प्रमुख भारतीय उत्पादकों में हाइफन फूड्स, इस्कॉन, बालाजी फूड्स, फनवेव फूड्स, चिलफिल फूड्स और जीआर सिंपलॉट शामिल हैं. इनके सभी प्लांट गुजरात से संचालित होते हैं.
भविष्य की योजनाएं
इस प्लांट के माध्यम से उत्तर प्रदेश में आलू प्रसंस्करण उद्योग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की योजना है. एग्री स्टोर और व्यय ग्रुप का यह जॉइंट वेंचर न केवल राज्य के किसानों को लाभान्वित करेगा, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगा.