उत्तर प्रदेश के झांसी की रहने वाली एक लड़की आईआईएम से पढ़ाई करती है. उसके बाद जॉब करने लगती है. नौकरी के दौरान वो देखती है कि कई बार सामान वापस आ जाता है और कंपनी उसे कूड़े में फेंक देती है. काफी सोच-विचार करने के बाद उसने एक अनोखा स्टार्टअप शुरू किया और रिसाइकिल-अपसाइकिल चीजों से बने प्रोडक्ट बेचने शुरू किया. वो बड़े शहरों के साथ इस ब्रांड को छोटे शहरों में पहुंचाने जाने का काम कर रही हैं. उस लड़की का नाम हर्षिता चंद्रा है और उनकी कंपनी का नाम अपसाइकल लक्स है. पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने वाली इस कंपनी का कारोबार करोड़ों में है.
IIM से पढ़ाई के बाद की नौकरी-
हर्षिता चंद्रा उत्तर प्रदेश के झांसी जिले की रहने वाली हैं. उन्होंने आईआईएम (IIM) और एनआईएफटी (NIFT) से पढ़ाई की. उसके बाद नौकरी करने लगी. उन्होंने कई कंपनियों में काम किया. इस दौरान उन्होंने देखा कि कई बार सामान वापस आ जाता है और कंपनी इसे कूड़े में फेंक दिया जाता था. हर्षिता ने इन बेकार के प्रोडक्ट से कुछ अलग करने का प्लान बनाया. उन्होंने काफी सोच-विचार करने के बाद एक अनोखा स्टार्टअप शुरू किया.
कंपनी की शुरुआत-
हर्षिता चंद्रा ने फेंक दिए जाने वाले प्रोडक्ट को रिसाइकिल और अपसाइकिल करने की शुरुआत की. उन्होंने साल 2020 में स्टार्टअप अपसाइकिल लक्स (Upcycleluxe) की शुरुआत की. यह कंपनी रिसाइकिल या अपसाइकिल चीजों से बने प्रोडक्ट बेचे जाते हैं. रिसाइकिल या अपसाइकिल का मतलब है कि प्लास्टिक की बोतल, प्लास्टिक के पुराने आइटम, लकड़ी की छाल, चमड़े के बेकार टुकड़े जैसी चीजों से पेन स्टैंड, शर्ट, टी शर्ट, मोबाइल स्टैंड, लैपटॉप स्टैंड जैसे प्रोडक्ट बनाए जाते हैं और इसे ऑनलाइन बेचा जाता है. इससे लोगों को रोजगार भी मिलता है. हर्षिता चंद्रा का स्टार्टअप कारोबार के साथ पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा देता है.
कंपनी का कारोबार-
साल 2020 में हर्षिता चंद्रा ने इस कंपनी की शुरुआत की थी. हालांकि बाद में इससे लोग जुड़ते चले गए. बाद में हर्षिता चंद्रा के साथ शुभम जैन और कार्तिकेय चंद्र भी बतौर को-फाउंडर जुड़ गए. इस कंपनी में 100 से ज्यादा कर्मचारी हैं. यह देश का पहला कार्बन न्यूट्रल और जीरो-वेस्ट सस्टेनेबल फैशन मार्केट प्लेस है. सभी प्रोडक्ट प्लास्टिक फ्री पैक किए जाते हैं. कंपनी का मुख्यालय दिल्ली में है. कंपनी की वैल्यू करीब 15 करोड़ रुपए है.
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