अब भारत के अलावा और देशों में भी आप यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) का इस्तेमाल कर सकते हैं. UPI के माध्यम से पेमेंट अब सात देशों में किया जा सकेगा. इन देशों में फ्रांस, यूएई, मॉरीशस, श्रीलंका, सिंगापुर, भूटान और नेपाल ऐसे देश हैं जहां यूपीआई से पेमेंट कर सकेंगे. भारत की फिनटेक यात्रा में इसे एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है. अब वैश्विक मंच पर भारत की डिजिटल टेक्नोलॉजी भी अपनी जगह बन रही है.
मेक इन इंडिया की बड़ी उपलब्धि
हाल ही में इसे श्रीलंका और मॉरीशस में लॉन्च किया गया है. यूपीआई पेमेंट अब इन दोनों देशों के अलावा, फ्रांस, यूएई, सिंगापुर, भूटान और नेपाल में भी स्वीकार किया जाएगा. इसकी मदद से 'मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड' पहल को बढ़ावा दिया जा रहा है.
बता दें, इससे पहले वैश्विक स्तर पर यूपीआई को बढ़ावा देने की पहल पिछले साल भी की गई थी. इसका जिक्र जी20 बैठकों में भी किया गया था.
पीएम मोदी का विजन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आधुनिक डिजिटल तकनीक पर जोर देते हुए श्रीलंका और मॉरीशस में यूपीआई सेवाओं की शुरुआत की सराहना की है. पीएम मोदी ने उम्मीद जताई कि नई फिनटेक सेवाएं द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेंगी.
इसे लेकर पीएम मोदी ने कहा कि इसकी मदद से भारत में एक "क्रांतिकारी बदलाव" लाया गया है. पिछले साल इस सर्विस के माध्यम से 2 लाख करोड़ रुपये या आठ ट्रिलियन श्रीलंकाई रुपये और एक ट्रिलियन मॉरीशस रुपये से अधिक मूल्य के 100 अरब से ज्यादा ट्रांजेक्शन किए गए थे.
पीएम मोदी ने कहा, “आज हिंद महासागर क्षेत्र के तीन मित्र देशों के लिए एक विशेष दिन है. आज हम अपने ऐतिहासिक संबंधों को आधुनिक डिजिटल तरीके से जोड़ रहे हैं. मुझे विश्वास है कि यूपीआई सिस्टम से जुड़ने से श्रीलंका और मॉरीशस को भी फायदा होगा."
भूटान में सबसे पहले किया था शुरू
पेरिस के एफिल टावर से विश्व स्तर पर यूपीआई का औपचारिक लॉन्च किया गया था. बता दें, भूटान, BHIM ऐप के माध्यम से UPI ट्रांजेक्शन को सक्षम करने वाला पहला देश बना था. भूटान ने 2021 में यूपीआई पेमेंट सिस्टम शुरू किया था. अब भविष्य को देखते हुए, ऐसे संकेत हैं कि जापान भी भारत के यूपीआई पेमेंट सिस्टम में शामिल हो सकता है.