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बदल जाएगा UPI AutoPay का तरीका!अकाउंट में ब्लॉक रहेगा पैसा...कैसे करेगा काम? जानिए

भारतीय रिजर्व बैंक यूपीआई में सिंगल पेमेंट अमाउंट ब्लॉक करने और उसे अलग-अलग कामों के लिए इस्तेमाल करने की सुविधा देने जा रहा है. इसके जरिए लोग होटल बुकिंग, पूंजी बाजार आदि में निवेश कर सकेंगे.

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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI)ने यूजर्स को यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) का उपयोग करके अपने बैंक खातों में अपने फंड को ब्लॉक करने की अनुमति दी है. इसका उपयोग बाद में विशिष्ट भुगतान करने के लिए किया जा सकता है. इससे शेयर बाजार में तेजी से लेनदेन, सरकारी प्रतिभूतियों की खुदरा खरीद, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर खर्च और होटल बुकिंग में तेजी आएगी.

इस कदम का उद्देश्य लेन-देन में उच्च स्तर का विश्वास पैदा करना है क्योंकि व्यापारियों को समय पर भुगतान का आश्वासन दिया जाएगा, जबकि माल या सेवाओं की वास्तविक डिलीवरी तक ग्राहक के खाते में धनराशि बनी रहेगी. भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) इस मुद्दे पर अलग से निर्देश जारी करेगा.केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा, "यूपीआई में एकल-ब्लॉक-और-मल्टीपल डेबिट कार्यक्षमता शुरू करने का निर्णय लिया गया है, जो ई-कॉमर्स स्पेस में भुगतान करने और प्रतिभूतियों में निवेश करने में आसानी को बढ़ाएगा." 

कैसे करेगी काम?
इस व्यवस्था के जरिए ग्राहकों को भुगतान के लिये राशि अपने खाते में ब्लॉक करने की सुविधा मिलेगी और जब भी जरूरत हो, संबंधित राशि खाते से काटी जा सकेगी. इस सुविधा का उपयोग होटल बुकिंग, कैपिटल मार्केट में सिक्योरिटीज़ के साथ-साथ सरकारी सिक्योरिटीज़ यानी प्रतिभूति की खरीद में किया जा सकेगा. प्रतिभूति खरीदने के लिये केंद्रीय बैंक की खुदरा प्रत्यक्ष योजना के जरिये इसका उपयोग किया जा सकता है. इससे लेन-देन में भरोसा बढ़ेगा क्योंकि कारोबारियों को समय पर भुगतान का भरोसा मिलेगा. वहीं वस्तु या सेवाएं मिलने तक राशि ग्राहक के खाते में पड़ी होगी.

70 लाख से अधिक ऑटो पेमेंट सर्विस का मैनेजमेंट
यूपीआई के जरिये फिलहाल निर्धारित समय पर होने वाले लेन-देन और सिंगल-ब्लॉक-एंड-सिंगल-डेबिट की सुविधा है. मासिक आधार पर 70 लाख से अधिक ऑटो पेमेंट सर्विस का मैनेजमेंट यूपीआई के जरिये हो रहा है. वहीं आधे से अधिक आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) आवेदनों की प्रोसेसिंग यूपीआई में रकम ब्लॉक करने की सुविधा से हो रहा है.

इसके अलावा आरबीआई ने सभी भुगतान और संग्रह को शामिल करने के लिए भारत बिल भुगतान प्रणाली (बीबीपीएस) के दायरे का भी विस्तार किया है. बीबीपीएस का उपयोग मुख्य रूप से आवर्ती बिल भुगतान (recurring bill payments) करने के लिए किया जाता है. हालांकि, बीबीपीएस वर्तमान में non-recurrig bill payments या कलेक्शन को सक्षम नहीं करता है. प्लेटफ़ॉर्म पर लेन-देन की मात्रा में वृद्धि के बावजूद, कुछ भुगतान जैसे प्रोफेशनल सर्विस फी पेमेंट्स, शिक्षा शुल्क, कर भुगतान और किराया संग्रह प्रोसेस नहीं किए गए थे. केंद्रीय बैंक ने कहा कि भुगतान के नए तरीकों को जोड़ने से प्लेटफॉर्म व्यक्तियों और व्यवसायों के व्यापक समूह के लिए सुलभ हो जाएगा.