उत्तर प्रदेश में गोण्डा जिले के ब्लॉक वजीरगंज के रायपुर गांव के रहने वाले शिव कुमार मौर्य एक प्रगतिशील किसान हैं. अलग-अलग तरह की खेती करते हुए आज वह अच्छी आजीविका कमा रहे हैं. शिव कुमार खेती आधारित बिज़नेस मॉडल पर काम कर रहे हैं.
किसान परिवार रखने वाले शिव कुमार के पिता चाहते थे कि उनके बेटे पढ़-लिखकर अच्छी नौकरी करें. इसलिए शिव कुमार की पढ़ाई पर विशेष ध्यान दिया गया. उन्होंने बीकॉम की डिग्री की हुई है. हालांकि उन्होंने खेती-किसानी में अपना हाथ आजमाया लेकिन सफलता नहीं मिली.
उन्होंने मशरूम उत्पादन व मधुमक्खी पालन में असफल होने के बाद खेती छोड़ नौकरी करने की ठानी. लेकिन कई सालों तक संघर्ष करने के बाद भी शिव कुमार को स्थायी और अच्छी आजीविका वाली नौकरी नहीं मिल पाई. इसलिए उन्होंने एक बार फिर खेती करने का फैसला किया. अपने इस पूरे सफर के बारे में उन्होंने गुड न्यूज़ टुडे को बताया.
अच्छी नौकरी नहीं मिलने से हो गया था डिप्रेशन:
शिव कुमार ने बताया कि वह दिल्ली, मुम्बई, सूरत कोलकाता, लखनऊ, कानपुर आदि कई शहरों में गए. लेकिन कहीं पर ढंग का काम नहीं मिला. इस बीच उनकी शादी हो गई, जिम्मेदारी बढ़ने लगी. बीच में उन्होंने एक सरकारी विभाग में संविदा आधार पर नौकरी मिली भी लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था.
कुछ समय बाद उनकी नौकरी छूट गई. उनका कहना है कि ज़िन्दगी में जो सपने उन्होंने देखे थे सारे धूमिल नजर आने लगे. और इस सबके कारण वह डिप्रेशन में चले गये. लेकिन घर तो चलाना था क्योंकि अब उनपर अपने दोनों बेटों की जिम्मेदारी भी थी.
कृषि विज्ञान केंद्र ने दिखाई राह:
जैसे-तैसे शिव कुमार ने अपनी चार एकड़ जमीन पर खेती करना शुरू किया. जिसके सिलसिले में उनका कृषि विज्ञान केंद्र जाना शुरू हुआ. केवीके गोण्डा में उन्होंने अपना नंबर लिखवाया हुआ था और अब उन्हें हर दिन कृषि की जानकारी व संदेश आने लगे.
जिसके जरिए उन्हें एक कृषि निवेश मेले की जानकारी मिली और वह पहुंच गए. वहां बताया गया कि सरकार किसान समूहों को फार्म मशीनीं बैंक देगी और इसके बारे में अधिक जानकारी इकट्ठी करके उन्होंने भी मशीनरी के लिए आवेदन दिया. जिससे उन्हें काफी मदद मिली.
उन्होंने आगे कहा कि उसी दौरान उन्हें कृषि वैज्ञानिक धर्मबीर कम्बोज के बारे में पता चला और जिसके बाद वह उनसे मिलने उनके गांव दामला, हरियाणा गए. धर्मबीर एक किसान, आविष्कारक और बिजनेसमैन हैं. उन्होंने एक मल्टी-पर्पज फ़ूड प्रोसेसिंग मशीन बनाई है. जिससे आप कई तरह की फसलों जैसे फल, सब्जियों और औषधि आदि को प्रोसेस करके जूस, स्क्वाश, जैल जैसे उत्पाद बना सकते हैं.
पारंपरिक खेती छोड़ शुरू की आधुनिक खेती:
शिव कुमार बताते हैं कि पिछले कुछ सालों से उन्होंने आधुनिक खेती शुरू की है. उन्होंने अपने खेतों में परवल पपीता, सहजन, एलोवेरा आदि के साथ करीब 250 किस्म के पेड़-पौधे लगाए हुए हैं. उन्होंने मल्टी पर्पज फ़ूड प्रोसेसिंग की मशीन भी लगाई है जिससे वह तरह-तरह के उत्पाद बनाते हैं.
उन्होंने बताया कि वह एलोवेरा का पल्प, जेल और साबुन आदि बना रहे हैं. इसके अलावा अचार, मुरब्बा, जैम जैसे खाद्य उत्पाद भी वह तैयार करते हैं और बाजार तक पहुंचा रहे हैं. उन्होंने जनशिक्षण संस्थान, गोण्डा से अपनी फसलों में वैल्यू एडिशन करने की ट्रेनिंग ली है.
लाखों में है अब कमाई:
शिव कुमार का कहना है कि उनके उत्पादों में एलोवेरा साबुन, एलोवेरा जूस, एलोवेरा स्किन जैल, मोरिंगा पाउडर, सहजन का साबुन, तमाम प्रकार के आचार, मुरब्बा, मिक्स अचार, गुलाब जल जैसे उत्पाद शामिल हैं. और सभी उत्पाद ऑर्गनिक हैं.
वह नर्सरी का काम भी कर रहे हैं. जिसमे आम, नींबू, परवल, कुंदरु, पान और पपीता की नर्सरी तैयार करके लोगों को दे रहे हैं. अब खेती से वह हर महीने 30 हजार रुपए से ज्यादा की आमदनी कर लेते हैं. उनका कहना है कि अब सालाना वह पांच लाख रुपए से ज्यादा की कमाई कर रहे हैं.
दूर -दूर से किसान उनके खेतों पर आकर उनका सेटअप देखने आते हैं. वह बहुत से लोगों को अलग-अलग प्रशिक्षण भी दे रहे हैं. अगर कोई किसान भाई उनसे संपर्क करना चाहे तो 9554902715 पर मैसेज कर सकते हैं.