
आज के आधुनिक समय में खेती-किसानी का काम मुनाफे वाला हो गया है. कोई सब्जी की खेती कर रहा है तो कोई आधुनिक तरीके से खेती कर रहा है. उत्तर प्रदेश के रामपुर के किसान पीतांबर एक ऐसे किसान हैं, जो कई सालों से मिर्च की खेती कर रहे हैं. उनको ये खेती उनके दादा से विरासत में मिली थी. मिर्च की खेती से पीतांबर हर तीन महीने में 2 लाख रुपए तक की कमाई करते हैं.
हर सीजन में 2 लाख की कमाई-
हिंदी डॉट न्यूज18 डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक रामपुर के किसान पीतांबर एक एकड़ में मिर्च की खेती करते हैं. वो इसमें 60-13 किस्म की हरी मिर्च उगाते हैं. एक सीजन में एक एकड़ में करीब 35 क्विंटल हरी मिर्च निकलती है. किसान पीतांबर को मिर्च से अच्छा-खासा मुनाफा होता है. हर तीन महीने में सारी लागत निकालने के बाद उनको 2 लाख रुपए तक की बचत होती है.
दादा भी करते थे मिर्च की खेती-
पीतांबर का मिर्च यूपी के अलावा दूसरे राज्यों में भी भेजा जाता है. उनके मिर्च की सप्लाई मुंबई, दिल्ली, महाराष्ट्र, चेन्नई और कोलकाता होती है. पीतांबर की फैमिली सालों से मिर्च की खेती कर रही है. उनके दादा भी मिर्च की खेती करते थे. पीतांबर को मिर्च की खेती से लाखों की कमाई होती है. हर सीजन में कई ट्रक मिर्च तोड़ी जाती है.
खास किस्म का मिर्च उगाते हैं पीतांबर-
मिर्च की 60-13 किस्म काफी खास है. यह एक हाइब्रिड मिर्च है. ये किस्म जल्दी तैयार होती है और इसकी पैदावार भी अच्छी होती है. यह सर्दी और गर्मी दोनों मौसम में उगाई जाती है. इसका स्वाद भी लोगों को काफी पसंद आता है. इस किस्म की फसल को तैयार होने में 42-45 दिन का वक्त लगता है. यह मिर्च अपने तीखेपन के लिए जानी जाती है.
मिर्च उगाने का तरीका-
मिर्च को खेत में उगाने के लिए पहले नर्सरी में बीज बोना चाहिए. इसके बाद पौधा तैयार होने पर उसे खेत में रोपना चाहिए. खेती के लिए अच्छा जल निकासी वाली और उपजाऊ मिट्टी का होना जरूरी है. मिट्टी की पीएच 6-7 होनी चाहिए. मिर्च के पौधे 25-35 दिनों में रोपने लायक हो जाते हैं. पौधों के बीच की दूरी 1.5 फीट और क्यारियों के बीच की दूरी 3 फीट होनी चाहिए. पौधों की जड़ों को जमीन में 3-4 सेंटीमीटर नीचे रोपना चाहिए.
60-90 दिन में तैयार होती है फसल-
रोपाई के लिए शाम का समय सबसे अच्छा होता है. मिर्च के पौधों में खाद का इस्तेमाल भी होना चाहिए. मिर्च के पौधों में फूल और फल आने के बाद सिंचाई की जरूरत होती है. मिर्च की फसल 60-90 दिनों में तैयार हो जाती है.
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