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वी अनंत नागेश्वरन हो सकते हैं भारत के चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर, जानिए कौन हैं ये नए सलाहकार

आर्थिक सलाहकार को वित्त मंत्री के प्रमुख नीतिगत मामलों पर सलाह देने की आवश्यकता होती है. इसके अलावा आर्थिक सर्वेक्षण के प्रमुख लेखक होने के नाते आर्थिक सलाहकार को  अर्थव्यवस्था का वार्षिक रिपोर्ट कार्ड बनाना होता है, जो बजट से पहले संसद में पेश किया जाता है.

वी अनंत नागेश्वरन हो सकते हैं भारत के चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर वी अनंत नागेश्वरन हो सकते हैं भारत के चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर
हाइलाइट्स
  • जूलियस बेयर एंड कंपनी के वैश्विक मुख्य निवेश अधिकारी थे

  • दिसंबर 2021 में केवी सुब्रमण्यम का कार्यकाल खत्म हो गया था

भारत सरकार जल्द ही मुख्य आर्थिक सलाहकार के नाम का ऐलान कर सकती है. सूत्रों की मानें तो वेंकटरामन अनंत नागेश्वरन का नाम सीईए पद की दौड़ में सबसे आगे चल रहा है. फिलहाल सीईए का पद खाली है. दिसंबर 2021 में केवी सुब्रमण्यम का कार्यकाल खत्म हो गया था. उसके बाद अब तक नए सीईए की नियुक्ति नहीं हो पाई है. हालांकि अभी इस पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है, लेकिन स्थिति के जानकार बताते हैं कि इस सप्ताह के अंत तक फैसला आ सकता है. 

अब जबकि 'एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था' यानी भारत महामारी से उबरने के संकेत दे रहा है. भारत दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ने की राह पर है, इसके साथ ही देश में बेरोजगारी भी बढ़ती नजर आ रही है. वहीं सरकार पर इससे उबरने का दबाव भी है. अब ऐसे में नए मुख्य आर्थिक सलाहकार से उम्मीद की जाएगी कि वे निवेश को पुनर्जीवित करते हुए और बजट अंतर को कम करते हुए उच्च विकास के लिए एक नुस्खा प्रदान करेंगे.

क्या है आर्थिक सलाहकार की भूमिका
आर्थिक सलाहकार को वित्त मंत्री के प्रमुख नीतिगत मामलों पर सलाह देने की जरूरत होती है. इसके अलावा इकोनॉम‍िक सर्वे के प्रमुख लेखक होने के नाते आर्थिक सलाहकार को अर्थव्यवस्था का सालाना रिपोर्ट कार्ड बनाना होता है, जो बजट से पहले संसद में पेश किया जाता है. ज्यादातर सलाहकार अपने विचारों को जनता के सामने रखने के लिए इस मंच का उपयोग करते हैं.

कौन हैं नागेश्वरन? 
डॉ वी अनंत नागेश्वरन दक्षिणी राज्य आंध्र प्रदेश में  क्रिया विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर हैं. उन्हें बिजनेस और आर्थिक मामलों का काफी अनुभव है. डॉ नागेश्वर ने 1985 में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट अहमदाबाद से एमबीए की पढ़ाई की थी. उन्होंने विनिमय दरों के अनुभवजन्य व्यवहार पर अपने काम के लिए मैसाचुसेट्स एमहर्स्ट विश्वविद्यालय से वित्त में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की.

नागेश्वरन अक्टूबर 2018 से दिसंबर 2019 तक आईएफएमआर ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस के डीन रह चुके हैं. 2019 और 2021 के बीच उन्हें इंडिया में प्रधानमंत्री के इकोनॉमिक एडवाइजरी काउंसिल का पार्ट-टाइम मेंबर भी नियुक्त किया गया था. इसके अलावा 2011 तक सिंगापुर में स्थित बैंक जूलियस बेयर एंड कंपनी के वैश्विक मुख्य निवेश अधिकारी भी थे.