नागपुर का एक शख्स एक छोटी सी राशन की दुकान चलाता है. लेकिन उसकी सोच बड़ी थी. वो कुछ अलग करना चाहता था. इसलिए सबकुछ छोड़कर वो मुंबई चला गया. कुछ सालों तक छोटे-मोटे काम किया. इस दौरान उस शख्स को पाया कि आयुर्वेदिक प्रोडक्ट की खूब डिमांड है तो उसने आयुर्वेदिक टूथ पाउडर बनाकर बेचने का फैसला किया. उसने दंत मंजन तैयार किया और उसे घर-घर जाकर बेचना शुरू किया.
कई जगह पर उसे दुत्कारा गया, कई जगह से भगाया गया. कई बार अपमान झेलना पड़ा. लेकिन उस शख्स ने हिम्मत नहीं हारी और मंजन बेचना जारी रखा. धीरे-धीरे मंजन लोगों को पसंद आने लगा. प्रोडक्ट की डिमांड बढने लगी. साल बीतते गए, कंपनी बढ़ती गई. बात VICCO Group के फाउंडर केशव विष्णु पेंढरकर की हो रही है, जिनकी शुरू की गई कंपनी आज हजारों करोड़ों की कंपनी बन गई है.
राशन की दुकान चलाते थे केशव-
केशव विष्णु पेंढरकर महाराष्ट्र के नागपुर के रहने वाले थे और शुरुआत में एक छोटी सी राशन की दुकान चलाते थे. लेकिन इसमें उनका मन नहीं लगता था और फैमिली का खर्च भी इस दुकान से नहीं चल पाता था. इसलिए उन्होंने कुछ अलग करने की ठानी और सबकुछ छोड़कर फैमिली के साथ मुंबई चले गए. शुरुआत में मुंबई में छोटा-मोटा काम किया. इस दौरान उन्होंने देखा कि आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स की खूब डिमांड है. इसके बाद उन्होंने आयुर्वेदिक प्रोडक्ट बनाकर बेचने का फैसला किया.
कैसे हुई VICCO की शुरुआत-
केशव ने घर में ही आयुर्वेदिक दंत मंजन बनाया. लेकिन सबसे बड़ी चुनौती उसे बेचने की थी. उन्होंने इस प्रोडक्ट को बेटे के साथ घर-घर जाकर बेचना शुरू किया. कई बार उनको अपमानित किया गया. कई बार उनको घर से भगा दिया जाता था तो कई बार उनका मजाक उड़ाया जाता था. लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और दंत मंजन बेचते रहे. जल्द ही उनकी मेहनत रंग लाई और लोगों को उनका प्रोडक्ट पसंद आने लगा. इस तरह से साल 1952 में Vicco की शुरुआत हुई. कंपनी का पूरा नाम विष्णु इंडस्ट्रियल केमिकल कंपनी (VICCO) है. कुछ सालों में ही कंपनी ने अच्छी ग्रोथ हासिल कर ली.
बेटे ने बढ़ाया कंपनी का कारोबार-
कंपनी का दंत मंजन ठीक-ठाक बिक रहा था. लेकिन मार्केट में पेस्ट की डिमांड थी. इसलिए उन्होंने टूथ पेस्ट बनाने का फैसला किया. इसमें उनकी मदद उनके बेटे गजानन पेंढरकर ने की. गजानन ने 7 साल तक मेहनत की, उसके बाद टूथ पेस्ट तैयार हुआ.
साल 1971 में केशव विष्णु ने बेटे गजानन को कंपनी की बागडोर सौंप दी. गजानन ने कंपनी को ब्यूटी और कॉस्मेटिक सेक्शन में उतारा. विको टरमरिक स्किन क्रीम तैयार किए गए. विको ने हल्दी वाली क्रीम, शुगर फ्री पेस्ट, हल्दी फेशवॉश, लौंग टूथपेस्ट जैसे प्रोडक्ट तैयार किए.
कंपनी 40 से अधिक उत्पाद बनाती है. जबकि प्रोडक्ट्स का निर्माण ठाणे, नागपुर और गोवा की फैक्ट्रियों में किया जाता है. कंपनी ने गोवा में आधुनिक फैक्ट्री का निर्माण साल 1996 में किया था. आज कंपनी का कारोबार दुनिया के 31 देशों में फैला है. 700 मिलियन रुपए की कंपनी के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर संजीव पेंढरकर हैं.
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