वाघ बकरी चाय ग्रुप के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर पराग देसाई का 49 साल की उम्र में निधन हो गया है. उन्होंने साल 1995 में कंपनी ज्वाइन की थी. उस वक्त कंपनी का कुल कारोबारा 100 करोड़ रुपए से भी कम था. लेकिन आज सालाना टर्नओवर 2000 करोड़ रुपए के पार है. इस कंपनी की चाय आज दुनिया के 60 देशों में एक्सपोर्ट की जाती है. चलिए आपको पराग देसाई और कंपनी के सफर के बारे में बताते हैं.
कौन थे पराग देसाई-
पराग देसाई वाघ बकरी चाय ग्रुप के प्रबंध निदेशक रसेश देसाई के बेटे थे. पराग कंपनी के 6 ग्रुप ऑफ डायरेक्टर्स में से एक थे. वो कंपनी ,में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर की पोस्ट पर थे. पराग देसाई ने अमेरिका से एमबीए की डिग्री ली थी. उन्होंने वाघ बकरी के लिए मार्केटिंग, सेल्स और एक्सपोर्ट डिपार्टमेंट का भी काम देखा था. पराग देसाई साल 1995 में इस कारोबार में शामिल हुए. उस समय कंपनी की कीमत 100 करोड़ रुपए से भी कम थी. आज कंपनी का सालाना टर्नओवर 2000 करोड़ रुपए है. चाय की डिस्ट्रिब्यूशन करीब 50 मिलियन किलोग्राम है. कंपनी देश के 24 राज्यों में है और दुनिया के करीब 60 देशों में चाय एक्सपोर्ट करती है.
कैसे हुई कंपनी की शुरुआत-
वाघ बकरी चाय की शुरुआत गुजरात के नरणदास देसाई ने की थी. देसाई जब साल 1915 में साउथ अफ्रीका से भारत लौटे तो वो अपने साथ महात्मा गांधी का एक सिफारिश सर्टिफिकेट लेकर आए थे. उसमें महात्मा गांधी ने लिखा था- मैं दक्षिण अफ्रीका में श्री नरणदास देसाई को जानता था, जहां वो कई सालों तक एक सफल चाय बागान के मालिक थे.
नरणदास ने साल 1919 में अहमदाबाद में गुजरात चाय डिपो की स्थापना की. इसके बाद 2 से 3 साल तक चाय का मार्केट बनाया. जल्द ही वो गुजरात के सबसे बडे़ चाय निर्माता बन गए. इसके बाद साल 1934 में उन्होंने वाघ बकरी चाय ब्रांड लॉन्च किया.
वाघ बकरी नाम की कहानी-
वाघ बकरी ब्रांड का Logo सामाजिक समानता का संदेश देता है. इसके Logo में बाघ और बकरी को एक ही कप में चाय पीते दिखाया गया है. गुजरात में बाघ को वाघ कहते हैं. इस Logo का मकसद ये बताना है कि उच्च वर्ग और निम्न वर्ग एक साथ चाप पी सकते हैं. इस Logo के जरिए उच्च-नीच के भेद को मिटाने का संदेश दिया गया है.
देश की पहली पैकेज्ड चाय लॉन्च-
गुजरात चाय डिपो ने साल 1980 तक खुली चाय बेचना जारी रखा. लेकिन इसके बाद मार्केट में बदलाव आने लगा. विदेशी ब्रांड भी इस फिल्ड में कदम रखने लगे. वाघ बकरी कंपनी ने भी बदलाव का फैसला किया. 22 सितंबर 1980 को गुजरात टी प्रोसेसर्स एंड पैकर्स लिमिटेड की नींव रखी गई. इसके बाद कंपनी ने पैकेज्ड चाय बेचना शुरू किया. वाघ बकरी चाय पैकेज्ड चाय बेचने वाली भारत की पहली कंपनी है.
देश की बड़ी चाय कंपनियों में शुमार-
जल्द ही वाघ बकरी चाय गुजरात का सबसे बड़ा ब्रांड बन गया. इसके बाद कंपनी ने देश में खुद को स्थापित करने का प्लान बनाया. साल 2009 तक कंपनी का विस्तार यूपी, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में हो चुका था. आज देश के 24 राज्यों में कंपनी अपना कारोबार कर रही है. साल 1992 में कंपनी ने विदेश में भी चाय बेचना शुरू किया. विदेशों में भी वाघ बकरी चाय की खूब डिमांड है. दुनिया के 60 देशों में कंपनी की चाय एक्सपोर्ट की जाती है.
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