एक्सिस म्यूचुअल फंड (Axis Mutual Fund) मैनेजर विरेश जोशी (Viresh Joshi), दीपक अग्रवाल (Deepak Agarwal) को छुट्टी पर भेज दिया है. दोनों पर फ्रंट रनिंग का आरोप है. दोनों फंड मैनेजर्स फंड में शेयर लेने से पहले खुद ही शेयर खरीदते थे. मामले की जांच सेबी द्वारा की जा रही है. एक्सिस एसेट मैनेजमेंट (Axis Asset Management) ने बयान जारी किया है. Axis AMC फरवरी से मामले की जांच कर रही है. जांच पूरी होने तक दो फंड मैनेजर्स को निलंबित किया गया है. जांच में सहायता के लिए बाहरी सलाहकारों की भी मदद ली जा रही है. हम लीगल आवश्यकताओं का गंभीरता से अनुपालन करते हैं.
— Axis Mutual Fund (@AxisMutualFund) May 6, 2022
क्या होती है फ्रंट रनिंग?
फ्रंट रनिंग का मतलब अवैध तरीके से शेयरों में खरीदी-बिक्री करने से है. फ्रंट रनिंग तब होती है जब किसी ब्रोकर के पास बड़ी मात्रा में खरीदे या बेचे जाने वाले स्टॉक का विशेष विवरण होता है और वह उस स्टॉक का लाभ उठाने के लिए ट्रेड करता है. यानी ब्रोकर स्टॉक से संबधित जानकारी पहले खुद देता है उसके बाद उसी के आधार पर फायदा कमाता है. फ्रंट रनिंग भारत में अवैध है. फ्रंट-रनिंग इसलिए अवैध मानी जाती है क्योंकि यह प्रॉफिट कमाने के लिए निजी जानकारी का लाभ उठाता है जो सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं है.
पैसा कमाने का अवैध तरीका है फ्रंट रनिंग
आसान भाषा में समझें तो स्टॉक मार्केट में Front Running का मतलब ये है मार्केट से आगे रन करना. फ्रंट रनिंग गैरकानूनी धंधा है, जिसमें कोई ब्रोकर बड़े ऑर्डर से पहले गोपनीय सूचनाओं के आधार पर किसी कंपनी के शेयर खरीदता या बेचता है, ताकि वह प्राइस मूवमेंट से मुनाफा कमा सके. फ्रंट रनिंग कई प्रकार की होती है.
अगर आप ब्रोकर्स की रिसर्च फॉलो करते हैं तो पहले विचार कर लें कि वो जानकारी कितनी सही है. आंख बंद करके पैसा मत लगाएं.