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The Greater Fool Theory: क्या है ग्रेटर फूल थ्योरी ? बिल गेट्स ने क्यों की क्रिप्टोकरेंसी से इसकी तुलना?

Greater fool theory Explainer: दुनिया के चौथे सबसे अमीर शख्स बिल गेट्स Bill Gates ने क्रिप्टो करेंसी और नॉन फंजिबल टोकन्स (NFT) में निवेश करने को मूर्खतापूर्ण कदम करार दिया है.

बिल गेट्स बिल गेट्स
हाइलाइट्स
  • भारत के लाखों निवेशकों ने बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी में किया है करोड़ों रुपये का निवेश

  • बिल गेट्स ने क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने को मूर्खतापूर्ण कदम कहा

डिजिटल करंसी क्रिप्टो और एनएफटी को दुनिया के चौथे सबसे अमीर शख्स बिल गेट्स Bill Gates ने बकवास बताया है. गेट्स ने क्रिप्टो करेंसी और नॉन फंजिबल टोकन्स (NFT) में निवेश करने को मूर्खतापूर्ण कदम करार दिया है. गेट्स शुरू से ही क्रिप्टो करेंसी के आलोचक रहे हैं. उनका मानना है कि वे ऐसी चीजों में पैसा लगाना पसंद करेंगे जिसका कोई वैल्यूएबल आउटपुट हो. डिजिटल एसेट्स पर बिल गेट्स को बिल्कुल भी भरोसा नहीं है. वे इनकी तुलना ग्रेटर फूल थ्योरी से करते हैं.

क्या है ग्रेटर फूल थ्योरी

यहां लोग बिना किसी कारण के महंगे दाम में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (NFTs) खरीदते हैं और उसे किसी दूसरे अमीर शख्स को बेच देते है इसे ही ग्रेटर फूल थ्योरी कहते हैं. आसान भाषा में समझें तो ग्रेटर फूल थ्योरी यह बताती है कि बाजार में हमेशा एक "बड़ा मूर्ख" होता है जो पहले से ही अधिक मूल्य वाली संपत्ति को और अधिक कीमत चुकाकर खरीद लेता है. 

क्रिप्टोकरेंसी बाजार में आज उछाल

नवंबर 2021 में ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी मार्केट कैप 2.9 लाख करोड़ डॉलर के पीक पर था. अमेरिका में महंगाई बढ़ने से क्रिप्टोकरेंसीज की कीमत प्रभावित हुई है. लगातार गिरावट के बाद आज ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी मार्केट कैप (Global Crypto Market Cap) लगभग 3.56 फीसदी के उछाल के साथ 954 बिलियन डॉलर पर है. 

भारत में बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का क्रेज

भारत में तेजी से क्रिप्टोकरेंसी का क्रेज बढ़ता जा रहा है. भारत में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स से होने वाली आय पर 30 फीसदी टैक्स लगाया गया है. इतना ही नहीं जो निवेशक क्रिप्टोकरेंसी को मुनाफे में नहीं भी बेचते हैं उन्हें भी टैक्स चुकाना होगा. गिफ्ट में दिए गए क्रिप्टो पर भी टैक्स लगाया गया है. हालांकि भारत में क्रिप्टो को कानूनी दर्जा नहीं मिला है. रिजर्व बैंक बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी का विरोध करता रहा है. बावजूद इसके भारत के लाखों निवेशकों ने बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी में करोड़ों रुपये का निवेश किया हुआ है.