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ITR Filing 2024: फॉर्म 16 क्या होता है... किस काम आता है और आपके लिए क्यों है जरूरी?

ITR दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई, 2024 है. ITR दाखिल करने के लिए फॉर्म 16 एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है. Form-16 एक टीडीएस सर्टिफिकेट है, जो आपकी सभी कर योग्य आय और स्रोत पर विभिन्न कर कटौती (TDS) को सूचीबद्ध करता है.

ITR Filing (Credit: Unsplash) ITR Filing (Credit: Unsplash)

फाइनेंशियल ईयर 2023-24 (Assessment Year 2024-25) के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई, 2024 है. कोई भी सैलरी पाने वाला व्यक्ति साल 2023-24 के लिए फॉर्म 16 आने के बाद जून से अपना आईटीआर दाखिल करना शुरू कर सकता है.

फॉर्म 16 क्या है?
कंपनियां अपने कर्मचारियों को फॉर्म 16 जारी करती हैं. फॉर्म 16 में सैलरी क्लास यानी नौकरीपेशा व्यक्ति की इनकम और टैक्स की जानकारी होती है जोकि आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

इसमें एक वित्तीय वर्ष के दौरान वेतन से काटा गया और सरकार के पास जमा किया गया टैक्स शामिल होता है. इसमें कर्मचारी के पैन (स्थायी खाता संख्या), नियोक्ता के टैन (कर कटौती और संग्रह खाता संख्या), वेतन से हुई आय, आयकर अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत कटौती और स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) के बारे में जानकारी शामिल होती है.

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आसान भाषा में कहें तो फॉर्म-16 (Form-16) एक टीडीएस सर्टिफिकेट है, जो आपकी सभी कर योग्य आय और स्रोत पर विभिन्न कर कटौती (TDS) को सूचीबद्ध करता है.

फॉर्म 16 आपकी कंपनी की तरफ से काटे गए टीडीएस के प्रमाण के रूप में कार्य करता है, जिससे कर्मचारी आयकर रिटर्न को सटीक रूप से दाखिल कर सके.

फॉर्म 16 जारी करने की तारीख

फॉर्म 16 आमतौर पर कंपनी की और से अपने कर्मचारियों को 15 जून या उससे पहले जारी किया जाता है.

फॉर्म 16 के होते हैं दो हिस्से

फॉर्म 16 दो हिस्सों में बंटा होता है. पार्ट ए और पार्ट बी. पार्ट ए में संस्थान का TAN, उसका और कर्मचारी का पैन, पता, एसेसमेंट ईयर, रोजगार की अवधि और सरकार को जमा किए गए टीडीएस का ब्योरा होता है. वहीं पार्ट बी में सेलरी का विस्तृत ब्रेकअप, धारा 10 के तहत मिलने वाली छूट भत्तों का विस्तृत ब्रेकअप और आयकर अधिनियम के तहत स्वीकृत कटौतियां शामिल होती हैं.

क्यों जरूरी है Form 16?

Form 16 कई मायनों में महत्वपूर्ण हैं, आइए जानते हैं उनके बारे में.

यह वित्तीय वर्ष के दौरान कर्मचारी द्वारा कमाई गई आय के प्रमाण के रूप में कार्य करता है.

यह कर्मचारी की ओर से नियोक्ता (employer) द्वारा काटे गए टीडीएस का प्रमाण प्रदान करता है.

इसमें आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने के लिए आवश्यक सभी जरूरी डिटेल्स शामिल होती हैं जैसे सैलरी,कटौती और टीडीएस.

यह सैलरी क्लास यानी नौकरीपेशा व्यक्तियों के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है क्योंकि यह उन्हें टैक्स रिफंड का दावा करने में मदद करता है.