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KYC Fraud: जानिए क्या है यह ठगी... कैसे हो सकता है और सुरक्षित रहने के लिए फॉलो करें ये टिप्स

आजकल बैंकिंग या दूसरी फाइनेंशियल एक्टिविटीज में KYC यानी Know Your Customer प्रोसेस फॉलो की जाती है. इसमें बैंक अपने कस्टमर्स की पहचान प्रमाणित करते हैं. लेकिन साइबर ठग इस प्रोसेस को ठगी के लिए धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं.

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साइबर ठगी करने का पुराना तरीका है KYC यानी Know Your Customer प्रोसेस के जरिए. केवआईसी फ्रॉड के मामले आए दिन सामने आते रहते हैं. केवाईसी ठगी में बहुत से लोगों ने लाखों रुपए गंवाए हैं और जब तक लोग फ्रॉड को समझ पाते हैं, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है. कई लोगों को केवाईसी फ्रॉड के बारे में पता रहने के बावजूद भी वे साइबर अपराधियों की चाल में फंस कर ठगी का शिकार हो जाते हैं.

केवाईसी होता क्या है?
केवाईसी (KYC) का मतलब है "Know Your Customer". यह एक प्रक्रिया है जिसका इस्तेमाल बैंक और दूसरे फाइनेंशियल इंस्टिट्यूट्स कस्टमर्स की पहचान और उनके एड्रेस को वेरिफाई करने के लिए करते हैं. इसका मुख्य उद्देश्य धोखाधड़ी और अवैध गतिविधियों को रोकना है. केवाईसी में ग्राहक को अपनी पहचान साबित करने के लिए कुछ दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, या पासपोर्ट जमा करने होते हैं. इस प्रक्रिया के जरिए बैंक या फाइनेंशियल कंपनियां सुनिश्चित करती हैं कि वे अपने ग्राहकों को अच्छे से जानती हैं और उनकी फाइनेंशियल एक्टिविटीज पर अपनी नज़र रख सकती हैं.

केवाईसी फ्रॉड क्या है?
केवाईसी फ्रॉड का मतलब होता है किसी व्यक्ति की व्यक्तिगत और फाइनेंशियल जानकारी को धोखे से लेकर उसका गलत फायदा उठाना. केवाईसी प्रक्रिया के तहत बैंकों और वित्तीय संस्थानों को अपने ग्राहकों की पहचान प्रमाणित करनी होती है. लेकिन कई बार साइबर अपराधी नकली कॉल, ईमेल और मैसेज के जरिए लोगों से उनके केवाईसी दस्तावेज़, जैसे कि आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक डिटेल्स आदि मांगते हैं और फिर इस जानकारी का गलत फायदा उठा कर उनके बैंक खाते से पैसे निकालने से लेकर और भी अन्य वित्तीय धोखाधड़ी करते हैं.

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केवाईसी फ्रॉड कैसे होता है?

घोटालेबाज केवाईसी फ्रॉड कई तरीकों से करते है,जैसे:

फिशिंग ईमेल या एसएमएस: अपराधी नकली बैंक या कोई वित्तीय संस्था बनकर व्यक्ति को ईमेल या मैसेज भेजते हैं, जिसमें उनसे उनके केवाईसी डिटेल्स मांगे जाते हैं. लोग गलती से यह जानकारी दे भी देते है और ठगी का शिकार हो जाते हैं. 

फर्जी वेबसाइट्स: कुछ मामलों में तो धोखेबाज असली वेबसाइट की तरह दिखने वाली नकली वेबसाइट बना देते हैं, जहां यूजर अपनी केवाईसी जानकारी अपडेट करने के लिए लॉगिन करते हैं और उनकी जानकारी चोरी हो जाती है.

फोन कॉल फ्रॉड: अपराधी खुद को बैंक अधिकारी, केवाईसी अधिकारी या फिर किसी संस्था का सदस्या बताकर कॉल करते हैं और व्यक्ति से उनकी पर्सनल जानकारी मांगते हैं. अक्सर लोग बिना सावधानी के यह जानकारी शेयर भी कर देते हैं.

डॉक्यूमेंट फॉर्जरी: कई बार अपराधी किसी व्यक्ति की पहचान से जुड़े दस्तावेज़ों के नकली दस्तावेज़ बनाते हैं और उनका इस्तेमाल वित्तीय धोखाधड़ी जैसे बैंक लोन लेना या अकाउंट खोलने के लिए करते हैं.

मालवेयर और स्पाईवेयर: अपराधी किसी व्यक्ति के मोबाइल या कंप्यूटर में मालवेयर इंस्टॉल कर देते हैं, जिसके मदद से उनकी केवाईसी जानकारी और अन्य जरूरी डेटा चुरा लेते है.

केवाईसी फ्रॉड से कैसे करें बचाव?

केवाईसी फ्रॉड से बचाव के लिए कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए:

आधिकारिक लिंक और वेबसाइट का करें इस्तेमाल: सिर्फ बैंक या वित्तीय संस्थानों की आधिकारिक वेबसाइट या ऐप का ही उपयोग करें. अनजान लिंक या ईमेल में भेजे गए किसी भी लिंक पर क्लिक न करें.

व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें: किसी भी कॉल, ईमेल, या मैसेज में अपने आधार, पैन कार्ड, बैंक खाते या ओटीपी जैसी व्यक्तिगत जानकारी कभी शेयर न करें, चाहे सामने वाला व्यक्ति खुद को बैंक या कंपनी का प्रतिनिधि ही क्यों न बताए.

ऑनलाइन ट्रांजैक्शन में सतर्क रहें: ऑनलाइन बैंकिंग करते समय पब्लिक वाई-फाई या असुरक्षित नेटवर्क का कभी नहीं इस्तेमाल करें. अपने मोबाइल और कंप्यूटर में एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर का उपयोग करें.

डिजिटल हस्ताक्षर का ध्यान रखें: जब भी आप किसी डिजिटल दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करें तो हमेशा सुनिश्चित करें कि वह सही और सुरक्षित सोर्स है या नहीं.

संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट करें: अगर आपको लगे कि आपका कोई भी केवाईसी दस्तावेज़ किसी गलत व्यक्ति के हाथ में जा सकता है, तो तुरंत अपनी बैंक या वित्तीय संस्था को इस बात की जानकारी दें.

केवाईसी प्रक्रिया की पुष्टि करें: बैंक या वित्तीय संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट से देख लें कि वे किस तरीके से केवाईसी जानकारी ले रहे हैं और केवल उन्हीं प्रक्रियाओं का पालन करें. बता दें की सतर्क रहना और जानकारी को सुरक्षित रखना केवाईसी धोखाधड़ी से बचने का सबसे महत्वपूर्ण तरीका है.