पीएम मुद्रा लोन योजना की शुरुआत केंद्र सरकार ने 8 अप्रैल, 2015 को की थी. यह योजना केंद्र सरकार की ओर शुरू की गई एक ऐसी योजना है, जिसके अंतर्गत सरकार लाभार्थी को लघु एवं सूक्षम उद्योग की स्थापना के लिए श्रेणी एवं आवश्यकता के अनुसार ऋण प्रदान करती है. अभी तक सरकार 23.2 लाख करोड़ की राशि मुद्रा लोन के रूप में बांट चुकी है. 50 हजार रुपए से लेकर 10 लाख तक का लोन मुद्रा योजना के तहत दिया जाता है.
तीन श्रेणियों में मिलता है लोन
इस योजना के अंतर्गत नागरिकों को दिए जाने वाले ऋण को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है. शिशु लोन के तहत 50,000 रुपए तक लिया जा सकता है. किशोर लोन में 50,000 से अधिक और 5 लाख रुपए से कम का होता है. तरुण लोन में 5 लाख रुपए से अधिक और 10 लाख रुपए तक का होता है.
कौन ले सकता है मुद्रा लोन
कोई भी भारतीय जो कारोबार कर रहा है या अपना व्यापार शुरू करना चाहता है, वह मुद्रा लोन ले सकता है. इस योजना के तहत विनिर्माण, व्यापार और सेवा क्षेत्रों तथा कृषि से संबद्ध कार्यों, जैसे- मुर्गी पालन, डेयरी, मधुमक्खी पालन आदि के लिए लोन दिए जाते हैं. आरबीआई के दिशा-निर्देशों के अनुसार, ब्याज दर ऋण देने वाले संस्थानों द्वारा तय की जाती है.
कैसे मिलेगा लोन
इस लोन को प्राप्त करना के लिए अधिक दस्तावेज, गारंटी या सिक्योरिटी जमा करने की आवश्यकता नहीं होती. मुद्रा लोन बैंक और एनबीएफसी उपलब्ध कराते हैं. आवेदक की सामान्य जानकारी से संबंधित कागजातों के अलावा मुद्रा लोन लेने के लिए आपको अपना बिजनेस प्लान तैयार करना होगा. बैंक आवेदक से प्रोजेक्ट रिपोर्ट, भविष्य की आय के अनुमान से संबंधित दस्तावेज आदि भी मांग सकता है. लोन के लिए आवेदन आप बैंक शाखा में जाकर कर सकते हैं.
क्या है ब्याज दर
मुद्रा लोन की कोई एक समान ब्याज दर नहीं है. हर बैंक अपने हिसाब से ब्याज लेता है. आमतौर पर ब्याज का निर्धारण लोन राशि और बिजनेस की प्रकृति पर निर्भर करता है. मुद्रा लोन 10-12 फीसदी वार्षिक ब्याज दर पर मिल जाता है.