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Budget 2024: क्या है Standard Deduction Limit, जिसे सरकार बढ़ा दे तो बच जाएगा आपका टैक्स?

Budget 2024: जैसे ही केंद्रीय बजट 2024 की तारीखें सामने आई हैं, ऐसी उम्मीदें और अटकलें लगाई जा रही हैं कि वित्त मंत्री मोदी 3.0 सरकार के तहत करदाताओं के लिए कुछ लाभों की घोषणा कर सकते हैं. टैक्सपेयर्स को एक प्रमुख उम्मीद है कि सरकार इस बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन लिमिट (Standard Deduction Limit) में वृद्धि करेगी. 

वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट (Budget 2024) 23 जुलाई को लोकसभा में पेश किया जाएगा. संसद का बजट सत्र 22 जुलाई से 12 अगस्त के बीच आयोजित किया जाना है. केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने अपने एक्स अकाउंट पर इसकी घोषणा शनिवार को की. उन्होंने कहा, “भारत की माननीय राष्ट्रपति ने भारत सरकार की सिफारिश पर 22 जुलाई से 12 अगस्त के बीच बजट सत्र, 2024 के लिए संसद के दोनों सदनों को बुलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.” 

इस बजट से क्या हैं लोगों की उम्मीदें?
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का पूर्ण बजट पेश करेंगी. इससे पहले लोकसभा चुनाव से पहले 1 फरवरी को संसद में अंतरिम बजट पेश किया गया था. जैसे ही केंद्रीय बजट 2024 की तारीखें सामने आई हैं, ऐसी उम्मीदें और अटकलें लगाई जा रही हैं कि वित्त मंत्री मोदी 3.0 सरकार के तहत करदाताओं के लिए कुछ लाभों की घोषणा कर सकते हैं. टैक्सपेयर्स को एक प्रमुख उम्मीद है कि सरकार इस बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन लिमिट (Standard Deduction Limit) में वृद्धि करेगी. 

क्या है स्टैंडर्ड डिडक्शन लिमिट?
स्टैंडर्ड डिडक्शन एक खास धनराशि होती है जो एक वेतनभोगी कर्मचारी टैक्स का हिसाब लगाने से पहले अपनी सालाना सैलरी में से घटा सकता है. मौजूदा सीमा के तहत कर्मचारी "वेतन" के अंतर्गत वर्गीकृत किसी भी कर योग्य आय के विरुद्ध एक साल में ₹50,000 तक की कटौती का दावा कर सकते हैं. यानी वह अपनी सालानी सैलरी में से 50,000 रुपए घटाकर अपने टैक्स का हिसाब लगा सकता है. यह कटौती प्राप्त वेतन पर लागू होती है. 

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स्टैंडर्ड डिडक्शन पहली बार 2018 के बजट में ₹40,000 पर पेश किया गया था. बाद में 2019 के बजट में इसे बढ़ाकर ₹50,000 कर दिया गया. तब से कटौती की राशि नहीं बदली है. कई विशेषज्ञों को उम्मीद है कि इस बजट में यह राशि बढ़ सकती है. 

लाइव मिंट ने एक खबर में एक्यूब वेंचर्स के निदेशक आशीष अग्रवाल के हवाले से कहा, "2018-19 में शुरू की गई ₹50,000 की वर्तमान कटौती मामूली रूप से बढ़कर ₹60,000 या संभवतः ₹70,000 हो सकती है. इसका वेतनभोगी कर्मचारी स्वागत करेंगे क्योंकि यह उनकी कर योग्य आय को कम करता है." 

फिनकॉर्पिट कंसल्टिंग के एसोसिएट डायरेक्टर गौरव सिंह परमार ने स्टैंडर्ड डिडक्शन में संभावित बढ़ोतरी में महत्वपूर्ण रुचि देखी. परमार ने कहा, "उम्मीद है कि यह बढ़कर ₹75,000 या ₹1,00,000 तक हो सकता है." 

बजट में और क्या खास? 
इस बार के बजट में सीतारमण ग्रामीण आबादी को भी तोहफा दे सकती हैं. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने दो सरकारी अधिकारियों के हवाले से बताया है कि केंद्र सरकार इस बार के केंद्रीय बजट में ग्रामीण आवास के लिए राज्य सब्सिडी बढ़ाने की तैयारी कर रही है. पिछले साल से इसे 50 प्रतिशत तक बढ़ाकर 6.5 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक करने की उम्मीद है.