पिछले कुछ दिनों से लहसुन के दाम आसमान छून रहे हैं. देशभर में लहसुन की खुदरा कीमत 250-350 रुपए प्रति किलोग्राम है, जो पिछले साल करीब 40 रुपए प्रति किलोग्राम थी. आपको बता दें कि तीन महीने पहले लहसुन की कीतम 150 रुपए प्रति किलोग्राम थी. लेकिन अब इसकी कीमतों में भारी उछाल देखने को मिल रहा है.
क्यों महंगा हो रहा है लहसुन-
खुदरा और थोक बाजार में लहसुन की कीमतों में बढ़ोतरी का कारण एक फसल के नुकसान और अगली फसल में देरी है. लहसुन दो मौसमों खरीफ और रबी में उगाया जाता है. छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु, राजस्थान और कर्नाटक में किसान खरीद फसल की खेती करते हैं. इसमें जून-जुलाई में रोपाई होती है और सितंबर के बाद कटाई की जाती है. जबकि रबी की फसल सितंसबर-नवंबर में बोई जाती है और मार्च के बाद कटाई की जाती है. खरीफ की फसल की कटाई में देरी की वजह से कीमतों में बढ़ोतरी हुई है.
मध्य प्रदेश लहसुन का सबसे बड़ा उत्पादक है, जो देश में अकेले 62.85 फीसदी लहसुन का उत्पादन करता है. आपको बता दें कि नेशनल लेवल पर 31.64 लाख टन सालाना लहसुन का उत्पादन होता है. इस साल मानसून की स्लो प्रोग्रेस की वजह से मध्य प्रदे और दूसरे उत्तर भारतीय राज्यों में लहसुन की बुआई में देरी हुई है. इस तरह से खरीफ की फसल सितंबर की बजाय नवंबर के अंत में ही बाजार में आ पाई. जनवरी के अंत में ही पूरी तरह से लहुसन मार्केट में आ पाएगी.
कब सस्ता होगा लहसुन-
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक कारोबारियों फौरन लहसुन की कीमतों में किसी तरह की गिरावट से इनकार किया है. जनवरी के अंत तक खुदरा कीमतें 250-350 रुपए प्रति किलोग्राम के बीच रहने की संभावना है. रिपोर्ट के मुताबिक मंदसौर के कारोबारियों का कहना है कि खरीफ की फसल कटाई के प्रोसेस में है और दाम में गिरावट तक आएगा, जब मार्केट में फसल की आवक बढ़ेगी.
रबी की फसल पर क्या पड़ेगा असर-
लहसुन की बढ़ती कीमतों को देखते हुए किसान रबी की फसल का रकबा बढ़ाने की कोशिश कर सकते हैं. हालांकि मिट्टी में नमी की कमी इसमें बड़ी समस्या बन सकती है. सामान्य तौर पर रबी का रकबा 3 फीसदी कम हुआ है और लहसुन में भी ये ट्रेंड देखने को मिलने की उम्मीद है. मार्केट के अनुमान के मुताबिक ज्यादातर राज्यों में नमी में कमी को देखते हुए लहसुन का रकबा घट सकता है.
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