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Tur Dal Procurement Portal: किसान पोर्टल पर खुद बेच सकेंगे दाल, खाते में सीधे भेजे जाएंगे पैसे... तुअर दाल प्रोक्योरमेंट पोर्टल लॉन्च

Tur Dal Procurement Portal Launch: तुअर दाल पोर्टल पर किसान खुद रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं और अपनी फसल बेच सकते हैं. इसके बाद किसानों के खाते में सीधे भुगतान किया जाएगा. इस पोर्टल को कई भाषाओं में डिजाइन किया गया था, ताकि किसानों को किसी तरह की दिक्कत ना हो.

किसान आसानी से बेच पाएंगे तुअर दाल किसान आसानी से बेच पाएंगे तुअर दाल

तुअर दाल उगाने वाले किसानों को अपनी फसल बेचने की झंझट खत्म हो गई है. आज यानी 4 जनवरी को तुअर दाल प्रोक्योरमेंट पोर्टल लॉन्च हुआ है. इस पोर्टल पर किसान खुद रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे और अपनी फसल की कीमत सीधे अपने खाते में पा सकेंगे.

तुअर दाल प्रोक्योरमेंट पोर्टल की लॉन्चिंग-
सहकारिता मंत्री अमित शाह तुअर दाल प्रोक्योरमेंट पोर्टल को लॉन्च किया. अमित शाह ने कहा कि दिसंबर 2027 के पहले दलहन उत्पादन में भारत आत्मनिर्भर होगा. इस पोर्टल से किसानों को कई फायदे होंगे. इस पोर्टल को कई भाषाओं में डिजाइन किया गया है. यह पोर्टल महाराष्ट्र, आंध प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, कर्नाटक और झारखंड में तुअर दाल उत्पादकों के लिए पूरी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करेगा. इस पोर्टल से रजिस्ट्रेशन, खरीद और पैसों के भुगतान की प्रक्रिया आसान हो जाएगी.

अभी क्या है खरीदारी का प्रोसेस-
फिलहाल सरकार भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (NAFED) और भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (NCCF) जैसी एजेंसियों ने तुअर दाल समेत विभिन्न प्रकार की दालों की खरीद करती है और इसे बफर स्टॉक में रखती है. जब इस बफर स्टॉक के दाल की जरूरत पड़ती है तो सरकार इसे मार्केट में उतारती है.

अभी ज्यादातर किसान मंडी में अपना माल बेचने नहीं जा पाते हैं. उसकी जगह किसान बिचौलियों को माल बेच देते हैं. बिचौलिए काफी कम कीमत पर माल खरीदते हैं. जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है.

किसानों को होगा फायदा-
इस पोर्टल पर किसान खुद रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे और अपनी फसल बेच सकेंगे. इसके साथ ही भुतगान सीधे उनके खातों में होगा. इस पोर्टल पर रजिस्टर्ड किसानों से ही बफर स्टॉक के लिए दालें खरीदी जाएंगी. किसानों को न्यूनतम समर्थम मूल्य या बाजार मूल्य में से जो भी अधिक होगा, उसका भुगतान किया जाएगा. 

पोर्टल का मकसद किसानों से सीधे दाल खरीदकर बफर स्टॉक में रखना है. किसानों से बफर स्टॉक का 80 फीसदी दाल खरीदने का लक्ष्य है और आयात पर निर्भरता कम करना है. इससे खाद्यान उत्पादन की सुरक्षा के साथ देश की भविष्य की खाद्य सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी. सरकार का मकसद बिचौलियों के सिस्टम को खत्म करना है और किसानों को उनकी फसल का उचित दाम दिलाना है.

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