किचन में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली चीज गेहूं का आटा में भारी बढ़ोतरी देंखने को मिल रही है. एक साल पहले एक किलो आटे की कीमत 30.03 रुपये प्रति किलो थी. इस साल कीमत बढ़कर 32.78 रुपये प्रति किलो हो गई है. आटे की कीमत में एक दशक में काफी इजाफा हुआ है. गेहूं के आटे का अखिल भारतीय मासिक औसत खुदरा मूल्य अप्रैल में 32.38 रुपये प्रति किलोग्राम था, जो जनवरी 2010 के बाद सबसे अधिक है. पिछले एक साल में गेहूं के आटे का अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य 9.15 प्रतिशत बढ़ा है. वहीं देश में सबसे महंगा आटा पोर्ट ब्लेयर में 59 रुपये प्रति किलोग्राम और पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में सबसे कम 22 रुपये प्रति किलोग्राम भाव में मिल रहा है.
क्यों इतना बढ़ रही है आटे की कीमत
भारत में आटे की कीमत बढ़ने का कारण एक्सपर्ट बताते हैं कि देश में गेहूं का उत्पादन कम हो रहा है. वहीं गेहूं की मांग देश के बाहर बढ़ी है. जिसके चलते गेहूं की कीमतो में बढ़ोतरी देखने को मिली है. जिसके चलते गेहूं के आटे से बनने वाले सामान की कीमतों में भी उछाल देखने को मिल रहा है. इस समय मुंबई में गेहूं की आटे कीमत 49 रुपये प्रति किलो, चेन्नई में 34 रुपये प्रति किलो और दिल्ली में आटे की कीमत 27 रुपये प्रति किलो है.
इस साल 1 जनवरी से भारत में गेहूं के आटे की कीमत करीब 5.81 फीसद बढ़ी है. गेहूं के आटे की कीमत बढ़ने के कारण ये हो सकते है.
रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के चलते भी गेहूं के उत्पादन में गिरावट आयी है. रूस और यूक्रेन दुनिया में एक चौथाई हिस्सा गेहूं का निर्यात करते है. जबसे इन दोनों देशों के बीच युद्ध शुरू हुआ है. तबसे दुनिया में गेहूं की कमी और कीमतों में उछाल आया है. वहीं भारतीय गेहूं की मांग विदेशों में बढ़ने के कारण लोग इसकी गोलाबारी करने लगे है. जिसके चलते भी देश में गेहूं की कीमत में इजाफा हुआ है.
महंगे हुए बेकरी उत्पाद, ब्रेड
गेहूं के आटे के साथ, बेकरी उत्पादों, बिस्कुट और ब्रेड की कीमतों में भी हाल के महीनों में तेज वृद्धि दर्ज की गई है. बेकरी ब्रेड की खुदरा महंगाई इस साल मार्च में 8.39 फीसदी थी, जो पिछले 7 साल में सबसे ज्यादा है. जैम जैम बिस्कुट, मैरी गोल्ड, न्यूट्री चॉइस, फ्रूट केक आदि कई बेकरी आइटम बनाने वाली ब्रिटानिया आने वाले दिनों में अपनी कीमतों में 10 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है.
गेहूं उत्पादन लक्ष्य
भारत सरकार ने 2021-22 के लिए 110 मिलियन टन गेहूं उत्पादन का लक्ष्य रखा है, जो 2020-2021 में 109.59 मिलियन टन के अनुमानित उत्पादन से अधिक है. केंद्रीय खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने पिछले सप्ताह कहा था कि गेहूं का उत्पादन करीब 105 मिलियन टन होने की उम्मीद है. खाद्य मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में गेहूं की पैदावार में गिरावट का एक कारण गर्मी की शुरुआत को बताया गया है.