ग्लोबल गेहूं संकट के बीच केंद्र सरकार ने गेहूं उत्पादन को लेकर बड़ी जानकारी दी है. केंद्रिय कृषि मंत्रालय (Ministry of Agriculture)ने बताया कि पिछले साल के 109.59 मिलियन टन के उत्पादन की तुलना में इस साल भारत का गेहूं उत्पादन तीन प्रतिशत गिरकर 106.41 मिलियन टन होने की संभावना है.
कई गेहूं उगाने वाले राज्यों में चिलचिलाती गर्मी ने पैदावार में 20 प्रतिशत तक की कटौती की, जिससे सरकार को लगातार पांच साल की रिकॉर्ड फसल के बाद सर्दियों के अपने अनुमानों को कम करने के लिए प्रेरित किया.
केंद्र सरकार ने 13 मई को कहा कि वह "उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने" के लिए एक विदेशी सरकार के अनुरोध पर सरकार द्वारा अनुमोदित अनाज को छोड़कर, अनाज की सभी विदेशी बिक्री को निलंबित कर रहा है.
रूस-यूक्रेन युद्ध भी रहा बड़ा कारण
रूस और यूक्रेन युद्ध के कारण उत्पन्न कमी की वजह से दुनिया शिपमेंट के लिए भारत पर निर्भर थी. ऐसे में भारत ने इस दौरान रिकॉर्ड गेहूं एक्सपोर्ट किया. साल 2019-20 में केवल 2.17 लाख गेंहू एक्सपोर्ट हुआ तो वहीं, साल 2021-22 72.15 गेंहू एक्सपोर्ट किया गया.
दरअसल, रूस और यूक्रेन दुनिया के कुल गेहूं निर्यात का लगभग एक तिहाई हिस्सा हैं. ऐसे में दोनों देशों के बीच युद्ध के चलते भारत ने गेंहू एक्सपोर्ट में हाथ जमाया लेकिन, ज्यादा एक्सपोर्ट होने और उत्पादन की कमी के चलते 13 मई को गेहूं एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी गई.
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