भारतीय आंत्रप्रेन्योर अंकिती बोस (Ankiti Bose) को स्टार्टअप Zilingo Pte के पद से सस्पेंड कर दिया है. अंकिती बोस (Ankiti Bose) पर वित्तीय गड़बड़ियों के इल्जाम लगे. इससे पहले वित्तीय गड़बड़ियों के चलते ही फिनटेक यूनिकॉर्न भारतपे (BharatPe) के सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक (MD) अशनीर ग्रोवर को कंपनी बोर्ड से इस्तीफा देना पड़ा था. अब इसी तरह की कहानी अंकिती बोस (Ankiti Bose) के साथ दोहराई जा रही है.
Zilingo Pte कंपनी ने अकाउंटिंग में कथित तौर पर गड़बड़ियाँ मिलने के बाद अंकिती पर कार्रवाई की है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक नई फंडिंग जुटाने की कोशिशों के दौरान एक ड्यू डिलीजेंस प्रॉसेस के बीच इन गड़बड़ियों का पता चला. हालाँकि बोस ने इन आरोपों को ख़ारिज किया है और अपने सस्पेंशन को चुनौती दी है. अंकिती ने कंपनी के इस कदम को ‘विच हंट’ करार दिया है. और सस्पेशन के विरोध में कहा कि यह कंपनी में एक निवेशक के खिलाफ उनकी तरफ से किए गए उत्पीड़न की शिकायतों का नतीजा है.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक जिलिंगो पीटीई, गोल्डमैन सैक्स ग्रुप इंक से 15 से 20 करोड़ डॉलर जुटाने की कोशिश कर रही थी. इसी सिसलिसले में इनवेस्टर्स ने फाइनेंसेज पर सवाल किए, और बातचीत बीच में ही अटक गई. इसके बाद टेमासेक होल्डिंग्स और सिकोइया कैपिटल इंडिया जैसे इनवेस्टर्स ने उनकी फाइनेंशियल प्रैक्टिसेज की जाँच शुरू कर दी गई. जिलिंगो हजारों छोटे मर्चेंट्स के ट्रांजेक्शंस और रेवेन्यू के लिए जिम्मेदार है और कंपनी ने 2019 से अपने फाइनेंशियल रिटर्न फाइल नहीं किए हैं
अंकिती बोस की पैदाइश देहरादून में हुई थी. मुंबई में पली बढ़ीं अंकिती ने सेंट जेवियर्स (मुंबई) में गणित और अर्थशास्त्र की पढ़ाई की है. उनको साल 2018 में फोर्ब्स एशिया की 30 अंडर 30 लिस्ट और फॉर्च्यून के 40 अंडर 40 लिस्ट में शामिल किया गया था. अंकिती ने 2015 में थाईलैंड और कंबोडिया में अपनी शुरुआत करने के बाद कंपनी ने 400 कर्मचारियों के साथ आठ देशों में ऑफिस खोले. कंपनी ने छोटे व्यापारियों को कस्टमर को बेचने में मदद करके शुरुआत की और फिर नए फील्ड में आगे बढ़ी. कंपनी के संस्थापकों ने हजारों छोटे विक्रेताओं के साथ काम किया. उन्होंने पाया कि कई के पास टेक्नोलॉजी, पूँजी अर्थव्यवस्थाओं तक पहुँच नहीं है.
अंकिती ने अपनी रिसर्च में पाया कि भारत में पहले से ही ऑनलाइन मार्केट में Amazon, Flipkart जैसी बड़ी कंपनियाँ बड़े लेवल पर मौजूद थे. लेकिन साउथ ईस्ट एशिया में ऐसा कोई प्लेयर नहीं था. लिहाजा उन्होंने अपनी कंपनी की शुरुआत करने के लिए साउथ ईस्ट एशिया को चुना. इस तरह 2015 में ZILINGO कंपनी की शुरुआत हुई. कंपनी ‘यूनिकॉर्न’ स्टेटस पाने के काफी करीब है.