एनवीडिया (Nvidia) के सीईओ जेन्सन हुआंग(Jensen Huang) की आज गिनती बिजनेस के सबसे पॉवरफुल लोगों में होती है. लेकिन क्या आप जानते हैं इसके लिए उन्होंने कितनी मेहनत की है. नहीं तो हम आपको बता रहे हैं कि कैसे 17 फरवरी 1963 को ताइवान में जन्में जेन्सन हुआंग ने एक रेस्टोरेंट में अपने दो साथियों के साथ मिलकर एनवीडिया कंपनी की स्थापना की थी. अपने लीडरशिप स्किल्स से एनविडिया को दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी बना दिया.
...तो संघर्ष और मेहनत करनी ही पड़ेगी
हुआंग का जब 9 साल के थे तो उनका परिवार अमेरिका चला गया. उनका परिवार पहले केंटकी में रहा. उसके बाद ओरेगन में बस गया. जेन्सन हुआंग कड़ी मेहनत के लिए जाने जाते हैं. वह हर पल या तो काम करते हैं या काम के बारे में सोचते हैं. उनका मानना है कि यदि कुछ महान करना है, तो संघर्ष और मेहनत करनी ही पड़ेगी.
एनवीडिया मार्केट वैल्यू इतना बढ़ गया
जेनसन हुआंग की कड़ी मेहनत ने एनवीडिया को दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दौड़ में सबसे आगे खड़ा कर दिया है.उनकी बनाई ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट्स (GPUs) आज AI के सबसे शक्तिशाली मॉडल्स को चलाने और ट्रेनिंग देने में सबसे आगे है. नवंबर 2022 में OpenAI के ChatGPT लॉन्च होने के बाद से ही एनवीडिया मार्केट वैल्यू सात गुना बढ़ गया है. कंपनी का मार्केट कैप 3.4 ट्रिलियन डॉलर से ऊपर पहुंच चुका है.
एनवीडिया के प्रोडक्टस की भारी मांग
एनवीडिया के सबसे एडवांस GPUs की इतनी ज्यादा मांग है कि 2025 के लिए प्रोडक्शन पहले ही बुक हो चुका है. Tesla के एलोन मस्क और Oracle के लैरी एलिसन जैसे लोग हुआंग के साथ ज्यादा GPU उपलब्ध कराने के लिए मीटिंग्स कर चुके हैं. कंपनी के साल 2025 के लिए रेवेन्यू का अनुमान 125 बिलियन डॉलर है, जो पिछले साल से दोगुना है. कंपनी का ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन भी 60% से अधिक है.
ग्लोबल लीडर का एनवीडिया पर भरोसा
जेन्सन हुआंग का प्रभाव सिर्फ व्यापार जगत में ही नहीं, बल्कि राजनीति में भी है. व्हाइट हाउस के साथ-साथ भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और UAE के शेख मोहम्मद बिन जायद भी हुआंग से एआई पर चर्चा करने के लिए उनसे संपर्क करते हैं. अमेरिकी सरकार एनवीडिया के GPUs को राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security) के नजरिए से महत्वपूर्ण मानती है और चीन को अपने अत्याधुनिक चिप्स बेचने पर रोक लगा दी है.
एनवीडिया की सफलता का सफर
जेन्सन हुआंग का सफर काफी कठिन रहा है. ताइवान में जन्मे हुआंग अमेरिका में आए और ओरेगॉन स्टेट यूनिवर्सिटी और स्टैनफोर्ड से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. कुछ समय LSI Logic और AMD में काम करने के बाद 1993 में उन्होंने एनवीडिया की स्थापना की. उस समय एनवीडिया कई छोटी कंपनियों में से एक थी, जो वीडियो गेम्स को बेहतर तरीके से चलाने के लिए ग्राफिक्स कार्ड बनाने का प्रयास कर रही थी.
2000 के दशक में AI शोधकर्ताओं को GPUs की मदद से बड़े न्यूरल नेटवर्क्स को ट्रेन्ड करने में सफलता मिली. हुआंग ने इस संभावनाओं को पहचाना और एनवीडिया के GPUs को AI शोधकर्ताओं के बीच लोकप्रिय बनाना शुरू कर दिया. एनवीडिया ने सिर्फ GPUs ही नहीं, बल्कि इन्हें चलाने के लिए पूरी "फुल स्टैक" टेक्नोलॉजी बनाई 2007 में कंपनी ने CUDA नामक ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर लॉन्च किया, जिससे इंजीनियर AI एप्लिकेशन को एनवीडिया GPUs पर चला सकते हैं. आज दुनियाभर में 5 मिलियन से अधिक CUDA डेवलपर्स हैं, जो एनवीडिया के लिए एक मजबूत समर्थन का स्रोत बने हैं.
भविष्य की चुनौतियां
आज,एनवीडिया के सामने कई चुनौतियां हैं. एक तरफ AMD जैसे कंपनियां एनवीडिया के मार्केट शेयर में सेंध लगाने का प्रयास कर रही हैं तो दूसरी ओर बड़े क्लाउड कंप्यूटिंग कंपनियां अपने खुद के AI चिप्स विकसित कर रही हैं. इससे एनवीडिया पर निर्भरता घट सकती है. बाइडेन प्रशासन ने चीन के साथ अत्याधुनिक चिप्स की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है. इससे एनवीडिया की चीन में बिक्री प्रभावित हो सकती है. कंपनी ने इसके लिए H20 नामक एक डी-फीचरड GPU विकसित किया है, जो चीन में लोकप्रिय है.
इसके बावजूद इस तरह के प्रतिबंधों का प्रभाव कंपनी पर पड़ सकता है. वहीं, यदि चीन-ताइवान के बीच स्थिति बिगड़ती है, तो यह एनवीडिया की सप्लाई चेन को भी प्रभावित कर सकती है. जेन्सन हुआंग का लक्ष्य है कि वो इस बाजार में अपनी स्थिति को बनाए रखें. उनका मानना है कि AI और GPU आधारित कंप्यूटिंग के क्षेत्र में वो नए-नए ग्राहकों को आकर्षित करें. लेकिन, एक्सपर्टस का मानना है कि यह स्थिति लंबे समय तक कायम नहीं रह सकती.