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Pakistan's Richest Man: जानिए कौन हैं मियां मुहम्मद मंशा... जिन्हें कहते हैं पाकिस्तान के 'मुकेश अंबानी,' भारत से है खास कनेक्शन

मियां मुहम्मद मंशा ने 22 साल की उम्र में अपने पिता को खो दिया. इसके बाद उन्होंने अपने पिता की निशात मिल्स की कमान संभाली.

Mian Muhammad Mansha (Photo: Facebook) Mian Muhammad Mansha (Photo: Facebook)

भारत के सबसे अमीर परिवार यानी आंबानी, अडानी तो अक्सर सुर्खियों में रहते हैं. इनकी फैन-फॉलोइंग सिर्फ भारत नहीं बल्कि दूसरे देशों में भी है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि पाकिस्तान का सबसे अमीर व्यक्ति कौन है? जी हां, आज हम आपको बता रहे हैं पाकिस्तान के एक बिजनेसमैन के बारे में, जिन्हें 'पाकिस्तान का मुकेश अंबानी' कहा जाता है. यह कहानी है मियां मुहम्मद मंशा की, जो पाकिस्तान के पहले बिलेनियर हैं.

मंशा निशात ग्रुप के संस्थापक और मालिक हैं. उनकी कंपनी पाकिस्तान के अलावा यूएई, कनाडा और सऊदी अरब में भी अपने पांव पसार चुकी है. यह पाकिस्तान के सबसे बड़े ग्रुप्स में से एक है और टेक्सटाइल इंडस्ट्री पर बेस्ड है. इतने बड़े ग्रुप के मालिक होने के कारण, मियां मुहम्मद मंशा और उनका परिवार देश में सबसे ज़्यादा टैक्स देने वालों में से एक है. 

विभाजन के दौरान गए पाकिस्तान
पाकिस्तानी अरबपति व्यवसायी, मियां मुहम्मद मंशा का जन्म 1941 में पश्चिम बंगाल में एक संपन्न परिवार में हुआ था. हालांकि, विभाजन के दौरान, उनके परिवार ने नए बने देश पाकिस्तान में जाने का फैसला किया और लाहौर के पास फ़ैसलाबाद में बस गए. उनके परिवार के लिए अपना व्यवसाय जीरो से शुरू करना आसान काम नहीं था, लेकिन मंशा के पिता ने इस चुनौती को पूरा किया. उनके पिता और चाचाओं ने 1951 में निशात मिल्स नाम से कपास की ओटाई का व्यवसाय शुरू किया और यह तुरंत चल निकला. 

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मियां मुहम्मद मंशा और उनकी पत्नी (फोटो: फेसबुक)

उनके बिजनेस की सफलता के पीछे का कारण 1950-53 का कोरियाई युद्ध था, जिसने कपास की मांग को काफी बढ़ा दिया था. यह कपास उत्पादकों के लिए एक बड़ा अवसर था, और निशात मिल्स ने इसका फायदा उठाया और कोरियाई युद्ध के दौरान भारी मुनाफा कमाया. उन्होंने बाजार में अपना अच्छा नाम बनाया. 

लंदन से की है पढ़ाई
मियां मुहम्मद मंशा की ने एक कॉ-एड कॉन्वेंट स्कूल, सेक्रेड हार्ट स्कूल से अपनी शिक्षा पूरी की. इसके बाद, उनके परिवार ने उन्हें लंदन भेज दिया, जहां उन्होंने हेंडन कॉलेज में दाखिला लिया और वहां से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में डिग्री हासिल की. ​​हालांकि, लंदन में अपनी डिग्री पूरी करने से पहले ही वे पाकिस्तान लौट आए क्योंकि उनके पिता, मियां मोहम्मद याह्या को कैंसर हो गया था. 1968 में पाकिस्तान लौटने के बाद, मंशा ने अपने पिता की देखभाल की. 

कई रिपोर्टों के अनुसार, अपने पिता की कैंसर से लड़ाई के कारण, मंशा ने 21-22 साल की उम्र में ही नाज़ सैगोल से शादी कर ली. यह एक अरेंज मैरिज थी जिसे उनके पिता ने तय किया था. हालांकि, मंशा और नाज़ स्कूल में साथ पढ़े थे. वह उस दौर के प्रसिद्ध उद्योगपति यूसुफ सैगोल की बेटी थीं. उनकी शादी के बाद, 1969 में मियां मुहम्मद के पिता का निधन हो गया.

कम उम्र में संभाली बिजनेस की कमान
मियां मुहम्मद मंशा ने 22 साल की उम्र में अपने पिता को खो दिया. इसके बाद उन्होंने अपने पिता की निशात मिल्स की कमान संभाली. हालांकि, उस समय उनकी मिल पूर्वी पाकिस्तान में चल रहीं उनके चाचाओं की फैक्टरियों जितनी फायदेमंद नहीं थी. मंशा चाहते तो चाचाओं से अपने पिता के हिस्से के लिए झगड़ सकते थे लेकिन उन्होंने खुद अपनी राह बनाने का फैसला किया. उन्होंने फैक्ट्रियों से कोई हिस्सा नहीं मांगा और उनके सब्र का यह फैसला सही साबित हुआ. 

परिवार के साथ मियां मुहम्मद मंशा

1971 में पूर्वी पाकिस्तान के अलग होने के दौरान उनके चाचाओं ने सब कुछ खो दिया. कुछ लोग कहते हैं कि मंशा का फैसला सही था तो वहीं बहुत से लोग इसका क्रेडिट उनकी नाज़ को देते हैं और उन्हें उनकी 'लेडी लक' कहते हैं. मंशा के उनकी पत्नी नाज़ के साथ तीन बच्चे, मियां हसन मंशा, मियां उमर मंशा और मियां रजा मंशा हैं. रिपोर्टों के अनुसार, तीनों बच्चे लंदन में पढ़ते हैं और अब निशात समूह की अलग-अलग ब्रांच को संभालते हैं. 

पाकिस्तान का सबसे बड़ा बिजनेस ग्रुप 
फ़ैसलाबाद में एक साधारण कपड़ा मिल के रूप में शुरू हुआ निशात अब पाकिस्तान का सबसे बड़ा बिजनेस ग्रुप है. यह पाकिस्तान के लगभग हर प्रमुख क्षेत्र में काम करता है. इनमें से कुछ हैं डीसी खान सीमेंट, एमसीबी बैंक, निशात चुनियन, लाल पीर पावर, निशात ऑटोमोबाइल, पाकिस्तान एविएटर्स एंड एविएशन, निशात होटल्स एंड प्रॉपर्टीज़ लिमिटेड, और निशात एग्रीकल्चर फ़ार्मिंग (प्राइवेट) लिमिटेड आदि. 

मंशा आज पाकिस्तान के सबसे अमीर लोगों में से एक बन गए हैं. हालांकि, 2010 में उन्हें फोर्ब्स की दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में शामिल किया गया था. उन्हें 5 बिलियन रुपये की अनुमानित संपत्ति के साथ 937वें स्थान पर रखा गया था. निशात ग्रुप की सफलता के कारण, वह पाकिस्तान के पहले अरबपति बन गए और पाकिस्तानियों ने उन्हें 'पाकिस्तान का मुकेश अंबानी' करार दिया है. 

अरबों की दौलत के मालिक हैं मंशा 
डीएनए की एक रिपोर्ट के अनुसार, मंशा की अनुमानित कुल संपत्ति 80 बिलियन अमरीकी डॉलर से ज्यादा है. मर्सिडीज ई-क्लास, जगुआर कन्वर्टिबल, पोर्श, बीएमडब्ल्यू 750, रेंज रोवर और वोक्सवैगन जैसी महंगी कारों के मालिक होने से लेकर लंदन और पाकिस्तान के विभिन्न हिस्सों में उनके पास शानदार प्रॉपर्टीज हैं. एक व्यवसायी होने के अलावा, उनके कई राजनीतिक संबंध भी हैं और उन्हें पाकिस्तान के सबसे प्रभावशाली लोगों में से एक माना जाता है.