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160 साल के इतिहास में HSBC Bank ने पहली बार एक महिला को बनाया CFO, जानिए कौन हैं Pam Kaur

लंदन की रहने वाली पैम कौर ने पंजाब यूनिवर्सिटी से बैचलर इन कॉमर्स (B.Com) की पढ़ाई करने के बाद एमबीए (Master in Business Administration) किया. वह बैंकिंग क्षेत्र में 40 साल का अनुभव हासिल कर चुकी हैं और नई सीएफओ के तौर पर उनके सामने कुछ नई चुनौतियां हैं.

भारतीय मूल की पैम कौर 40 साल से बैंकिंग क्षेत्र में काम कर रही हैं. भारतीय मूल की पैम कौर 40 साल से बैंकिंग क्षेत्र में काम कर रही हैं.

हॉन्ग कॉन्ग के एचएसबीसी बैंक (HSBC Bank) ने भारतीय मूल की पैम कौर को अपना मुख्य वित्तीय अधिकारी (Chief Financial Officer) नियुक्त कर इतिहास रच दिया है. कौर बैंक के 160 साल पुराने इतिहास में यह भूमिका निभाने वाली पहली महिला हैं. भारत के पंजाब विश्वविद्यालय से एमबीए करने वाली कौर उन चुनिंदा महिलाओं की लिस्ट में शामिल हो गई हैं जो शीर्ष बैंकों में निर्णायक भूमिका निभा रही हैं. 

कौर के अलावा सिटी बैंक की सीईओ जेन फ्रेजर, मॉर्गन स्टेनली की सीएफओ शैरन येशाया, जेपी मॉर्गन की सीईओ मैरी एर्डोज़, मैरिएन लेक और जेनिफर पिप्सज़क भी उन महिलाओं में हैं जो बड़े बैंकों और फाइनैंस कंपनियों में निर्णायक पदों पर काम करी हैं. 

कौन हैं पैम कौर?
लंदन की रहने वाली पैम कौर ने पंजाब यूनिवर्सिटी से बैचलर इन कॉमर्स (B.Com) की पढ़ाई करने के बाद एमबीए (Master in Business Administration) किया. बैंकिंग में पैम चार दशक का अनुभव हासिल कर चुकी हैं. कौर ने अर्न्स्ट एंड यंग (Ernst and Young) से अपने करियर की शुरुआत एक चार्टर्ड अकाउंटेंट के तौर पर की. यहां चार साल गुजारने के बाद उन्होंने बैंकिंग में प्रवेश किया. 

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कौर अर्न्स्ट एंड यंग के बाद सिटी बैंक से जुड़ीं जहां उन्होंने अपने जीवन के 15 साल गुजारे. वह एक साल के लिए लॉयड्स बैंकिंग ग्रुप में और चार साल रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड का हिस्सा रहीं. अंततः डॉयशे बैंक में दो साल गुजारने के बाद  कौर अप्रैल 2013 में बतौर ऑडिट प्रमुख एचएसबीसी में शामिल हुई थीं. 

सीएफओ के पद तक पहुंचने से पहले कम से कम तीन बार पैम का प्रोमोशन हुआ. वह ग्रुप चीफ रिस्क एंड कंप्लायंस ऑफिसर (Group Chief Risk and Compliance Officer) का पद संभालने के बाद सीएफओ बनी हैं. 

किन परिस्थितियों में हुई नियुक्ति?
नई भूमिका में कौर की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब व्यापक वातावरण तेजी से बदल रहा है. खासकर तकनीक के मामले में. कौर की उम्र 60 साल है. इस उम्र के लोगों को तकनीक प्रेमी नहीं माना जाता लेकिन नई सीएफओ के तौर पर कौर के कंधों पर नई जिम्मेदारियां हैं. उन्होंने तीन साल पहले लिंक्डइन पर एक पोस्ट लिखा था जो इन जिम्मेदारियों के प्रति उनकी गंभीरता को दिखाता है. 

कौर ने लिखा था, “हमारे जीवन में बहुत कम चीजें हैं जिन्हें हम नियंत्रित कर सकते हैं. लेकिन यह तय करना हमारे हाथ में है कि हम आगे क्या सीखते हैं. हमारे आसपास की दुनिया पहले से कहीं अधिक तेजी से बदल रही है. हम सभी को एक तेजी से बदलती हुई संस्कृति में विकसित होने और फलने-फूलने की जरूरत है. जहां हम अपने करियर को आगे की चुनौतियों और अवसरों के लिए सर्वोत्तम रूप से तैयार करने के लिए भविष्य के लिए स्किल्स विकसित कर रहे हैं." 

उन्होंने लिखा था, “मैंने हमेशा माना है कि हम सभी अपनी क्षमताओं और अनुभवों में किसी से कम नहीं हैं. मेरे करियर और निजी जीवन की यात्रा की तुलना दूसरों से करना जरूरी नहीं है. अक्सर तुलनाएं हमें अधूरापन और हतोत्साहित महसूस करा सकती हैं."