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Naturals Ice Cream: कैसे एक फल बेचने वाले के बेटे ने खड़ा कर दिया 300 करोड़ का बिजनेस...कहलाते हैं ‘Ice Cream Man Of India’

एक फल विक्रेता के बेटे में आइस्क्रीम का बिजनेस शुरू करके बड़े-बड़े ब्रांड्स को टक्कर दी. हम बात कर रहे हैं रघुनंदन कामथ की जो आज 300 करोड़ का टर्नओवर अर्जित कर रहे हैं. आज पूरे शहर में उनके 135 आउटलेट्स हैं.

Who is owner of Naturals Ice cream Who is owner of Naturals Ice cream

आपने कई लोगों के अजीबो-गरीब फूड कॉम्बिनेशन सुने होंगे, जैसे किसी को चाय के साथ मिठाई खाना या जेली के साथ बर्गर खाना पसंद होता है. वैसे ही जैसे आपको अक्सर शराब के ठेके के आसपास चखना और मसालेदार चीजों की दुकाने देखने को मिलती हैं. लेकिन शायद ही आपने कभी पाव भाजी के साथ किसी को आइस्क्रीम बेचते देखा हो वो भी उस जमाने में जब इसकी कल्पना भी नहीं की गई थी. बात है 1984, मुंबई की.

कैसे आया आइडिया?
रघुनंदन श्रीनिवास कामथ को भारत के मिठाई के जुनून के बारे में बहुत अच्छे से पता था. इसके लिए उन्होंने अपने भाई के दक्षिण भारतीय भोजनालय में काफी समय तक काम किया था, यह जानने के लिए कि कितने भारतीय खाने के बाद कुछ मीठा खाना पसंद करते हैं. 

ये आइडिया रघुनंदन के लिए काम कर गया और गर्म और मसालेदार व्यंजन के बाद कुछ ठंडा खिलाने का आइडिया लोगों को पसंद आने लगा. उन्होंने जुहू के कोलीवाड़ा इलाके में अपनी 200 वर्ग फुट की छोटी दुकान से पहले साल में 5,00,000 रुपये का राजस्व अर्जित किया. एक साल बाद, उन्होंने एक पूर्ण आइसक्रीम ब्रांड बनने के लिए पाव भाजी बेचना बंद कर दिया. छह टेबल वाला मामूली भोजनालय अब पांच स्वादों में जमी हुई मिठाई पेश कर रहा था - सीताफल (कस्टर्ड सेब), काजू-द्राक्ष (काजू-किशमिश), आम, चॉकलेट और स्ट्रॉबेरी.

टॉप 10 ब्रांड में हुए शामिल
साल 2021 तक तेजी से आगे बढ़ते हुए, सिंगल आइसक्रीम पार्लर विभिन्न शहरों में 135 आउटलेट्स में विकसित हो गया है, जो एक निश्चित समय में औसतन 20 से अधिक फ्लेवर की आइस्क्रीम देने लगा. यह नेचुरल आइसक्रीम की कहानी है जिसने वित्तीय वर्ष 2020 में 300 करोड़ रुपये का खुदरा कारोबार दर्ज किया और केपीएमजी सर्वेक्षण में ग्राहक अनुभव के लिए भारत के शीर्ष 10 ब्रांड के रूप में नामित किया गया.

ऐसे समय में जब आइसक्रीम एक दुर्लभ, बेशकीमती संपत्ति थी और केवल संपन्न परिवारों की ही उन तक पहुंच थी, कामथ ने पाव भाजी को आइसक्रीम के साथ बेचा. इस ब्रांड ने उन ब्रांड्स को भी टक्कर दी जिसमें लोग आइस्क्रीम बनाने के लिए ऑर्टिफिशियल कलर्स और प्रीजर्वेटिव्स का इस्तेमाल करते थे. 

कामथ ने 'नेचुरल' को एक घरेलू नाम बनाने के लिए अपने आस-पास की चीजों को बहुत ध्यान से देखा फिर चाहे वह अपने पिता की तरह गुणवत्ता वाले फलों को चुनना हो, अपनी मां के पारंपरिक हैक्स का उपयोग करना हो या ग्राहकों की प्रतिक्रिया को गंभीरता से लेना हो उन्होंने वो सब किया जिससे वो कस्टमर्स के दिलों तक पहुंच सकें.आज उनकी पत्नी, अन्नपूर्णा और बेटे, सिद्धांत और श्रीनिवास भी मैनेजमेंट बोर्ड का हिस्सा हैं. 125 सदस्यों का उनका स्टाफ रोजाना 20 टन के करीब आइसक्रीम का उत्पादन करता है.

कौन हैं रघुनंदन श्रीनिवास कामथ?
मूल रूप से कर्नाटक के मैंगलोर के पुत्तूर तालुका के रहने वाले कामथ सात भाई-बहनों में सबसे छोटे थे. उनकी मां एक गृहिणी थीं और उनके पिता एक फल विक्रेता थे. आठ लोगों के परिवार ने अपनी एक एकड़ जमीन पर कुछ फलों की खेती भी की, लेकिन उनकी मासिक कमाई 100 रुपये से भी कम थी.

पिता से ली शिक्षा
शिक्षा प्राप्त करने की हालत बहुत खराब थी. कामथ के स्कूल में कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को एक साथ पढ़ाया जाता था और परीक्षा में फेल होने के बावजूद उन्हें प्रमोट कर दिया जाता था. लेकिन कक्षा के बाहर का पाठ था जो उन्होंने अपने पिता के साथ हासिल किया, कामथ को बहुत पसंद आया. वह अक्सर अपने पिता के साथ खेत में जाते थे और फलों को बाजार में बेचकर आते थे. इस अवधि के दौरान, कामथ ने गुणवत्ता, पके फलों को पहचानना सीखा और यही विशेषज्ञता उनके काम आई.

कामथ 14 साल के थे जब उनका परिवार मुंबई आ गया. कामथ ने एक नए स्कूल में दाखिला लिया, लेकिन दो बार अपने बोर्ड पास करने में असफल होने के बाद, उन्हें अपने सबसे बड़े भाई, जो एक दक्षिण भारतीय भोजनालय 'गोकुल रिफ्रेशमेंट' चला रहे थे में शामिल होने और घर का बना आइसक्रीम बेचने के लिए कहा गया. हालांकि वह असली फलों के गूदे से आइस्क्रीम बनाना चाहते थे जोकि चॉकलेट और वेनिला फ्लेवर से कई ऊपर हो लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी. 

4 स्टाफ के साथ की थी शुरुआत
संयोग से लगभग उसी समय, भाई अलग हो गए और रेस्तरां का एक हिस्सा कामथ के पास चला गया. 3,50,000 रुपये के साथ कामथ ने छह कर्मचारियों के साथ नैचुरल की शुरुआत की. हाथ से बनी आइसक्रीम के स्वाद, रंग और बनावट अलग थे लेकिन वह पहले सप्ताहांत में 1,000 कप बेचने में सफल रहे. आज, Naturals के देश भर के विभिन्न शहरों में 135 आउटलेट हैं. साल 2020 में इनका 300 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ था. 2021 केपीएमजी सर्वेक्षण में, नेचुरल्स को ग्राहक अनुभव के शीर्ष 10 ब्रांडों में सूचीबद्ध किया गया था.