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Woodland Success Story: USSR के लिए बनाते थे जूते, देश टूटा तो ठप हो गया कारोबार, फिर Avatar Singh ने भारत में बनाया मार्केट, आज करोड़ों का है ब्रांड

Avtar Singh Success Story: 80 के दशक में दिल्ली का एयरो ग्रुप USSR के लिए जूते बनाता था. लेकिन साल 1991 में जब सोवियत संघ का विघटन हो गया तो कंपनी के उत्पाद का सबसे बड़ा मार्केट रातों-रात बंद हो गया. सारा मॉल स्टॉक में पड़ा रहा. कंपनी के मालिक अवतार सिंह ने एक जूते को वुडलैंड के लेवल के साथ भारतीय मार्केट में उतारा. वुडलैंड को लोगों ने खूब पसंद किया. इसके बाद वुडलैंड एक ब्रांड बन गया और वो कई उत्पाद बनाता है.

Woodland Brand (Photo/Twitter) Woodland Brand (Photo/Twitter)

एक ऐसा ब्रांड, जो रफ एंड टफ लुक और मजबूती के लिए जाना जाता है. इसकी कहानी तब शुरू होती है, जब सोवियत संघ का विघटना होता है. दिल्ली की एक कंपनी सिर्फ USSR के लिए जूते बनाती थी. लेकिन जब सोवियत संघ कई देशों में टूट गया तो कंपनी का सारा मार्केट खत्म हो गया और सारा मॉल धरा रह गया. एक दिन कंपनी के मालिक की नजर स्टॉक में रखे एक जूत पर पड़ी. उन्होंने उस जूते को एक नए लेबल के साथ मार्केट में उतारा और वो ब्रांड बन गया. उस ब्रांड का नाम वुडलैंड (Woodland) है और उस कारोबारी का नाम अवतार सिंह है. चलिए कनाडा में रहने वाले भारतीय मूल के कारोबारी की इस देसी ब्रांड की कहानी बताते हैं.

USSR टूटा तो आया नया आइडिया-
साल 1980 में एयरो क्लब की स्थापना कनाडा के क्यूबेक में की गई थी. इस कंपनी की शुरुआत भारतीय मूल के अवतार सिंह ने की थी. वो इससे पहले से जूते बनाते थे, लेकिन उनका अपना कोई ब्रांड नहीं था. लेकिन 80 के दशक में उन्होंने कंपनी की शुरुआत की. ये कंपनी कनाडा और सोवियत संघ के लिए विंटर शूज बनाता थी. लेकिन साल 1991 में जब सोवियत संघ टूट गया तो जूते का सारा मार्केट बिखर गया. रातों-रात सारे ऑर्डर कैंसिल हो गए. तैयार किए गए जूते स्टॉक में भी रह गए. अवतार सिंह ने स्टॉक के एक जूते को नए ब्रांड के तहत भारत में उतारने का फैसला किया. 

वुडलैंड की हुई शुरुआत-
अवतार सिंह ने रूस में बेचे जाने वाले जूतों को वहां के मौसम के हिसाब से बनाया था. वे हैंडमेड जूते थे. जिसकी सोल हार्ड रबड़ की थी और जूतों मोटे लेदर सीलकर तैयार किया गया था. अवतार सिंह ने इन जूतों पर नया लेबल लगाया और भारतीय बाजार में बेच दिया. इंडियन मार्केट में इसे वुडलैंड नाम दिया गया था. 

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साल 1992 में वुडलैंड को दिल्ली में दो स्टोर पर लॉन्च किया गया और इसे बेचना शुरू किया. इसके साथ ही इसे दिल्ली के कुछ छोटे रिटेलर्स को भी उपलब्ध कराए गए थे. लोगों ने इन जूतों को खूब पसंद किया. धीरे-धीरे इसकी पॉपुलैरिटी बढ़ने लगी और ये पूरे देश में फेमस हो गया.

वुडलैंड का कारोबार-
वुडलैं कंपनी का मुख्यालय दिल्ली में है. कंपनी का कारोबार देशभर में फैला है. कंपनी का कारोबार देश के बाहर हांगकांग, दुबई और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों में फैला है. वुडलैंड ने वित्त वर्ष 2020 में 1200 करोड़ रुपए का कारोबार किया था. लेकिन साल 2022 में कंपनी का कारोबार 900 करोड़ रुपए है. वुडलैंड के हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 8 कारखाने हैं, जो 70 फीसदी डिमांड पूरी करते हैं. साल 2023 में कंपनी के पास 475 आउटलेट्स हैं और ये 4000 मल्टी-ब्रांड आउटलेंट्स में उपलब्ध हैं.

वुडलैंड की पेरेंट कंपनी एयरो ग्रुप की श्रीलंका, बांग्लादेश, चीन, वियतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, मकाऊ और कनाडा में मैन्यूफैक्चरिंग सर्विसेज हैं.

अवतार सिंह ने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है. उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एग्जीक्यूटिव एजुकेशन हासिल किया. उसके बाद रशियन स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ ट्रेंड एंड इकोनॉमिक्स से लिंग्विस्टिक की पढ़ाई की. अवतार सिंह के बेटे हरकीरत सिंह कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं. और गगनदीप सिंह कंपनी के सीईओ हैं.

वुडलैंड के दूसरे प्रोडक्ट भी मार्केट में-
वुडलैंड के फुटवियर्स ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर एडवेंचर्स का मजा लेने के शौकीन पर्वतारोही लोग खास पसंद करते हैं. वुडलैंड के दूसरे उत्पाद भी मार्केट में उपलब्ध है. इसमें कपड़े, फैशन एसेसरीज, स्पोर्ट्स एसेसरीज और स्किन केयर प्रॉडक्ट्स शामिल हैं. वुडलैंड के मेन्स-वुमेन्स कैजुअल, ट्रैवल, क्लाइंबिंग, ट्रेकिंग हाइकिंग फुटवियर्स, एपैरल्स एसेसरीज खूब पसंद किया जाता है.

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