कोविड-19 के बाद से ही लोगों के काम करने के तरीके में काफी बदलाव आए हैं. लॉकडाउन के समय में भी लगभग सभी लोगों ने वर्क फ्रॉम होम किया. हालांकि हालात ठीक होने का बाद लोगों को ऑफिस बुला लिया गया. कुछ कंपनियां अभी भी अपने कर्मचारियों से घर से ही काम करवा रही है. अब केंद्र सरकार ने स्पेशल इकॉनोमिक जोन (SEZ) में रह रहे सभी लोगों के लिए वर्क फ्रॉम होम की अनुमति दे दी है. केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को इसकी घोषणा की है.
कई लोगों ने किया था अनुरोध
दरअसल, ये फैसला कई लोगों के आग्रह पर लिया गया है. केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि केंद्र ने कई लोगों के बाद सभी स्पेशल इकॉनोमिक जोन में वर्क फ्रॉम होम की अनुमति देने का फैसला किया है. उन्होनें आगे कहा कि उनका विचार है कि वर्क फ्रॉम होम कल्चर से छोटे शहरों में रोजगार के अधिक अवसर पैदा किए जा सकेंगे.
केंद्र ने योजना तैयार करने की कही थी बात
अगस्त में भी, वाणिज्य मंत्रालय ने कहा था कि स्पेशल इकॉनोमिक जोन में जो यूनिट कर्मचारियों के लिए घर से काम की अनुमति देना चाहती हैं, उन्हें एक योजना तैयार करनी होगी और संबंधित विकास आयुक्तों से अप्रूवल लेना होगा. केंद्र सरकार ने जुलाई में वर्क फ्रॉम होम को एक स्पेशल इकॉनोमिक जोन (SEZ) यूनिट में अधिकतम एक साल के लिए अनुमति दी थी. यह सुविधा कुल कर्मचारियों के 50 प्रतिशत तक बढ़ाई जा सकती है.
इतना ही नहीं बल्कि इस संबंध में, वाणिज्य विभाग ने पहले भी विशेष आर्थिक क्षेत्र नियम, 2006 में वर्क फ्रॉम होम के लिए नया नियम 43ए अधिसूचित किया था. नया नियम स्पेशल इकॉनोमिक जोन में एक यूनिट के कर्मचारियों को एक निश्चित श्रेणी के लिए वर्क फ्रॉम होम देगा.