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Shock Marketing: शॉक मार्केटिंग क्या है और यह कैसे काम करती है? Yes Madam को फायदा होगा या नुकसान

यस मैडम ने हाल ही में कर्मचारियों के तनाव का स्तर जानने के लिए एक सर्वे किया था और जिन कर्मचारियों में तनाव का गंभीर स्तर पाया गया, उन्हें कंपनी नौकरी से निकाल रही है. बाद में कंपनी ने खुद कहा कि ये सब कैंपेन के तहत किया गया था.

Yes Madam Yes Madam
हाइलाइट्स
  • कैसे काम करती है शॉक मार्केटिंग?

  • किन लोगों ने अपनाया शॉक मार्केटिंग का तरीका

भारत की एक ब्‍यूटी और वेलनेस कंपनी यस मैडम का एक 'इंटरनल ईमेल' सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें दावा किया गया कि कंपनी ने उन कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया, जिन्होंने कंपनी सर्वे में वर्कप्लेस स्ट्रेस की शिकायत की थी. यह ईमेल तेजी से वायरल हुआ और सोशल मीडिया पर लोगों में हैरानी के साथ-साथ गुस्सा भी भर गया.

कुछ लोगों ने इसे सच माना तो कुछ ने इसे एक मार्केटिंग स्टंट बताया. जैसे-जैसे विवाद बढ़ा और मीडिया में खबरें आईं, यस मैडम ने भी इस मामले पर अपना बयान जारी किया, उन्होंने बताया कि कर्मचारियों को निकाला नहीं गया है. उन्हें आराम करने का मौका दिया गया है. लेकिन कंपनी की इस सफाई से लोग संतुष्ट नहीं हुए. ज्यादातर लोग इसे खराब शॉक मार्केटिंग मान रहे हैं. आइए जानते हैं क्या है शॉक मार्केटिंग और यह कैसे काम करती है?

क्या होती है शॉक मार्केटिंग?
शॉक मार्केटिंग एक ऐसी मार्केटिंग तकनीक है जिसमें लोगों का ध्यान खींचने के लिए चौंकाने वाले या विवादित तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें ऐसे विज्ञापन (Advertisement), मैसेज और इमेज का इस्तेमाल किया जाता है जो लोगों को चौंका दें. इसका मकसद लोगों के बीच चर्चा (buzz) पैदा करना और ब्रांड या प्रोडक्ट को तुरंत चर्चा में लाना होता है.

कैसे काम करती है शॉक मार्केटिंग?
चौंकाने वाला कंटेंट- शॉक मार्केटिंग में ऐसे विज्ञापन या संदेश मैसेज होते हैं जो उसे देखने वाले लोगों को चौंका देते हैं या उनकी आम सोच से बिल्कुल अलग होते हैं.

इमोशनल ट्रिगर का इस्तेमाल- इसमें अक्सर ऐसे चीजों का इस्तेमाल किया जाता है जो लोगों की इमोशन को गहराई से प्रभावित करें. 

कंट्रोवर्शियल टॉपिक- कभी-कभी ब्रांड जानबूझकर कंट्रोवर्शियल टॉपिक पर विज्ञापन या कैंपेन लॉन्च करते हैं ताकि लोग उस पर चर्चा करें.

सोशल मीडिया- चौंकाने वाला कंटेंट जल्दी वायरल हो जाता है, जिससे ब्रांड को ज्यादा एक्सपोजर मिलता है. सोशल मीडिया पर लोग ऐसी चीजों को शेयर करना पसंद करते हैं, जिससे यह तेजी से फैलता है.

किन लोगों ने अपनाया शॉक मार्केटिंग का तरीका

1. पूनम पांडे की मौत की अफवाह
फरवरी 2024 में मॉडल पूनम पांडे के इंस्टाग्राम अकाउंट पर उनकी मौत की खबर पोस्ट हुई. कहा गया कि सर्वाइकल कैंसर की वजह से उनकी मौत हो गई. कई लोग सदमे में आ गए और श्रद्धांजलि देने लगे. एक दिन बाद ही पूनम ने एक वीडियो शेयर किया और बताया कि यह खबर झूठी थी. उन्होंने कहा कि उनका मकसद सर्वाइकल कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाना था, जो कि शुरुआती टेस्ट और ह्यूमन पेपिलोमावायरस (HPV) वैक्सीन से रोका जा सकता है. हालांकि, इस स्टंट के लिए कई लोगों ने उनकी आलोचना भी की और इसे भावनाओं से खिलवाड़ कहा. वहीं कुछ लोगों ने माना कि उनकी इस जागरूकता से कैंसर पर जरूरी बातचीत शुरू हुई है.

2. जोमैटो ने एप्लीकेशन के लिए मांगे 20 लाख रुपये
जोमैटो के सीईओ (CEO) दीपिंदर गोयल ने हाल ही में एक पोस्ट किया था. जिसमें कहा था कि 'चीफ ऑफ स्टाफ' के पद के लिए उम्मीदवारों को आवेदन करने के लिए 20 लाख रुपये देने होंगे. बाद में उन्होंने कई अपडेट्स दिए और बताया कि यह सिर्फ एक मार्केटिंग स्टंट था.

शॉक मार्केटिंग के फायदे
ब्रांड की पहचान बढ़ती है.
वायरल होने की संभावना बढ़ती है.
लोगों के बीच चर्चा का विषय बनता है.
कंपनी का मैसेज सही ढंग से पहुंचता है जो सभी का ध्यान आकर्षित करता है.

शॉक मार्केटिंग के नुकसान

निगेटिव इमेज- कभी-कभी विज्ञापन कंट्रोवर्शियल हो जाते हैं और लोगों में गुस्सा पैदा कर सकते हैं.

सेंसिटिव इशू- यदि सही तरीके से प्रस्तुत न किया जाए, तो यह सेंसिटिव इशू का अपमान कर सकता है.

ब्रांड का बॉयकॉट- कुछ लोग इसे निगेटीव रूप में लेकर ब्रांड को बॉयकॉट भी कर सकते हैं.

शॉक मार्केटिंग एक ताकतवर तरीका हो सकता है, लेकिन ब्रांड्स को सावधानी बरतनी चाहिए. क्रिएटिविटी और संवेदनशीलता (Sensitivity) के बीच सही तालमेल जरूरी है ताकि किसी के इमोशन को ठेस न पहुंचे और मैसेज भी सही तरीके से लोगों तक पहुंच सके.

यह स्टोरी निशांत सिंह ने लिखी है, निशांत GNTTV में बतौर इंटर्न काम कर रहे हैं.