अक्सर आपने लोगों से सुना होगा कि वह इनकम टैक्स तब ही देना सही समझते हैं जब उनकी कमाई आयकर के दायरे में आती है लेकिन, क्या आपको पता है वह लोग ऐसा करके कई फायदों से हाथ धो रहे हैं. अगर आपकी सैलरी इनकम टैक्स की सीमा से कम है, तब भी आपको टैक्स भरना चाहिए.
टैक्स रिफंड के लिए जरूरी है
इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल (Income Tax Return Filing) करने के बाद आपको इनकम टैक्स रिफंड आना शुरू हो जाता है. इससे आप टर्म डिपॉजिट जैसी बचत योजनाओं पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स बचा सकते हैं. अगर कुल इनकम कई स्रोतों की कमाई से 2.5 लाख रुपये से ज्यादा हो जाती है तो कटा हुआ TDS आप दोबारा क्लेम कर सकते हैं.
लोन की योग्यता तय होती है
अगर आप बड़ा लोन लेना चाहते हैं. जैसे अगर आपको घर खरीदना है, फिर कार लोन लेना चाहते हैं या पर्नसल लोन लेना चाहते हैं, तो ITR जरूर दाखिल करना चाहिए . इससे आपको आसानी से लोन मिल जाता है.
घाटे को क्लेम कर सकते हैं
अगर आप आईटीआर फाइल करते हैं तो घाटे को क्लेम करने के लिए भी योग्य होंगे. ये घाटा कैपिटल गेंस, बिजनेस या प्रोफेशन के रूप में हो सकता है. असेसमेंट ईयर में ITR फाइल करने पर ही कैपिटल गेंस के खिलाफ घाटे को कैरी फॉर्वर्ड करने की इजाजत दी जाती है.
वीजा प्रोसेसिंग के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट
कई ऐसे देश हैं, जो आईटीआर की मांग करते हैं. इसलिए अगर आपको बाहर जाना है तो आपको आईटीआर फाइल करें, जिससे आपको आने वाले दिनों में किसी भी तरह की कोई परेशानी न हो. क्योंकि, कई देश आपकी योग्यता के रूप में देखते हैं कि आप टैक्स कंप्लायंट सिटिजन हैं या नहीं.
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