कई बार ऐसा होता है कि कस्टमर खाने का ऑनलाइन ऑर्डर देकर किसी कारणवश बाद में उसे कैंसिल कर देते हैं. ऑर्डर कैंसिल कर देने से इस खाने की बहुत बार बर्बादी होती है. खाने की इसी बर्बादी को रोकने के लिए ऑनलाइन फूड डिलवरी कंपनी जोमैटो ने एक नया फीचर फूड रेस्क्यू (Food Rescue) लॉन्च किया है. इसके तहत जैसे ही यूजर ऑनलाइन फूड ऑर्डर करने के बाद इसे कैंसिल करेगा. वैसे ही पॉपअप मैसेज के जरिए कैंसिल ऑर्डर आस-पास के कस्टमर को डिस्काउंट दाम पर दिखने लगेगा.
हर महीने 4 लाख ऑर्डर होते है कैंसिल
जोमैटो के सीईओ दीपिंदर गोयल ने सोशल मीडिया एक्स (X) पर पोस्ट कर लिखा है, "हम जोमैटो में ऑर्डर कैंसिलेशन को बढ़ावा नहीं देते, क्योंकि इससे काफी ज्यादा खाने की बर्बादी होती है. लेकिन लाख कोशिश करने के बावजूद, हर महीने कस्टमर्स की ओर से किसी न किसी कारण से लगभग 4 लाख खाने के ऑर्डर कैंसिल किए जाते हैं. ये हमारे लिए, रेस्तरां इंडस्ट्री और यहां तक कि जो ऑर्डर को कैंसिल करते हैं उनके लिए भी बड़ी चिंता है कि कैसे भोजन को बर्बाद होने से बचाया जाए. ऐसे में आज हम एक नई पहल- 'फूड रेस्क्यू' शुरू कर रहे हैं." फूड रेस्क्यू के तहत कैंसिल ऑर्डर का मैसेज आस-पास के कस्टमर को पॉप अप हो जाएगा. कोई भी कस्टमर इस ऑर्डर को डिस्काउंट पर ओरिजनल पैकेजिंग में ले सकता है. वो भी बहुत ही कम समय में.
कुछ ही मिनटों में करना होगा ऑर्डर
जैसे ही ऑनलाइन आर्डर करने वाला कस्टमर ऑर्डर कैंसिल करेगा, वैसे ही ऑर्डर ले जाने वाले डिलीवरी बॉय के 3 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले कस्टमर के एप पर मैसेज दिखाई देने लगेगा. जोमैटो का यह भी कहना है कि कस्टमर को खाना ताजा मिले इसलिए कस्टमर कुछ ही मिनट तक ऑर्डर कर सकेंगे. इस तरह के सिस्टम में किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए, जिस कस्टमर का ओरिजिनल ऑर्डर था और उनके आसपास के लोगों को इस ऑर्डर को डिस्काउंट पर क्लेम करने का ऑप्शन नहीं मिलेगा. साथ ही यह भी ध्यान रखा जाएगा कि जो कस्टमर वेजीटेरियन है उन्हें नॉन वेज ऑर्डर न दिखे.
जोमैटो अपने पास नहीं रखेगा कोई इनकम
गोयल ने कहा कि, 'जोमैटो' अपने पास कोई भी आय (सरकारी टैक्स के अलावा) नहीं रखेगा. जो नया कस्टर पेमेंट करेगा, उस पैसे को पहले वाले कस्टमर(अगर उसने पहले ऑनलाइन पेमेंट किया हो) और रेस्तरां पार्टनर के साथ शेयर किया जाएगा. वहीं, फूड रेस्क्यू में आइसक्रीम, शेक, स्मूदी जैसे जल्दी खराब होने वाले आइटम नहीं आएंगे. अभी फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि फूड रेस्क्यू के तहत जो आइटम होंगे उनका मिनिमम या मैक्सिमम प्राइस क्या होगा. यह भी क्लियर नहीं है कि कितनी छूट मिलेगी. वहीं, गोयल द्वारा शेयर किए गए एक स्क्रीनशॉट में, कैंसिल किए गए ऑर्डर का मूल्य 322 रुपये दिखाया गया था और डिस्काउंट देने के बाद 161 रुपये थी, जो ओरिजनल मूल्य का आधा है.
एक ब्लॉग पोस्ट में, जोमैटो ने कहा कि उनके 99.9% रेस्तरां पार्टनर इस पहल का हिस्सा बनना चाहते हैं. कंपनी के अनुसार, रेस्तरां पार्टनर को ओरिजनल कैंसिलेसन का तो मुआवजा मिलेगा, साथ ही नए कस्टर जो पेमेंट करेंगे उसका भी एक हिस्सा उन्हें मिलेगा.
सुझाव देने वाले शख्स को जॉब ऑफर
वहीं, गोयल की पोस्ट पर भानू नाम के एक्स (X) यूजर ने 'फूड रेस्क्यू' का यह आइडिया मिसयूज न हो इसको लेकर कुछ सुझाव दिए. ये आइडिया जोमैटो CEO दीपिंदर गोयल को इतना पसंद आया कि उन्होंने उस शख्स को जॉब ऑफर कर दे दी. भानू ने सुझाव दिया था कि 'फूड रेस्क्यू' का फीचर कैश ऑन डिलीवरी पर लागू नहीं होना चाहिए. साथ ही, अगर ऑर्डर डिलीवरी पॉइंट से 500 मीटर दूरी पर हो तो कैंसिलेशन की सुविधा नहीं होनी चाहिए. हर महीने दो से ज्यादा कैंसिलेशन की सुविधा नहीं होनी चाहिए. साथ ही, हो सकता है कि 2 लोग खाना साथ में खाना ऑर्डर और कैंसिल कर रहे हों ताकि डिस्काउंट मिल जाए.
दीपिंदर ने भानू के सुझावों की सराहना की और लिखा कि क्या हम साथ में काम कर सकते हैं. इस पर भानू ने जवाब दिया कि वह बंगलुरु से हैं और एक स्टार्टअप कंपनी में प्रोडक्ट मैनेजर हैं. वह ब्लिंकिट काफी इस्तेमाल करते हैं और अक्सर सर्विसेज को इंप्रूव करने के लिए सुझाव देते रहते हैं.