कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले 100 से अधिक विदेशी छात्र भगवद गीता पर अपने शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे. कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, ये छात्र अफगानिस्तान, दक्षिण अफ्रीका, केन्या, जिम्बाब्वे और मॉरीशस से हैं और विश्वविद्यालय के अलग-अलग विभागों में पढ़ रहे हैं.
ये छात्र 9 दिसंबर को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय गीता संगोष्ठी (International Gita Seminar) के दौरान 'स्वतंत्रता आंदोलन में पवित्र पुस्तक गीता का योगदान' पर अपने शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे.
विदेशों से भी शिक्षक व छात्र बनेंगे हिस्सा:
इस संगोष्ठी का आयोजन कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा किय जा रहा है. बताया जा रहा है कि इस संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग द्वारा विभिन्न देशों और राज्यों के वक्ताओं को आमंत्रित किया गया है.
संगोष्ठी के दूसरे दिन 10 दिसंबर को एक ऑनलाइन सत्र होगा और अलग-अलग विश्वविद्यालयों के लगभग 1,000 शिक्षक और शोधकर्ता इस चर्चा का हिस्सा बनेंगे.
और 11 दिसंबर को संगोष्ठी के समापन समारोह में 'गीता संसद' का आयोजन किया जाएगा.
विश्वविद्यालय ने अंतर्राष्ट्रीय गीता संगोष्ठी 2021 के लिए यूके, यूएसए, मंगोलिया, बुल्गारिया, अफगानिस्तान और मॉरीशस सहित लगभग एक दर्जन देशों के कई विद्वानों को भी आमंत्रित किया गया है.