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यूपी के स्कूलों में आधार कार्ड होगा अनिवार्य, वेरिफिकेशन के बाद ही मिलेगा यूनिफॉर्म, बैग और मिड डे मील जैसी योजनाओं का लाभ   

AADHAAR CARD: उत्तर प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में अब आधार कार्ड का वेरिफिकेशन अनिवार्य होगा. इससे स्कूलों में हो रहे फर्जीवाड़े को रोका जा सकेगा. सरकार की ओर से मिड डे मील, यूनफ़ॉर्म, स्वेटर, स्कूल बैग जैसी सुविधाएं तभी मिलेंगे जब स्कूल छात्र का आधार कार्ड वेरिफ़िकेशन करेगा.

प्राथमिक स्कूल प्राथमिक स्कूल
हाइलाइट्स
  • सभी बच्चों का आधार कार्ड होगा जरूरी  

  • बच्चों का एनरोलमेंट दो-दो जगह 

  • स्कूलों में नहीं होगा फर्जीवाड़ा

नए सत्र से यूपी के प्राथमिक स्कूलों में एक बड़ा बदलाव दिखाई पड़ने वाला है. इन स्कूलों में पढ़ने वाले सभी बच्चों का आधार कार्ड ज़रूरी होगा. छात्र को आधार कार्ड के बिना सरकारी सुविधाएं नहीं मिलेंगी. योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन में इस फैसले को जमीन पर उतारने का लक्ष्य रखा गया है और इस पर विभाग काम कर रहा है. विभाग की ओर से ये कहा गया है कि सरकारी सुविधा पाने के लिए होने वाले फर्जीवाड़े को रोकने के लिए ये फैसला लिया गया है.

स्कूलों में नहीं होगा फर्जीवाड़ा

यूपी के सरकारी स्कूलों में फर्जीवाड़े और अनियमितताओं की कई तस्वीरें सामने आती रही हैं. पर अब इसको बदलने के लिए ये फैसला लिया गया है. अब प्राइमरी और बेसिक विद्यालयों पर पढ़ने वाले छात्रों का आधार कार्ड वेरिफिकेशन जरूरी हो गया है. इस नियम को इसी सत्र से लागू किया गया है. खास बात ये है कि सरकार की ओर से मिड डे मील, यूनफ़ॉर्म, स्वेटर, स्कूल बैग जैसी सुविधाएं तभी मिलेंगे जब स्कूल छात्र का आधार कार्ड वेरिफ़िकेशन करेगा.

बच्चों का एनरोलमेंट दो-दो जगह 

दरअसल यूपी के बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में इस समय 1 करोड़ 88 लाख से ज़्यादा बच्चे पढ़ते हैं. जांच की गई तो पाया गया कि इनमें ऐसे बच्चों की संख्या भी बहुत है जिनका एनरोलमेंट दो-दो जगह था. यानी बच्चे का नाम एक साथ दो स्कूलों में लिखा था. पिछले समय से ये बात भी सामने आती रही है कि इसमें  कुछ बच्चे ऐसे भी थे जिनका शहर के स्कूल में भी नाम दाख़िल था और गांव में भी. 

ऐसे में विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अब न सिर्फ बच्चे का आधार कार्ड बनवाना जरूरी है बल्कि स्कूल में उसे अपडेट करवाना भी जरूरी है. ये नियम इसी सत्र से सभी छात्रों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है. ये वो छात्र हैं जो सरकारी प्राइमरी और बेसिक विद्यालयों में पढ़ते हैं.

आधार कार्ड से आएगी पारदर्शिता  

ये उन बच्चों के लिए भी ज़रूरी होगा जिनका इस सत्र में दाख़िला होना है और उन छात्रों के लिए भी जो पहले से सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं. इस बार स्कूल चलो अभियान के साथ ही यूपी सरकार ने आधार वेरिफिकेशन का अभियान भी शुरू कर दिया है. शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह कहते हैं, “ये देखा गया कि कई बच्चों का नाम दो स्कूलों में लिखवाया गया है. आधार कार्ड अनिवार्य करने से न सिर्फ़ पारदर्शिता होगी बल्कि हमें ये पता चलेगा कि परिषदीय विद्यालयों में कितने छात्र पढ़ते हैं, उनकी असल संख्या क्या है.” 

सभी बच्चों का आधार कार्ड होगा जरूरी  

यूपी के 75 ज़िलों में अभी 1 लाख 30 हज़ार प्राइमरी और बेसिक विद्यालय हैं. इनमें अभी 1 करोड़ 88 लाख  बच्चे पढ़ते हैं. इस बार स्कूल चलो अभियान में 2 करोड़ बच्चों के पंजीकरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. ऐसे में इन सभी बच्चों के आधार कार्ड बनने हैं. हर विद्यालय को ये निर्देश दिया गया है कि बच्चों को एडमिशन के लिए लौटाया न जाए पर उनका आधार कार्ड बनवाने के लिए कहा जाए, तभी सरकार की ओर से मिलने वाली सुविधाएं बच्चों को मिलेंगी. योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में ही 100 दिन के अंदर इसको करने का लक्ष्य रखा गया था. 

कितने पैसे भेजे जाते हैं?

छात्रों के लिए आधार कार्ड अनिवार्य करने के इस निर्देश के बाद स्कूलों में शिक्षक अब एडमिशन के समय ही बच्चे के आधार कार्ड बनवाने के लिए अभिभावकों को बोल रहे हैं. स्कूलों में एक-एक बच्चे का आधार कार्ड नम्बर रखा जा रहा है. अभी यूपी के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों के बच्चों के अभिभावक के अकाउंट में 1,100 रुपए भेजे जाते हैं जिसमें यूनफ़ॉर्म, स्वेटर और स्कूल बैग के लिए पैसा शामिल होता है. अभी तक इस पैसे को सीधे माता पिता के अकाउंट में DBT करने के लिए अभिभावक का बैंक खाता नम्बर और आधार कार्ड लगता था, पर अब इसके साथ उस बच्चे का आधार कार्ड भी ज़रूरी होगा.

शिक्षक कर रहे हैं अभिभावकों की मदद  

प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका पूनम मिश्रा कहती है, “अगर कोई बच्चा एडमिशन के लिए आता है तो ऐसा नहीं कि आधार कार्ड न होने पर एडमिशन नहीं होगा, एडमिशन ज़रूर लिया जाएगा. लेकिन साथ ही हम उसका आधार कार्ड बनवाने की भी कोशिश करेंगे. हम लोग भी इसमें अभिभावक की मदद कर रहे हैं.” 

बच्चे के माता पिता को इस बात के लिए कहा जा रहा है. इससे पहले भी मिड डे मील के लिए आधार कार्ड वेरिफ़िकेशन का फ़ैसला किया गया था. शिक्षक बताते हैं कि स्कूलों में आधार कार्ड मांगा जाता था पर न देने पर कोई कदम नहीं उठाया जाता था, लेकिन सरकार के इस फैसले के बाद अब आधार वेरिफिकेशन के बाद ही सरकारी सुविधाओं का लाभ मिलेगा.