शिक्षा के पंख लगाकर आप सपनों की उड़ान भर सकते हैं. और छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में एक किसान की बेटी इस बात को सच साबित कर रही है. यह कहानी है छोटे से गांव घुमका के किसान फिरोज खान की बेटी नरगिस की. जो शिक्षा की ज्योति से यूपीएससी टॉपर बनने के अपने सपने को साकार करने के लिए दिल-ओ-जान से जुटी हुई है.
10वीं की परीक्षा देना चाहती है यह छात्रा
नरगिस स्वामी आत्मानंद सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूल बालोद में कक्षा छठवीं की छात्रा है. नरगिस कहती हैं कि वह एक दिन दसवीं क्लास रूम के सामने से गुजर रही थी कि तभी उन्होंने शिक्षक को छात्रों से कुछ सवाल पूछते हुए सुना. जिन्हें सुनकर नरगिस को लगा कि क्यों न वह भी दसवीं की परीक्षा दें.
तब से ही कक्षा छठवीं की पढ़ाई स्कूल में करने के बाद वह दसवीं क्लास की सभी सब्जेक्ट की पढ़ाई घर पर कर रही हैं. आपको बता दें कि बिना किसी कोचिंग के यूट्यूब व सोशल मीडिया की माध्यम से पढ़ाई करते हुए नरगिस अब तक सभी परीक्षाओं में टॉपर रही हैं. वह हिंदी के साथ-साथ इंग्लिश भी फर्राटेदार बिना झिझक व रुके बोलती हैं.
पिता हैं किसान, मां हाउसवाइफ
नरगिस मीडिल क्लास परिवार से ताल्लुक रखती हैं. उनके पिता एक किसान हैं और मां घर सम्भालती हैं. नरगिस का एक छोटा भाई है. पिता खेती के काम करने के बाद बिटिया को स्कूल छोड़ने 10 किलोमीटर दूर बालोद जिला मुख्यालय जाते हैं. नरगिस के माता-पिता अपनी बिटिया की पढ़ाई की ललक और परीक्षा परिणाम को देख गर्व महसूस करते हैं. नरगिस के माता-पिता की भी इच्छा है कि उनकी बिटिया कक्षा छठी में पढ़ाई करते हुए दसवीं बोर्ड की परीक्षा दे.
जिसके लिए नरगिस के पिता ने जिला शिक्षा विभाग व माध्यमिक शिक्षा मंडल को पत्र लिख दसवीं बोर्ड परीक्षा में बैठने अनुमति मांगी है. वहीं जिला शिक्षा अधिकारी की माने तो छात्रा में काबिलियत है. लेकिन नियम के अनुसार छात्रा का आईक्यू टेस्ट कराना होगा. जिससे यह पता चलता है कि छात्रा का आईक्यू उम्र 16 वर्षीय छात्रा की बराबर है या नही.
(किशोर साहू की रिपोर्ट)
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