गुजरात के अहमदाबाद में गरीब बच्चों के लिए बाल वाटिका स्कूल बस शुरू की गई है. 6 साल से छोटी उम्र के गरीब बच्चों को इस बाल वाटिका ऑन व्हील्स के माध्यम से मुफ्त शिक्षा दी जाएगी. जिसका मुख्य उद्देश्य है कि गरीबी की वजह से छह साल की उम्र तक का कोई बच्चा शिक्षा से वंचित ना रहे.
ये देश का पहला प्रयोग
अहमदाबाद में सिग्नल पर भीख मांगने वाले बच्चे जो शिक्षा से वंचित रहते थे, उनको शिक्षा देने के लिए सिग्नल स्कूल बस शुरू की गई थी. जिसकी सफलता के बाद अब सुप्रीम कोर्ट जस्टिस विक्रमनाथ, गुजरात हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुनीता अग्रवाल, सीनियर जस्टिस बीरेन वैष्णव, अन्य वरिष्ठ जस्टिस की मौजूदगी में बाल वाटिका स्कूल बस शुरू की गई है. देश में छह साल से कम उम्र के गरीब बच्चों को शिक्षा देने के लिए बाल वाटिका स्कूल बस देश का पहला प्रयोग है.
छह साल से कम उम्र के बच्चों को लाभ
गुजरात राज्य कानूनी सेवा सत्ता मंडल, अहमदाबाद नगर पालिका और स्कूल बोर्ड द्वारा ये अनोखी पहल का प्रारंभ किया गया है. जिसके माध्यम से छह साल से कम उम्र के बच्चे शिक्षा से वंचित ना रहें इस बात का ख्याल रखा जाएगा. ये बाल वाटिका स्कूल बस शहर के अलग अलग इलाकों में घूमकर बच्चों को इकट्ठा कर शिक्षा प्रदान करेगी.
अहमदाबाद के इंचार्ज म्युनिसिपल कमिश्नर देवांग देसाई ने कहा कि अहमदाबाद में 12 सिग्नल स्कूल बस कार्यरत हैं. जिसके माध्यम से सिग्नल पर भिक्षा मांगने वाले बच्चों को शिक्षा दी जाती है. इनकी सफलता के बाद अब नई शिक्षा नीति के तहत छह साल से कम उम्र के बच्चे शिक्षा से वंचित ना रहें, उस बात का विशेष ध्यान दिया जाएगा. इसी के लिए बाल वाटिका बस शुरू की गई है. बाल वाटिका बस में बच्चों के लिए खिलौने, कलरफुल पुस्तक, नोटबुक, ब्लैक बोर्ड, म्यूजिकल टीवी सेट इंस्टॉल किया गया है.
बच्चों को एक साल शिक्षा मिलेगी
इस बाल वाटिका बस में दो शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है. बच्चों को इस बाल वाटिका बस में एक साल शिक्षा देकर करीब के स्कूल में प्रवेश दिलाया जाएगा. पायलट प्रोजेक्ट के तहत बाल वाटिका बस अहमदाबाद के साबरमती इलाके में घूमकर बच्चों को शिक्षा देगी. प्रयोग सफल रहा तो छह साल से कम उम्र के बच्चे जो पढ़ाई से वंचित रह जा रहे है उनके लिए दूसरे इलाकों में भी अधिक बाल वाटिका स्कूल बस शुरू की जाएगी.