नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने अंडर ग्रेजुएट मेडिकल प्रोग्राम में योग्यता आधारित मेडिकल एजुकेशन के इम्लिमेंटेशन के लिए एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें कोर्स की शुरुआत में स्टूडेंट्स के लिए महर्षि चरक शपथ की सिफारिश की गई है. इसमें ये भी कहा गया है कि MBBS स्टूडेंट्स को गांव को गोद लेना होगा.
स्टूडेंट्स को दिलाई जाएगी 'चरक शपथ'
एनएमसी के सर्कुलर के मुताबिक, छात्रों के मेडिकल कोर्स की शुरूआत करने पर महर्षि चरक शपथ दिलाई जाएगी. इसका मकसद मेडिकल छात्रों के लिए नई योग्यता बेस्ड मेडिकल एजुकेशन को कवर करना है जिसमें संज्ञानात्मक (Cognitive), प्रभावशाली (Affective) और मनोप्रेरणा (Psychomotor) शामिल हैं.
बता दें कि नई शपथ का नाम आयुर्वेद के पिता महर्षि चरक से लिया गया है, महर्षि चरक ने प्राचीन भारतीय चिकित्सा में चिकित्सकों के लिए एक आचार संहिता बनाई थी.
नए सिलेबस को लागू करने का भी निर्देश
बता दें कि मेडिकल का नया सिलेबस अगस्त 2019 में पेश किया गया था. जो मेडिकल स्टूडेंट्स को एक मजबूत आधार और तमाम पहलूओं पर उनकी पकड़ को मजबूत करने को ध्यान में रख कर बनाया गया है. नए सिलेबस में फाउंडेशन कोर्स की शुरुआत की गई है, जिसमें Family Adoption Program, योग, ध्यान और लोकल भाषा को सीखना शामिल है. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सभी मेडिकल कॉलेजों को नए सिलेबस को लागू करने का निर्देश दिया गया है.
MBBS स्टूडेंट गोद लेंगे गांव
गुरुवार को जारी किए गए सर्कुलर में कहा गया है कि MBBS स्टूडेंट्स को एक गांव गोद लेना होगा. सर्कुलर के मुताबिक, उसी गांव को गोद लिया जा सकता है जहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (Primary Health Centre) ना हो.