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Bihar Board Exam: फेल बताकर छात्रों से पैसे ऐंठने की कोशिश, बेगूसराय में कई अभिभावकों को आया फोन

यह मामला इसलिए गंभीर हो जाता है क्योंकि ठगों के पास छात्रों की पूरी जानकारी होती है. बिहार बोर्ड का कोई आंतरिक डेटा लीक हुआ है या परीक्षा फॉर्म से जानकारी चुराई जा रही है? यह सवाल उठना लाजमी है. ऐसे फोन कॉल्स को लेकर अभिभावकों को सतर्क रहना चाहिए और किसी भी अनजान व्यक्ति को पैसे न भेजें.

बिहार बोर्ड परीक्षा बिहार बोर्ड परीक्षा
हाइलाइट्स
  • फोन करने वाले के पास था पूरा डिटेल

  • ठग के पास छात्रों की जानकारी पहुंच रही

बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा के छात्रों को फेल बताकर पैसे ऐंठने का नया फर्जीवाड़ा सामने आया है. फोन करने वाला खुद को बिहार बोर्ड ऑफिस का कर्मचारी बताता है और परीक्षा में नंबर बढ़ाकर पास कराने के नाम पर अभिभावकों से पैसे मांगता है. दिलचस्प बात यह है कि ठग के पास छात्रों का पूरा डिटेल मौजूद रहता है, जिससे वे झांसे में आ जाते हैं.

कैसे हो रही है ठगी?
बेगूसराय के बाघा निवासी सुनील रजक के बेटे प्रिंस कुमार को भी ऐसा ही फोन आया. फोन करने वाले ने खुद को बिहार बोर्ड का स्टाफ ‘शंभू कुमार सिंह’ बताया और दावा किया कि प्रिंस के सोशल साइंस, साइंस और हिंदी में नंबर ठीक हैं, लेकिन मैथ और संस्कृत में फेल कर दिया गया है. उसने कहा कि रिजल्ट सुधारने और 350 नंबर दिलाने के लिए ₹4000 की मांग की गई- पहले ₹2000, फिर मार्कशीट सुधारकर बाकी पैसे.

प्रिंस के भाई सचिन कुमार के मुताबिक, शंभू कुमार सिंह ने 30 मार्च को रिजल्ट जारी होने की बात कही और कई बार फोन कर पैसे ट्रांसफर करने का दबाव डाला. उसने व्हाट्सएप नंबर 9730968331 से स्कैनर भेजकर ऑनलाइन पेमेंट की मांग भी की.

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फोन करने वाले के पास था पूरा डिटेल
इस ठग के पास छात्र की पूरी जानकारी थी, जिसमें रोल नंबर, रजिस्ट्रेशन नंबर, माता-पिता का नाम, स्कूल और परीक्षा केंद्र की जानकारी शामिल थी. इससे कई छात्र और अभिभावक भ्रमित हो रहे हैं और ठगी का शिकार बनने की कगार पर हैं.

क्या कहते हैं छात्र और उनके परिजन?
मैट्रिक परीक्षार्थी प्रिंस कुमार कहते हैं, "मुझे कई बार फोन आया और कहा गया कि अगर पैसे नहीं दिए तो मैं फेल हो जाऊंगा. मेरे सभी डिटेल्स उन्हें पता थे." वहीं प्रिंस के बड़े भाई सचिन कुमार ने बताया "फोन करने वाले ने खुद को बोर्ड का स्टाफ बताया और बार-बार पैसे भेजने का दबाव बनाया. उसने हमारे व्हाट्सएप पर स्कैनर भी भेजा."

क्या करें?

  1. किसी अनजान कॉल पर विश्वास न करें.
  2. बिहार बोर्ड के आधिकारिक नंबर से ही जानकारी लें.
  3. इस तरह की ठगी की शिकायत साइबर क्राइम सेल या पुलिस में करें.
  4. अगर आपको भी ऐसा कॉल आया है, तो तुरंत बोर्ड प्रशासन को सूचित करें.

ठग के पास छात्रों की जानकारी कैसे पहुंच रही है?
यह मामला इसलिए गंभीर हो जाता है क्योंकि ठगों के पास छात्रों की पूरी जानकारी होती है. बिहार बोर्ड का कोई आंतरिक डेटा लीक हुआ है या परीक्षा फॉर्म से जानकारी चुराई जा रही है? यह सवाल उठना लाजमी है. ऐसे फोन कॉल्स को लेकर अभिभावकों को सतर्क रहना चाहिए और किसी भी अनजान व्यक्ति को पैसे न भेजें.

(रिपोर्ट: सौरभ कुमार)