बिहार के रोहतास जिले में लंबे समय तक नक्सलवाद की छाया रही जिस कारण नागरिकों तक मूलभूत सुविधा जैसे शिक्षा तक नहीं पहुंच पा रही थी. लेकिन अब यहां पर एक आशा की किरण उभरी है. ये हैं रोहतास जिले में तैनात एसडीएम सूर्य प्रताप सिंह. शिक्षा के प्रति अटूट समर्पण और विश्वास के साथ, आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने जिले के सैकड़ों छात्रों के जीवन को रोशन करने का मिशन शुरू किया है.
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले के रहने वाले सूर्य प्रताप सिंह 2021 बैच के बिहार कैडर के आईएएस अफसर हैं. चार भाई-बहनों में सबसे छोटे सूर्य प्रताप ने बरेली से अपनी ग्रेजुएशन और पोस्ट-ग्रेजुएशन की पढ़ाई की. इसके बाद उन्होंने संयुक्त रक्षा सेवा (CDS) परीक्षा दी और 2016 में भारतीय वायु सेना की फ्लाइंग ब्रांच में उनका सेलेक्शन हुआ.
चोट लगने के कारण छोड़ी IAF
सूर्य प्रताप डिफेंस सर्विसेज में सेलेक्शन से बहुत खुश थे, लेकिन जिंदगी ने उनके लिए कुछ और ही तय किया था. इसलिए हैदराबाद में ट्रेनिंग के दौरान गंभीर चोटों के कारण उन्हें साल 2017 में ट्रेनिंग प्रोग्राम छोड़कर घर लौटना पड़ा. इसके बाद उन्होंने नाउम्मीद होने की बजाय दूसरे उम्मीदवारों को ट्यूशन और कैरियर कंसल्टेंसी देना शुरू किया. लेकिन उन्हें कुछ और करना था और कुछ समय बाद उन्होंने UPSC का एग्जाम दिया.
शिक्षा क्षेत्र में काम
सूर्या का हमेशा से ही शिक्षण के प्रति रुझान रहा है. IAF छोड़ने के बाद उन्होंने छात्रों के लिए करियर काउंसलिंग शुरू की और IAF उम्मीदवारों को सपोर्ट करना शुरू किया. उनकी मेहनत की वजह से 100 से ज्यादा छात्रों का आर्म्ड फॉर्सेज में सेलेक्शन हुआ. और आज भी सूर्य प्रताप शिक्षा की मसाल लिए जिंदगियां रोशन कर रहे हैं.
अपने वीकेंड्स और छुट्टियों के दौरान सूर्य प्रताप सरकारी स्कूलों में जाकर सिर्फ पढ़ाते नहीं हैं, बल्कि वह युवा दिलों में सपनों की लौ जलाते हैं. पढ़ाई के साथ वह एक ऐसे वातावरण को बढ़ावा देता है जहां सपने परिस्थितियों और प्रतिकूल परिस्थितियों की बाधाओं को पार करते हुए उड़ान भरते हैं.
छात्रों के लिए प्रेरणा हैं सूर्य प्रताप
IAS सूर्य प्रताप को जो बात अन्य युवा अफसरों से अलग करती है, वह न केवल उनकी प्रशासनिक कुशलता है, बल्कि मानवीय स्तर पर लोगों से जुड़ने की क्षमता भी है. वह छात्रों के साथ उनकी स्थानीय भाषा में बातचीत करते हैं, समझाते हैं. छात्रों के लिए वह न केवल एक गुरु बल्कि एक मित्र और प्रेरणा भी हैं. सूर्य प्रताप का मानना है कि यह शिक्षा और उचित मार्गदर्शन है जो छात्रों के जीवन को पूरी तरह से बदल सकता है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह गरीब है या उसके पास संसाधनों की कमी है.