सपने हर कोई देखता है ,और उन सपनों को पूरा करने की ताक़त भी रखता है. लेकिन कभी -कभी वक्त और हालात से तंग आकर लोग अपनी जिंदगी से हार मान लेते है और सपनों को अधूरा छोड़ देते हैं. लेकिन बिहार के एक लाल ने इस बात को आज गलत साबित कर दिया है. दरअसल बिहार के नवादा जिले के निवासी कौशलेंद्र कुमार ने भी जेल में रहते हुए अपने सपनों को पूरा किया है. कौशलेंद्र कुमार ने आईआईटी क्वालीफाई करके देशभर में बहुत से लोगों को हैरान कर दिया है. बता दें कि कौशलेंद्र कुमार को 54वां रैंक हासिल हुआ है.
जेल में रहते हुए हासिल किया 54वां रैंक
कौशलेंद्र कुमार नवादा मंडल कारागाह में बंद हैं. और जेल में रहते हुए ही कौशलेंद्र ने आईआईटी क्वालीफाई करने का कारनामा कर के दुनिया को हैरानी में डाल दिया है. बता दें कि कौशलेंद्र कुमार को आईआईटी रुड़की की ओर से जारी रिजल्ट में 54वां रैंक हासिल हुआ है.
11 महीने से जेल में हैं बंद
कौशलेंद्र नवादा जिले के वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के मोसमा गांव का रहने वाले हैं. और 11 महीने से जेल में बंद हैं. पिछले साल 19 अप्रैल को गांव में हुई एक मारपीट की घटना के आरोप में उसे जेल हो गई थी. इस घटना में गांव के एक 45 साल के शख्स संजय यादव की बुरी तरह पिटाई कर दी गयी थी, जिससे उसकी मौत हो गयी थी.
वैज्ञानिक बनने की चाह में जेल में रह कर भी की पढ़ाई
कौशलेंद्र का कहना है की उसका सपना वैज्ञानिक बनने का है. यही वजह है कि जेल में आने के बाद भी उसने अपनी पढ़ाई जारी रखी और सेल्फ स्टडी के जरिए ही तैयारी कर यह मुकाम हासिल किया.
जेल अधीक्षक को दिया कामयाबी का श्रेय
आईआईटी क्वालीफाई करने के बाद अब कौशलेंद्र के लिए आगे के कोर्स में जाने का रास्ता साफ हो गया है. बता दें कि उसने अपनी इस सफलता का श्रेय पूर्व जेल अधीक्षक अभिषेक कुमार पांडे और अपने भाई वीरेंद्र कुमार को दिया है
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