केंद्र सरकार पेपर लीक को रोकने के लिए बिल लेकर आ रही है. यह बिल सोमवार को लोकसभा में पेश किया जाएगा. बिल का नाम है लोक परीक्षा अनुचित साधन रोकथाम विधेयक Public Examination (prevention of unfair mean) Bill है. इसके दायरे में केंद्रीय एजेंसियों की ओर से संचालित की जाने वाली प्रतियोगी परीक्षाएं, विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं आएंगी. बिल के तहत 3 लाख से 5 लाख रुपए के जुर्माने और 1 साल से 10 साल की जेल का प्रावधान है. छात्रों को इससे बाहर रखा गया है. इस कानून के तहत केंद्र सरकार एक हाई लेवल की नेशनल टेक्निकल कमेटी बनाएगी.
संगठित अपराध, माफिया होंगे निशाने पर
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल में इस विधेयक को मंजूरी दी थी. प्रस्तावित विधेयक में स्टूडेंट्स को निशाना नहीं बनाया जाएगा, बल्कि इसमें संगठित अपराध, माफिया और साठगांठ में शामिल पाए गए लोगों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है. विधेयक में एक उच्च स्तरीय तकनीकी समिति का भी प्रस्ताव है, जो कम्प्यूटरीकृत परीक्षा प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए सिफारिशें देगी. हाल ही में राजस्थान चुनाव अभियान के दौरान पेपर लीक का मुद्दा एक राजनीतिक मुद्दा बन गया था. इसके चलते तत्कालीन अशोक गहलोत सरकार को राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम में संशोधन करना पड़ा था.
परीक्षा में गड़बड़ी से सख्ती से निपटेंगे
बजट सत्र की शुरुआत में संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि सरकार परीक्षाओं में धांधली के संबंध में युवाओं की चिंताओं से अवगत हैं. इसलिए इस तरह की समस्याओं से सख्ती से निपटने के लिए एक नया कानून बनाने का फैसला लिया गया है.
परीक्षा पेपर लीक एक राष्ट्रव्यापी समस्या के तौर पर उभरी है. इसलिए केंद्रीय कानून की जरूरत महसूस की गई है. गुजरात जैसे कुछ राज्यों ने इस खतरे से निपटने के लिए कानून बनाए हुए हैं.
गौरतलब है कि राजस्थान में शिक्षक भर्ती परीक्षा, हरियाणा में ग्रुप-डी पदों के लिए सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी), गुजरात में कनिष्ठ क्लर्कों के लिए भर्ती परीक्षा और बिहार में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा सहित अन्य परीक्षाएं पिछले साल प्रश्नपत्र लीक होने के बाद रद्द कर दी गई थीं. केंद्र सरकार के इस पेपर लीक विरोधी कानून के दायरे में आने वाली परीक्षाओं में यूपीएससी, एसएससी, आरआरबी और अन्य सरकार द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षाएं शामिल हैं. इनमें जेईई, एनईईटी और सीयूईटी जैसी प्रवेश परीक्षाएं भी शामिल हैं.
इन राज्यों में पेपर लीक को लेकर है सख्त कानून
उत्तराखंड, गुजरात और राजस्थान ने पेपर लीक की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त नए कानून बनाए हैं. यहां अपराधियों के लिए 10 साल कैद से आजीवन कारावास और एक करोड़ से 10 करोड़ रुपए तक जुर्माने का प्रावधान है. झारखंड में पेपर लीक करने पर उम्रकैद और 10 करोड़ रुपए तक जुर्माना लगेगा. राज्यपाल ने इस नए कानून को मंजूरी दी है.
राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने विधानसभा से बीते अगस्त महीने में पारित विधेयक को मंजूरी दे दी है. उत्तर प्रदेश में पेपर लीक को संगठित अपराध की श्रेणी में रखा गया है. पेपर लीक होने पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की धारा में मुकदमा किया जाता है, साथ ही दोषी की संपत्ति जब्त कर ली जाती है. बुलडोजर से संपत्ति गिरा भी दी जाती है. इसके साथ ही दोषी के परीक्षा देने पर पाबंदी भी लगाई जाती है. झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की झारखंड संयुक्त स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा रद्द कर दी गई है. 28 फरवरी 2024 को प्रश्न पत्र लीक होने के कारण अब तीनों पत्र की परीक्षा रद्द की गई. पहले तृतीय पत्र (सामान्य अध्ययन) की परीक्षा ही रद्द हुई थी.
ये परीक्षाएं पेपर लीक के कारण हो चुकी हैं रद्द
1. उत्तर प्रदेश
दरोगा भर्ती परीक्षा 2017
यूपीटीईटी 2021
ट्यूबवेल ऑपरेटर 2018
यूपीपीसीएल 2018
सबऑर्डिनेट 2018
2. राजस्थान
कांस्टेबल भर्ती 2018
लाइब्रेरियन भर्ती 2018
जेईएन सिविल डिग्रीधारी भर्ती 2018
रीट लेवल 2 परीक्षा 2021
कांस्टेबल भर्ती 2022
वनरक्षक भर्ती परीक्षा 2020
वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा 2022
हाईकोर्ट एलडीसी परीक्षा 2022
3. बिहार
बिहार कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा 2017
बिहार कर्मचारी चयन आयोग की इंटर स्तरीय परीक्षा 2017
67वीं बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2022
4. मध्य प्रदेश
एनएचएम संविदा स्टाफ नर्स भर्ती परीक्षा (2023)
प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2022