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CBSE Creditization System: स्कूली शिक्षा में आएगी क्रांति! CBSE कर रहा क्रेडिटाइजेशन सिस्टम शुरू करने की तैयारी 

कक्षा 9 से 12 के लिए शैक्षणिक ढांचे में क्रांति लाने के लिए तैयारी तेज हो गई है. CBSE एक नया सिस्टम शुरु करने का तैयारी में है. यह क्रेडिटाइजेशन सिस्टम है. इसका उद्देश्य व्यावसायिक और सामान्य शिक्षा के बीच शैक्षणिक समानता लाना है.

School and New education policy School and New education policy
हाइलाइट्स
  • स्कूली शिक्षा में आएगी क्रांति

  • क्रेडिटाइजेशन सिस्टम शुरू करने की तैयारी 

9वीं से 12वीं तक के बच्चों के लिए ग्रेडिंग सिस्टम में बदलाव हो सकते हैं. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) शिक्षा व्यवस्था में बदलाव लाने के लिए क्रेडिट सिस्टम की शुरुआत करने को तैयार है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत, कक्षा 9 से 12 के लिए शैक्षणिक ढांचे में क्रांति लाने के लिए तैयारी तेज हो गई है. स्कूलों में क्रेडिटाइजेशन सिस्टम शुरू करके वोकेशनल और जनरल शिक्षा के बीच अंतर को पाटना है. 

क्या है क्रेडिटाइजेशन?

दरअसल, एनईपी 2020 का मुख्य उद्देश्य व्यावसायिक और सामान्य शिक्षा के बीच शैक्षणिक समानता लाना है. क्रेडिटाइजेशन सिस्टम को भी इसी लिए लाने की तैयारी की जा रही है. इसी स्कूलों में लाने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grants Commission) ने 2022 में नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (NCrF) की शुरुआत की, जो स्कूलों और उच्च शिक्षा संस्थानों दोनों के लिए एक यूनिफाइड क्रेडिट सिस्टम शुरू करता है.

यूनिफाइड क्रेडिट फ्रेमवर्क

NCrF एक तरह का यूनिफाइड क्रेडिट फ्रेमवर्क है. इसके तहत अगर कोई बच्चा कक्षा 9 से कक्षा 10 में जाना या पास होना चाहता है तो उसे इसके लिए क्रेडिट चाहिए होंगे. इसके बाद अगर कोई छात्र किसी यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएशन प्रोग्राम में एडमिशन लेना चाहता है तो उसे इसके लिए पर्याप्त क्रेडिट पॉइंट चाहिए होंगे. इसके साथ ही, छात्र को जो भी क्रेडिट मिलेंगे, वो डिजिटल रूप से उसके अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट में स्टोर हो जाएंगे. छात्र इसे एक लिंक किए गए डिजिलॉकर एकाउंट के माध्यम से देख सकते हैं. 

अपने एफिलिएटेड स्कूलों (Affiliated Schools) में इसे लागू करने के लिए, सीबीएसई ने 2022 में एक उपसमिति का गठन किया था. इसमें सुझाव दिया गया था वर्तमान शैक्षणिक ढांचे को NCrF में ढालने के लिए कैसे फिर से डिजाइन किया जाना चाहिए. 

उपसमिति ने क्या दिया प्रस्ताव?

सीबीएसई उपसमिति ने कक्षा 9 से 12 तक के शैक्षणिक ढांचे में बदलाव का प्रस्ताव दिया है. इसमें इन बातों का जिक्र किया गया है-

1. विषय विस्तार (Subject Expansion)
   
- कक्षा 9 और 10 के छात्रों को तीन भाषाओं और सात मुख्य विषयों सहित दस विषयों का अध्ययन करना होगा. 

- देशी भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए कम से कम दो भाषाएं भारतीय होनी चाहिए.

- स्किल बढ़ाने के लिए और समग्र शिक्षा को बढ़ाने के लिए मल्टीडिसिप्लिनरी  और वकशनल कोर्स को शामिल करना. 

2. एग्जामिनेशन फ्रेमवर्क (Examination Framework)

- मुख्य विषयों और लैंग्वेज वाले विषयों के लिए के एक्सटर्नल बोर्ड एग्जाम हो. 

- कला शिक्षा, शारीरिक शिक्षा और व्यावसायिक शिक्षा जैसे विषयों के लिए इंटरनल असेसमेंट.

 - दूसरी कक्षा में जाने के लिए सभी दस विषयों में पास होना जरूरी है.

3. ग्रेडिंग प्रणाली (Grading System)

-एग्जाम में मिले अंकों के आधार पर मौजूदा ग्रेडिंग सिस्टम को जारी रखना. 

- प्रदर्शन के आधार पर छात्रों की रैंकिंग के साथ ए1 से ई तक ग्रेड दी जाए.