उत्तराखंड के मदरसों में बच्चे अब NCERT की किताबें पढ़ेंगे, ये फैसला उत्तराखंड की पुष्कर धामी सरकार ने लिया है. राज्य सरकार ने इसके लिए एक्शन प्लान भी तैयार कर लिया है. उत्तराखंड के वे मदरसे जो सरकार के अधीन चल रहे हैं, उनमें एनसीईआरटी का सिलेबस लागू किया जाएगा.
सीबीएसई बोर्ड से ली जाएगी मान्यता
बता दें कि उत्तराखंड वक्फ बोर्ड में रजिस्टर्ड सभी मदरसों में अब आम स्कूलों की तरह NCERT का सिलेबस लागू होगा. इन मदरसों के लिए सीबीएसई बोर्ड से मान्यता ली जाएगी. इसके अलावा रुड़की के रहमानिया समेत 10 मदरसों को स्मार्ट बनाया जाएगा और इन स्मार्ट मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को बोर्ड की ओर से टैब भी दिए जाएंगे.
वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने कहा कि अब इन मदरसों में सुबह फजल की नमाज के बाद कुरान पढ़ाया जाएगा. उसके बाद आठ बजे से नार्मल स्कूल की तरह मदरसों में पढ़ाई होगी.
स्मार्ट कक्षा की व्यवस्था की जा रही
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स के मुताबिक, बोर्ड में पंजीकृत मदरसे अब विद्यालय की तरह ही चलेंगे. इनमें सुबह के दो घंटे छह से आठ बजे तक धार्मिक शिक्षा दी जाएगी. इसके बाद सुबह आठ से दोपहर दो बजे विद्यालयों की तरह कक्षाएं चलेंगी. एनसीईआरटी की पुस्तकें पढ़ाने के लिए बोर्ड द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी. जिन 10 मदरसों को स्मार्ट बनाया जा रहा है, उनमें स्मार्ट कक्षा की व्यवस्था की जा रही है.
इससे पहले धामी सरकार उत्तराखंड में मदरसों के सर्वे की बात कह चुकी है. उत्तराखंड सरकार कह रही है कि इस सारी कवायद का मकसद अल्पसंख्यक बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाना है.
वक्फ बोर्ड सरकार के साथ
उधर उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के चेयरमेन शादाब शम्स का भी कहना है कि अगर सरकार अल्पसंख्यक बच्चों की बेहतरी के लिए कोई फैसला लेती है तो वक्फ बोर्ड सरकार के फैसले के साथ चलेगा.
उत्तराखंड सरकार का कहना है कि उनकी कोशिश शिक्षा की रौशनी हर बच्चे तक समान रूप से पहुंचाने की है और अब उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के फैसले के बाद सरकार की राह आसान होती दिख रही है.