आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र और इंडिगो एयरलाइंस के को-फाउंडर राकेश गंगवाल ने संस्थान को 100 करोड़ रुपये दान किए. यह उनका अब तक का सबसे बड़ा निजी दान है. उन्होंने यह राशि आईआईटी में बनने वाले स्कूल ऑफ मेडिकल रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी (एसएमआरटी)के निर्माण के लिए दी है.
इस संस्थान को तैयार करने में निदेशक पूर्व छात्रों से पहले भी मदद ले चुके हैं, जिसमें पूर्व छात्र मुकेश पंत और हेमंत जालान ने 18-18 करोड़, डॉ. देव जोनेजा ने 19 करोड़, आरईसी फाउंडेशन ने 14.4 करोड़ और जेके ग्रुप की ओर से 60 करोड़ का दान दिया गया है.
सलाहकार बोर्ड में भी होंगे शामिल
आईआईटी कानपुर में पहले से ही एसएमआरटी की बिल्डिंग तैयार की जा रही है. गंगवाल इस नए संस्थान के सलाहकार बोर्ड में भी शामिल होंगे. IIT कानपुर के डायरेक्टर अभय करंदीकर ने मुंबई में गंगवाल से मुलाकात की, इस दौरान ही गंगवाल ने अपने पूर्व कॉलेज के लिए दान देने की घोषणा की.
5 साल में पूरा होगा एसएमआरटी का काम
इस प्रोजेक्ट का पहला चरण तीन से पांच साल में पूरा किया जाएगा. इसका मकसद चिकित्सा को इंजीनियरिंग के साथ जोड़ना है, जिससे क्रॉस-डिसिप्लिनरी लर्निंग को प्रोत्साहित किया जा सकेगा. आईआईटी कानपुर में करीब 1000 एकड़ में एसएमआरटी बनकर तैयार होगा, जिसमें 247 एकड़ में अस्पताल होगा.
यहां कार्डियोलॉजी, यूरोलॉजी, कार्डियोथोरेसिक, नेफ्रोलॉजी, न्यूरोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और आंकोलॉजी की पढ़ाई होगी. साथ ही न्यूरोलॉजी, आर्थोपेडिक, लिवर, किडनी और कैंसर के इलाज के लिए इंजीनियरिंग की मदद से उपकरण भी विकसित किए जाएंगे.
कौन हैं इतनी बड़ी गुरु दक्षिणा देने वाले राकेश
राकेश गंगवाल का जन्म 1953 में हुआ था. उनकी पूरी स्कूली शिक्षा डॉन बॉस्को (पार्क सर्कस) स्कूल, कोलकाता से हुई. इसके बाद गंगवाल ने 1975 में आईआईटी कानपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की थी. बाद में उन्होंने अमेरिका के प्रसिद्ध पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के व्हार्टन स्कूल से एमबीए भी किया.
राकेश गंगवाल एक अमेरिकी अरबपति व्यवसायी हैं, जोकि इंडिगो एयरलाइन के सह-संस्थापक और 37 प्रतिशत मालिक हैं. वह पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और यूएस एयरवेज समूह के अध्यक्ष हैं. जून 2003 से अगस्त 2007 तक, गंगवाल वर्ल्डस्पैन टेक्नोलॉजीज के अध्यक्ष, अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी भी थे.
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