दिल्ली यूनिवर्सिटी की एग्जीक्यूटिव काउंसिल ने शुक्रवार को बड़ा फैसला लिया है. अगले साल से डीयू में एडमिशन के लिए छात्रों को एंट्रेंस टेस्ट पास करना होगा. ये टेस्ट सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CUCET) के माध्यम से लिया जायेगा. अगले साल यानि 2022-23 में होने वाले एडमिशन के लिए छात्रों को इस एंट्रेंस टेस्ट से होकर गुजरना पड़ेगा.
गौरतलब है कि हर साल लगभग 4 लाख से अभी अधिक छात्र दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए अप्लाई करते हैं. पिछले साल यानि 2021 की बात करें तो लगभग 4 लाख 38 हजार छात्रों ने एडमिशन के लिए अप्लाई किया था. वहीं अगर हम साल 2020 की बात करें तो, तकरीबन 5 लाख 63 हजार छात्रों ने यूजी एडमिशन के लिए एप्लीकेशन फॉर्म भरा था.
एग्जीक्यूटिव काउंसिल ने दी CUCET को मंजूरी
बता दें, शैक्षणिक सत्र 2022-23 से ग्रेजुएशन (UG) और पोस्ट ग्रेजुएशन (PG) कोर्स में प्रवेश के लिए एक मानदंड के रूप में यूनिवर्सिटी की एग्जीक्यूटिव काउंसिल ने सीयूसीईटी को पहले भी मंजूरी दी थी. यूजीसी ने पहले कहा था कि केंद्रीय सेंट्रल यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स के लिए कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CET) शैक्षणिक सत्र 2022-2023 से नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के माध्यम से आयोजित करवाया जा सकता है.
UGC ने लिखा था CET के लिए पत्र
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन (UGC) ने यह भी कहा है कि पीएचडी प्रोग्राम में प्रवेश के लिए नेट स्कोर (net score) का उपयोग किया जाएगा. इसके लिए यूजीसी ने सभी यूनिवर्सिटी के कुलपतियों को पत्र लिखा था. इसमें कहा गया था, “सभी सेंट्रल यूनिवर्सिटी को शैक्षणिक सत्र 2022-2023 से कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के लिए उचित उपाय करने की सलाह दी जाती है. ये टेस्ट 13 भाषाओं में आयोजित किए जाएंगे जिनमें एनटीए पहले से ही जेईई और एनईईटी परीक्षा आयोजित कर रहा है.”
आयोग ने आगे पत्र में कहा था कि कॉमन एंट्रेंस टेस्ट को राज्य या प्राइवेट यूनिवर्सिटी, डीम्ड यूनिवर्सिटीज भी अपना सकती हैं.