कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट-अंडरग्रेजुएट (CUET-UG) की शुरुआत दो साल पहले हुई थी और तब से यह परीक्षा ऑनलाइन आयोजित की जा रही है. लेकिन अब इस एग्जाम को हाइब्रिड मोड में आयोजित किया जाएगा ताकि उम्मीदवारों, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को घर के आसपास परीक्षा देने की अनुमति मिल सके.
पता चला है कि यूजीसी की ओर से राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित इस परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन 19 फरवरी के आसपास शुरू होने की संभावना है. एनटीए और यूजीसी के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, 15 से 31 मई के बीच आयोजित होने वाली परीक्षा के तीसरे एडिशन में कुछ बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे - फॉर्मेट से लेकर सब्जेक्ट्स की संख्या और मुश्किल लेवल तक.
OMR शीट्स होंगी इस्तेमाल
यूजीसी के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने कहा कि जिन सब्जकेस् या विषयों के सबसे ज्यादा रजिस्ट्रेशन होते हैं उनके लिए एग्जाम कंप्यूटर आधारित टेस्ट (CBT) फॉर्मेट के बजाय OMR शीट का इस्तेमाल करके आयोजित किया जाएगा. इस तरह, देश के सभी उम्मीदवारों के लिए एक ही दिन और एक शिफ्ट में इन विशिष्ट विषयों की परीक्षा आयोजित की जा सकेगी.
प्रशासन कई स्कूलों, कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों को परीक्षा हॉल के रूप में उपयोग करने में सक्षम होगा, जैसा NEET जैसी अन्य परीक्षाओं के लिए करते हैं. इससे छात्रों को फायदा होगा, खासकर जो ग्रामीण इलाकों में हैं, उन्हें परीक्षा के लिए दूर-दराज के इलाकों में नहीं जाना पड़ेगा. पिछले साल, लगभग 28 लाख उम्मीदवार CUET UG के लिए बैठे थे. इनमें सबसे ज्यादा आवेदन उत्तर प्रदेश से मिले थे.
हाइब्रिड फॉर्मेट में परीक्षा
हर एक परीक्षा तीन शिफ्ट्स में आयोजित की जाएगी: सुबह 9 बजे से 11 बजे तक, दोपहर 12.30 बजे से दोपहर 2 बजे तक, और शाम 4 बजे से शाम 5.30 बजे तक. हालांकि, हाइब्रिड प्रारूप से "परीक्षा के दिनों" की संख्या भी कम हो जाएगी. साथ ही, कोई भी उम्मीदवार जिन विषयों को चुन सकता हा उन विषयों की संख्या 10 से घटाकर छह कर दी जाएगी. कुमार के अनुसार, एनटीए के आंकड़ों से पता चला है कि बहुत से छात्र सभी 10 विषय विकल्पों को नहीं चुन रहे थे. बड़ी संख्या में विकल्प होने के कारण कुछ छात्रों के लिए परीक्षा केंद्र देने में तकनीकी दिक्कतें भी आ रही थीं.
हालांकि, कुछ छात्र बड़ी संख्या में विकल्प चुन रहे थे, इसलिए केंद्रों का आवंटन बहुत मुश्किल हो गया था. हालांकि, डेटा से पता चलता है कि ज्यादातर छात्र केवल 4 या 5 पेपर दे रहे थे, इस CUET UG में, छात्रों को सिर्फ 6 टेस्ट पेपर देने की अनुमति देंगे, जिसमें तीन डोमेन विषय, दो भाषाएं और सामान्य परीक्षा शामिल होगी. एनटीए यह सुनिश्चित करने पर भी काम कर रहा है कि छात्रों के बीच तनाव से बचने के लिए सीयूईटी यूजी 2024 का कठिनाई स्तर मध्यम रखा जाए.