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शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव! यूपी में खुला देश का पहला निपुण भारत निगरानी केंद्र, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया उद्घाटन

केंद्र में हाई स्पीड इंटरनेट की सुविधा बराबर रहेगी. यहां एक बड़ी एलईडी स्क्रीन भी लगाई गई है. नियंत्रण कक्ष सुबह नौ से शाम पांच बजे तक संचालित होगा. जिले में 2493 परिषदीय विद्यालयों में 600 स्मार्ट क्लास हैं.

यूपी में खुला देश का पहला निपुण भारत निगरानी केंद्र यूपी में खुला देश का पहला निपुण भारत निगरानी केंद्र
हाइलाइट्स
  • बच्चों की नियमित रूप से निगरानी हो सकेगी

  • केंद्र पर बनाया गया नियंत्रण कक्ष

  • हाई स्पीड इंटरनेट की भी होगी सुविधा

भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा लागू की गई निपुण (नेशनल इनिशिएटिव फॉर प्रोफिशिएंसी इन रीडिंग विद अंडरस्टैंडिंग एंड न्यूमेरेसी) योजना बनाई गई है. इस योजना के तहत देश का पहला निपुण निगरानी केंद्र (मॉनिटरिंग सेंटर) विकास भवन में स्थापित किया गया है. जिसका उद्घाटन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया. विकास भवन में बनाए गए इस केंद्र से बेसिक शिक्षा में बड़ा बदलाव आएगा.

बच्चों की नियमित रूप से निगरानी हो सकेगी
परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की नियमित रूप से निगरानी हो सकेगी. बच्चे ने कितना सीखा, उसके सीखने की प्रगति कैसी है, रोज स्कूल आता है या नहीं, स्कूल में मध्याह्न भोजन की स्थिति क्या है, कितने बच्चे स्कूल छोड़ दे रहे हैं आदि बिंदुओं पर भी समय से डाटा उपलब्ध हो सकेगा और उसके आधार पर सुधार किया जाएगा. 2026-27 तक हर बच्चा तीसरी कक्षा के अंत तक पढ़ने-लिखने एवं अंकगणित सीखने की क्षमता विकसित हो सके. 88 लाख रुपये की लागत से स्थापित किए केंद्र का लोकार्पण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किया गया.

केंद्र पर बनाया गया नियंत्रण कक्ष
अत्याधुनिक केंद्र का संचालन की जिम्मेदारी सीडीओ इंद्रजीत सिंह द्वारा किया जायेगा यहाँ एक नियंत्रण कक्ष भी बनाया गया है इसमें 16 एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) एवं शिक्षकों को नियुक्त किया गया है. केंद्र में 16 कंप्यूटर लगाए गए हैं. इसे कॉल सेंटर के रूप में भी विकसित किया गया है. 

हाई स्पीड इंटरनेट की भी होगी सुविधा
केंद्र में हाई स्पीड इंटरनेट की सुविधा बराबर रहेगी. यहां एक बड़ी एलईडी स्क्रीन भी लगाई गई है. नियंत्रण कक्ष सुबह नौ से शाम पांच बजे तक संचालित होगा. जिले में 2493 परिषदीय विद्यालयों में 600 स्मार्ट क्लास हैं. जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के शिक्षकों द्वारा हर महीने प्रश्न पत्र तैयार किए जाएंगे. इन्हें स्कूलों पर भेजा जाएगा. बच्चों को इसे हल करने को दिया जाएगा और उसके बाद स्कूल के शिक्षक ओएमआर शीट पर बच्चों द्वारा दिए गए उत्तर भरेंगे. एक ओएमआर शीट पर आठ बच्चों के उत्तर भरे जा सकते हैं. सरल एप के जरिए ओएमआर शीट स्कैन किया जाएगा. स्कैन करने पर यह ओएमआर ऑनलाइन निगरानी केंद्र पर आ जाएंगे. यहां बच्चों के सीखने की प्रगति का अध्ययन किया जाएगा और जहां कमियां होंगी, वहां एआरपी को भेजकर बच्चों की सीखने की क्षमता को बढ़ाया जाएगा.

स्कूलों की जियो टैगिंग भी होगी
सभी स्कूलों की जियो टैगिंग भी होगी, जिसके जरिए उनकी निगरानी हो सकेगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि निपुण भारत योजना गोरखपुर ही नहीं पूरे प्रदेश में कारगर साबित होगी. इस योजना का लाभ बेसिक शिक्षा परिषद के छात्रों के लिए कारगर साबित होगा. इसके अलावा मिशन प्रेरणा, आपरेशन कायाकल्प, मध्याह्न भोजन योजना, समावेशी शिक्षा समेत विद्यालय स्तर पर संचालित सभी योजनाओं की निगरानी   होगी. बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे कितना सीख पा रहे हैं, उनकी रियल टाइम निगरानी हो सकेगी. यह केंद्र बेसिक शिक्षा में बड़े बदलाव लेकर आएगा. प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय संजय जिलाधिकारी विजय किरन आनंद सीडीओ इंद्रजीत सिंह बीएसए रमेन्द्र कुमार सिंह मौजूद रहे.