देश के कई राज्यों में 12वीं की परीक्षाएं शुरु हो चुकी हैं तो कई जगह परीक्षाओं की तैयारी चल रही है. इसके बाद कॉलेज- यूनिवर्सिटी में दाखिले की दौड़ शुरु हो जाएगी. हालांकि, इस बार सेंट्रल यूनिवर्सिटी में दाखिले की तस्वीर बदली- बदली सी होगी.
खासकर कि दिल्ली यूनिवर्सिटी में, जिसमें भारत तो क्या बाहर के छात्र भी दाखिला लेना चाहते हैं. आपको बता दें कि इस बार दिल्ली यूनिवर्सिटी में दाखिले कट ऑफ से नहीं, बल्कि कॉमन एंट्रेस परीक्षा के जरिए होंगे. अब 12वीं के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी में दाखिले के लिए न तो मार्क्स की टेंशन होगी और न कट ऑफ की अड़चन. 12वीं पास छात्र बस अपनी योग्यता के दम पर अपने मनपसंद कॉलेज और कोर्स में एडमिशन ले सकेंगे.
आखिर क्या है ये कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेस टेस्ट
यूजीसी के मुताबिक अब सेंट्रल यूनिवर्सिटी में एडमिशन कट ऑफ के आधार पर नहीं बल्कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CUCET) के तहत होगा.
DU में दाखिले की नई प्रक्रिया:
अच्छी बात यह है कि कॉमन एंट्रेंस टेस्ट अंग्रेजी और हिन्दी के अलावा मराठी, गुजराती, तमिल, तेलुगु और कन्नड़ समेत 13 भाषाओं में लिया जाएगा. यानी कोई भी छात्र पीछे नहीं छूटेगा. इसलिए अब डीयू का सपना वे छात्र भी देख सकते हैं जो बोर्ड एग्जाम में 90 फीसदी अंक नहीं ला पाते हैं.
हालांकि नई शिक्षा नीति के तहत नए नियम तय कर दिये गए हैं लेकिन नए दाखिला नियम को कई तरह के सवाल बने हुए हैं. जैसे,
1. क्या नए नियम से देश भर के छात्रों को एक समान अवसर मिलेंगे?
दरअसल अलग अलग राज्यों के बोर्ड की मार्किंग के तरीके में फर्क होता है. नए नियम में सबको परीक्षा देनी होगी. यानि बोर्ड की मार्किंग की असमानता का असर नहीं होगा.
2. विषय के चुनाव की आजादी होगी या नहीं?
दरअसल नए नियम के मुताबिक छात्र अपने स्ट्रीम के विषयों की ही परीक्षा दे पाएंगे. ऐसे में अगर छात्र बारहवीं के बाद अपने सबजेक्ट्स चेंज करना चाहता है तो उसके पास क्या रास्ता है?
3. 12वीं की परीक्षा में आए नंबर का एडमिशन में वेटेज होगा या नहीं?
अगर 12वीं की परीक्षा में आए नंबर का एडमिशन में वेटेज नहीं होगा तो फिर बच्चे 12वीं में सिर्फ पास करने के लिए पढ़ेंगे और उनका पूरा फोकस एंट्रेंस की तैयारी पर होगा इससे स्कूली पढ़ाई पर असर हो सकता है
4. क्या इससे ट्यूशन कल्चर को बढ़ावा मिलेगा?
किसी भी एग्जाम की तैयारी के लिए ढेरों प्राइवेट ट्यूशन्स चलते हैं, ऐसे में सवाल ये भी उठता है कि क्या अब नए यूनिवर्सिटी में दाखिले के लिए ट्यूशन लेना होगा?
इन सवालों पर दिल्ली यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर योगेश सिंह का कहना है कि,
CUET से पहले डीयू में क्या था हाल
इन आंकड़ों को देखते हुए यह कहना गलत नहीं है कि कॉमन एंट्रेस टेस्ट अच्छा कदम है. कुछ सवाल है लेकिन मोटे तौर पर शिक्षक और छात्र सभी कॉमन एंट्रेस टेस्ट से खुश हैं. क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे दाखिले की समस्याएं दूर हो जाएंगी. अब दाखिले के लिए योग्यता ही एकमात्र पैमाना होगा.
(Inputs from Shrutika, Tejshree Purandare)