scorecardresearch

CM केजरीवाल ने किया शहीद भगत सिंह आर्म्ड फोर्सेज प्रिपरेटरी स्कूल का उद्घाटन, जानें दिल्ली के पहले सैनिक स्कूल की खासियत  

दिल्ली के पहले सैनिक स्कूल का उद्घाटन कर दिया गया है. शनिवार को सीएम अरविन्द केजरीवाल ने इसका उद्घाटन किया. ये स्कूल पूरी तरह से फ्री है, एडमिशन के लिए कोई फीस नहीं देनी होगा. दरअसल, 20 दिसंबर 2021 को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में संपन्न दिल्ली कैबिनेट की बैठक में इसे बनाने का निर्णय लिया गया था. यहां हर बच्चे को फौज में भर्ती होने की ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि वो एनडीए, नेवी, एयरफोर्स जैसी सेना की सेवाओं में भर्ती हो सकें.

SAINIK SCHOOL SAINIK SCHOOL
हाइलाइट्स
  • आर्मी के ऑफिसर वाले गुण सिखाए जाएंगे 

  • 18 हजार से ज्यादा बच्चों ने किया था आवेदन 

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को दिल्ली के झरोदा कलां में शहीद भगत सिंह आर्म्ड फोर्सेज प्रिपरेटरी स्कूल का उद्घाटन किया. यह दिल्ली का पहला सैनिक स्कूल है. इस अवसर पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब दिल्ली के गरीब से गरीब परिवार के बच्चे भी सेना में अधिकारी बनकर देश की सेवा कर सकेंगे. यह स्कूल स्टेट ऑफ ऑर्ट फैसिलिटी से युक्त है, जो बड़े-बड़े स्कूलों में भी नहीं होती. यहां बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ एनडीए आदि की चार साल तैयारी भी कराई जाएगी.  बच्चों की शिक्षा पूरी तरह फ्री है, ताकि यहां गरीब और अमीर के बीच कोई भेद न हो सके. यहां 80-90 फीसद बच्चे सरकारी स्कूलों से आए हैं.

सीएम ने किया उद्घाटन 

सीएम अरविंद केजरीवाल ने बच्चों से कहा कि स्कूल का नाम शहीद भगत सिंह पर इसलिए रखा गया है, ताकि उनसे हर बच्चे को प्रेरणा मिले. सीएम ने कहा, “आपकी पढ़ाई में गरीब से गरीब आदमी का योगदान है. इसलिए भारत मां के लिए सबकुछ न्यौछावर करने के लिए हमेशा तैयार रहना. उन्होंने कहा कि कई लोग विदेश चले जाते हैं. अगर सभी बाहर चले जाएंगे तो देश को ठीक कौन करेगा? हमारा भारत जैसा भी है, हमारा है. हम ही इसे ठीक करेंगे. इसलिए मैंने सोचा था कि कभी विदेश नहीं जाएंगे. यहीं रहेंगे, यहीं लड़ेंगे, यहीं मरेंगे-कटेंगे और अपने देश को ठीक करेंगे."

दिल्ली का पहला सैनिक स्कूल 

दरअसल, दिल्ली में यह पहला सैनिक स्कूल है. सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली के अंदर कोई सैनिक स्कूल नहीं है, दिल्ली के जो हमारे बच्चे फौज में जाना चाहते हैं और देश की सेवा करना चाहते हैं, देश के लिए मर-मिटना चाहते हैं, देश की सुरक्षा क्षेत्र में जाना चाहते हैं. उनके लिए कोई औपचारिक सिस्टम नहीं है, जो उनको फौज में भर्ती के लिए तैयार कर सके. बहुत सारे बच्चे अपने से फौज में जाते थे. बहुत सारे बच्चे अपने एनडीए समेत अलग-अलग परीक्षाओं की तैयारी करते थे. अन्य राज्यों के अंदर कई सारे सैनिक स्कूल थे, लेकिन दिल्ली के अंदर कोई सैनिक स्कूल नहीं था. हमने सोचा कि दिल्ली के अंदर सैनिक स्कूल होना चाहिए. एक साल पहले हमने इसकी तैयारी शुरू की. जब तैयारी हमने शुरू की थी, तब हमें यह उम्मीद नहीं थी कि एक साल के अंदर यह बनकर तैयार हो जाएगा और पहला बैच एक साल के अंदर आ जाएगा. 

आर्मी के ऑफिसर वाले गुण सिखाए जाएंगे 

सैनिक स्कूल के बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए  मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यहां पर सारे ऑफिसर के गुण सिखाए जाएंगे. साइकोमेट्रिक टेस्ट, ग्रुप टास्क, मॉक इंटरव्यू करावाए जाएंगे और व्यक्तित्व विकास किया जाएगा. साथ ही वर्कशॉप कराई जाएंगी, जो बड़े-बड़े स्कूलों में नहीं होता है. एनडीए, नेवल अकेडमी, यूनिफार्म सर्विसेज के जितने इंट्रेंस एग्जाम है, उन सबके लिए बच्चों को तैयार किया जाएगा. 

फौज के रिटायर्ड ऑफिसर्स बुलाए जाएंगे 

आगे अरविंद केजरीवाल ने बताया कि बच्चों को पेपर के हिसाब से पढ़ाया जाएगा. ताकि ज्यादा से ज्यादा बच्चे क्वालीफाई करें और एनडीए के अंदर जाएं. इसके साथ फौज के रिटायर्ड ऑफिसर्स, विशेषज्ञ को बुलाया जायेगा और उनसे कोचिंग करवाई जाएगी. इसके साथ हॉस्टल सुविधाएं भी दी जाएंगी. दिल्ली के स्कूलों से पास आउट और दिल्ली के रहने वाले जितने बच्चे हैं, उन सभी बच्चों का यहां एडमिशन दिया जाएगा. 

पूरी तरह से फ्री होगा स्कूल  

यह स्कूल पूरी तरह से निःशुल्क होगा. स्कूल में छात्रों के लिए आवासीय सुविधा भी मिलेगी. स्कूल में जितने भी बच्चे दाखिला लेंगे, वे वहीं पर हॉस्टल में रहेंगे. लड़कों और लड़कियों का अलग-अलग हॉस्टल होगा. स्कूल में बच्चों अंदर फौज में ऑफिसर की जो क्वालिटी होती है, उस स्तर की क्वालिटी विकसित की जाएगी. स्कूल में एनडीए समेत दूसरी आर्म्ड सर्विसेस के लिए बच्चों को तैयार किया जाएगा. दिल्ली में रहने वाला कोई भी बच्चा 9वीं और 11वीं कक्षा में दाखिला ले सकता है. 9वीं और 11वीं कक्षा में 100-100 सीटें होंगी. जिसमें 60 लड़के होंगे और 40 लड़कियां होंगी.  इस साल से इसकी कक्षाएं शुरू हो रही हैं. 

18 हजार से ज्यादा बच्चों ने किया था आवेदन 

आर्म्ड फोर्सेज प्रिपरेटरी स्कूल में 9वीं और 11वीं कक्षा में एडमिशन लेने के लिए करीब 18541 बच्चों ने आवेदन किया था. इन 18541 छात्रों में 9वीें के लिए 7265 और 11वीं के लिए 11275 छात्रों ने आवेदन किया था. इन में से 9वीें कक्षा में एडमिशन लेने के लिए आवेदन करने वोल 400 छात्रों को और 11वीं में एडमिशन लेने के लिए आवेदन करने वाले 405 छात्रों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया था. 9वीं और 11वीं के लिए 100-100 छात्रों को मेडिकल के लिए बुलाया गया. वर्तमान में 9वीं में 89 और 11वीं 91 छात्रों का एडमिशन लिया गया है.