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Delhi Schools Quota Admission: EWS के तहत 5 लाख इनकम वाली फैमिली के बच्चों का होगा एडमिशन, LG ने दी मंजूरी

दिल्ली में कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए अच्छी खबर आई है. अब 5 लाख रुपए सालाना इनकम वाली गरीब फैमिली के बच्चों को इस कोटे के तहत दाखिला मिलेगा. इससे पहले ये आय सीमा 2.5 लाख रुपए थी. दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने सालाना आय सीमा बढ़ाने की मंजूरी दे दी है.

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दिल्ली में रहने वाले गरीब बच्चों के लिए गुड न्यूज है. दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS) और वंचित समूहों के छात्रों के लिए वार्षिक आय की सीमा को बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये करने की मंजूरी दी है. यह कदम दिल्ली के निजी स्कूलों में EWS सीटों का लाभ उठाने के लिए आरक्षित और सामान्य, सभी श्रेणियों के छात्रों के एक बड़े हिस्से को योग्य बनाएगा.

5 लाख इनकम वाले EWS में शामिल-
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 5 दिसंबर 2023 के अपने आदेश में दिल्ली सरकार को मौजूदा 1 लाख रुपये की सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का निर्देश दिया था. हालांकि दिल्ली सरकार ने अक्टूबर 2024 के अंत में मुख्यमंत्री के माध्यम से सिर्फ 2.5 लाख रुपये की सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया था.

उपराज्यपाल ने 2.5 लाख रुपये की सीमा की मंजूरी देते समय मुख्यमंत्री को इस सीमा पर पुनर्विचार करने और इसे कम से कम 5 लाख रुपये तक बढ़ाने की सिफारिश की थी. इसके बाद 13 नवंबर 2024 के एक आदेश में उच्च न्यायालय ने देखा कि इसके पहले के आदेशों का पालन नहीं किया गया है.

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इससे दिल्ली सरकार को फिर से सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने और आज उपराज्यपाल को मंजूरी के लिए भेजना पड़ा.

कोटे से दाखिले के लिए क्या है जरूरी-
आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के छात्रों को स्कूलों में दाखिला के लिए वार्षिक आय सीमा को बढ़ा दिया गया है. अब ये सीमा 5 लाख रुपए तक कर दी गई है. इसकी मंजूरी राज्यपाल ने दे दी है. चलिए आपको बताते हैं कि EWS कोटे के तहत एडमिशन के लिए क्या-क्या होना जरूरी है.

  • सबसे पहले फैमिली की सालाना आय 5 लाख रुपए होनी चाहिए.
  • अभिभावक सिर्फ 2 बच्चों के लिए EWS कैटेगरी में दाखिले का  लाभ उठा सकते हैं.
  • इस कैटेगरी में दाखिला लेने वाला दिल्ली का स्थाई निवासी होना चाहिए.
  • निजी स्कूलों में 25 फीसदी सीटें EWS कोटे के लिए रिजर्व हैं.

यह कदम दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में एक सकारात्मक बदलाव की दिशा में उठाया गया है. इससे अधिक छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा और समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के उत्थान में सहायक होगा. इससे न केवल छात्रों को, बल्कि उनके परिवारों को भी लाभ होगा, जो अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाने का सपना देखते हैं.

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