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Delhi University में आप भी हैं Fresher? पहले ही जान लें Anti-Ragging से जुड़े नियम, कैसे रखें खुद को सेफ

दिल्ली यूनिवर्सिटी विश्वविद्यालय ने 12 अगस्त, 2024 को 'एंटी-रैगिंग दिवस' मनाया है. ये पहल रैगिंग रोकने और नए छात्रों को सुरक्षित माहौल देने के लिए शुरू की गई है. इसके तहत यूनिवर्सिटी में सेमिनार और वर्कशॉप की जाएंगी.

Anti Ragging Rules (Representative Image) Anti Ragging Rules (Representative Image)
हाइलाइट्स
  • डीयू में की गई है पहल 

  • रैगिंग से निपटने के लिए किए जा रहे हैं उपाय 

किसी भी छात्र के लिए कॉलेज में एडमिशन लेना जिंदगी का एक बड़ा पड़ाव होता है. लेकिन कई बार न चाहते हुए भी नए छात्रों का कॉलेज में असामाजिक तत्वों से पाला पड़ जाता है. इसमें सबसे कॉमन है रैगिंग. हाल ही में अखबारों में रैगिंग की दो गंभीर घटनाएं सामने आई हैं. 

ESI मेडिकल कॉलेज में सेकंड ईयर के बारह छात्रों को एक जूनियर के साथ रैगिंग करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया. इसी तरह, विशाखापत्तनम के एयू इंजीनियरिंग कॉलेज में सेकंड ईयर के आठ छात्रों पर जूनियर छात्रों को अर्धनग्न होकर परेड करने के लिए मजबूर करने और उनके साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया गया था.

इन गंभीर मामलों के बीच, जरूरी है कि फ्रेशर्स को रैगिंग क्या है और इससे जुड़े नियमों के बारे में पता हो. 

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कैसे करें रैगिंग की पहचान?
रैगिंग का मतलब है जब नए या जूनियर छात्रों का उनके सीनियर्स किसी तरह का उत्पीड़न करते हैं या धमकाते हैं. यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) के अनुसार, रैगिंग में कई चीजें शामिल हैं:

1. छेड़खानी: कोई भी आचरण जिसमें किसी नए या जूनियर को चिढ़ाना, दुर्व्यवहार करना या अशिष्टता से व्यवहार करना शामिल है.

2. अनुशासनहीन व्यवहार: ऐसी एक्टिविटी जिससे जूनियर छात्रों को मेंटली प्रेशर झेलना पड़े, रैगिंग है.   

3. शर्मिंदगी: छात्रों को ऐसे कार्य करने के लिए मजबूर करना जो शर्मिंदगी का कारण बनते हैं, जिससे उनकी मेंटल और फिजिकल हेल्थ प्रभावित होती है.

रैगिंग जूनियर्स से मामूली काम कराने से लेकर शारीरिक शोषण और सार्वजनिक अपमान जैसे गंभीर रूपों तक हो सकती है. 

आपकी रैगिंग हो रही है तो क्या करें
अगर आपकी रैगिंग हो रही है तो आप कई चीजें कर सकते हैं: 

1. अधिकारियों को रिपोर्ट करें: आप अपने विभाग के प्रमुख या अपने कॉलेज में रैगिंग विरोधी समिति के सदस्यों से संपर्क कर सकते हैं. यूजीसी के आदेशानुसार हर संस्थान में एक एंटी-रैगिंग सेल होना चाहिए. 

2. गुमनाम रिपोर्टिंग: अगर आपको अपने नाम आने का डर है, तो आप गुमनाम रूप से रैगिंग की रिपोर्ट करने के लिए सुझाव बॉक्स या ऑनलाइन फॉर्म का उपयोग कर सकते हैं. इसको लेकर डिटेल्स आमतौर पर आपके कॉलेज की वेबसाइट पर होती हैं. 

3. मदद लें: अगर आप सीधे रिपोर्ट करने में असहज महसूस करते हैं, तो आप एंटी-रैगिंग सेल को गुमनाम रूप से लिख सकते हैं या किसी एक्सपर्ट से मदद ले सकते हैं.

हालांकि, अगर किसी की रैगिंग हो रही है तब भी आप शिकायत कर सकते हैं. इसके लिए आप एंटी-रैगिंग सेल को सूचित कर सकते हैं या अधिकारियों को एक गुमनाम ईमेल भेज सकते हैं. आप यूजीसी वेबसाइट के ऑनलाइन कंप्लेंट सिस्टम का भी उपयोग कर सकते हैं या टोल-फ्री हेल्पलाइन 18001805522 पर कॉल कर सकते हैं.

डीयू में की गई है पहल 
हाल ही में दिल्ली यूनिवर्सिटी विश्वविद्यालय ने 12 अगस्त, 2024 को 'एंटी-रैगिंग दिवस' मनाया है. ये पहल रैगिंग रोकने और नए छात्रों को सुरक्षित माहौल देने के लिए शुरू की गई है. इसके तहत यूनिवर्सिटी में सेमिनार और वर्कशॉप की जाएंगी. इससे छात्रों को रैगिंग को लेकर जागरूक किया जाएगा.

इसके अलावा, छात्रों को रचनात्मक तरीके से नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से जागरूक किया जाएगा. साथ ही इससे निपटने के तरीके बताएं जाएंगे. 

रैगिंग से निपटने के लिए उपाय 
रैगिंग की समस्या से निपटने के लिए डीयू ने कई उपाय लागू किए हैं:

1. पुलिसकर्मियों की तैनाती: गतिविधियों पर नजर रखने और जरूरत पड़ने पर तत्काल सहायता देने के लिए पुलिस अधिकारियों को कॉलेज परिसरों के बाहर तैनात किया जाएगा. इससे संभावित अपराधियों को रोकने में मदद मिलेगी. 

2. एंटी-रैगिंग पोस्टर: यूनिवर्सिटी कैंपस के चारों ओर अंग्रेजी और हिंदी दोनों में पोस्टर लगाए जाएंगे. ये पोस्टर छात्रों को रैगिंग विरोधी नीतियों के बारे में बताएंगे. 

3. हेल्पलाइन नंबर और कंप्लेंट बॉक्स: छात्रों के पास कैंपस के चारों ओर रणनीतिक रूप से रखे गए हेल्पलाइन और शिकायत बॉक्स तक पहुंच होगी. अगर छात्र चाहें तो रैगिंग की किसी भी घटना की गुमनाम रूप से रिपोर्ट करना चाहते हैं तो वे कर सकेंगे.

4. हिम्मत एंटी-रैगिंग ऐप: यूनिवर्सिटी ने हिम्मत ऐप जारी किया है, जो छात्रों को अपने फोन से सीधे रैगिंग की घटनाओं की रिपोर्ट करने की अनुमति देता है. यह ऐप किसी भी मुद्दे के बारे में अधिकारियों को सचेत करने का एक सुविधाजनक और गोपनीय तरीका देगा.

5. एंटी-रैगिंग कंट्रोल रूम: डीयू ने पांच संयुक्त और डिप्टी प्रॉक्टर से मिलकर एक कंट्रोल रूम बनाया किया है. ये अधिकारी छात्रों की शिकायतें सुनने और रैगिंग से संबंधित किसी भी चिंता का समाधान करने के लिए उपलब्ध रहेंगे. 

6. अंडरकवर पुलिस अधिकारी: रैगिंग को रोकने और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए, कॉलेजों और हॉस्टल के बाहर सादे कपड़ों में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. महिला कॉलेजों में, छेड़छाड़ या रैगिंग की किसी भी घटना को रोकने के लिए सिविल ड्रेस में महिला पुलिस अधिकारी कैंपस की निगरानी करेंगी.